भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को एक बार फिर पत्र लिखा है. जिसमे उन्होंने लॉकडाउन के दौरान दूसरे प्रदेशों से लौटे प्रदेश के मजदूरों के लिए बेहतर रोजगार व्यवस्था उपलब्ध कराने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि कई मजदूर ऐसे थे, जो सालों से बाहर थे. इस दौरान वे अपने काम के मामले में कुशल कामगार बन गए थे, लेकिन उन्हें यहां पर उस स्तर का रोजगार नहीं मिल पा रहा है. ऐसे लोगों के लिए सरकार को योजना बनाकर रोजगार उपलब्ध कराना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उन्हें रोजगार उपलब्ध नहीं करा सकती है, तब तक प्रतिमाह प्रति व्यक्ति को 75 सौ रूपए बेरोजगारी भत्ता देने की व्यवस्था करें.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को लिखे पत्र में कमलनाथ ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में रह रहे लाखों श्रमिक वापस लौटे हैं. जिसमें से कई लोग अनुभव के बाद कुशलतर कामगार हो गए थे और बेहद अच्छा वेतन पाते थे. लेकिन लॉकडाउन के दौरान सरकार की कोई स्पष्ट कार्य योजना ना होने से इन्हें निराश होकर मजबूरन वापस अपने प्रदेश में लौटना पड़ा. इन श्रमिकों को अकुशल,अर्ध कुशल एवं कुशल कामगार की श्रेणी में विभाजित किया जा सकता है. इनके कौशल स्तर के अनुरूप रोजगार के साधन अब तक उपलब्ध नहीं कराए गए हैं और ना ही कोई स्पष्ट योजना की जानकारी है, ऐसे में इनके परिवार पर रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है.
उन्होंने लिखा है कि कोरोना से उत्पन्न इन विपरीत परिस्थितियों में यह बहुत आवश्यक है कि प्रदेश सरकार इन कामगारों के साथ ना केवल कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हो, बल्कि उन्हें आवश्यकता अनुसार उचित सहयोग और राहत भी प्रदान करें. उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि इस विषय में कोई ठोस कार्ययोजना के साकार रूप लेने तक इन्हें 75 सौ रुपए प्रतिमाह प्रति व्यक्ति बेरोजगारी भत्ते के रूप में दिया जाए. ताकि कामगारों को अपना जीवन यापन सुचारू रूप से चलाने में कठिनाई ना हो.