भोपाल। मध्य प्रदेश के जूनियर डॉक्टर सोमवार यानि 30 मई से हड़ताल पर हैं. अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर वह यह हड़ताल कर रहे हैं. जिस वजह से सभी जनरल ओपीडी बंद हैं. वहीं मंगलवार यानि 1 जून से कोरोना के इलाज में लगे डॉक्टरों ने भी काम बंद करने की चेतावनी सरकार को दी है.
दरअसल यह सभी डॉक्टर 1 साल का बांड नहीं भरने, कोरोना काल में ड्यूटी में लगे डॉक्टर्स को प्रशस्ति पत्र और स्टाइपेंड बढ़ाने जैसी मांग सरकार से कर रहे हैं. इसके पहले भी यह सभी डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर गए थे. लेकिन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से बातचीत के बाद उन्होंने अपनी हड़ताल स्थगित कर दी थी. लेकिन अब एक बार फिर यह सभी डॉक्टर हड़ताल पर जाने को मजबूर हैं.
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल खत्म, स्वास्थ्य मंत्री ने 15 दिना का मांगा समय
स्वास्थ्य सेवाओं पर असर
हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाएं भी काफी प्रभावित हो रही हैं. वहीं सोमवार को कई मेडिकल कॉलेजों में जो जनरल ऑपरेशन होने थे, उन्हें भी कई अस्पतालों ने टाल दिया है. ऐसे में मंगलवार से कोरोना की ओपीडी भी बंद होने के चलते सरकार के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद मीणा ने एक लेटर जारी कर सरकार को चेतावनी भी दी है.
हमने 2 दिन पहले सरकार को अपने स्ट्राइक को लेकर एक नोटिस दिया था कि अगर 30 तारीख तक हमारी मांगे नहीं मानी गईं, तो हम 31 तारीख को पूरे मध्यप्रदेश में सारे मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी और रूटीन सुविधाएं बंद कर देंगे. मगर सरकार ने इस पर कोई भी उचित कार्यवाही नहीं की. इसलिए हम जूनियर डॉक्टर्स पूरे मध्यप्रदेश में अब 31 तारीख से सारी एमरजेंसी और रूटीन सुविधाएं बंद करेंगे. अगर अभी भी इस पर कुछ उचित कार्रवाई नहीं होती है, तो 1 जून से कोविड ड्यूटी भी बंद कर देंगे.
- अरविंद मीणा, प्रदेश अध्यक्ष, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन