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निगम मंडलों में नियमों के हिसाब से हो रही हैं नियुक्तियां: जेपी धनोपिया

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Published : Mar 18, 2020, 8:04 AM IST

Updated : Mar 18, 2020, 8:17 AM IST

मुख्यमंत्री कमलनाथ के द्वारा निगम मंडलों और कई आयोगों में खाली पड़े पदों पर कांग्रेस नेताओं की नियुक्ति की जा रही है. बीजेपी के सवालों पर नवनिर्वाचित अध्यक्ष जेपी धनोपिया ने कहा कि जो नियुक्तियां की जा रही हैं वे सभी नियमों के दायरे में की जा रही है और बीजेपी को संवैधानिक पदों का अपमान नहीं करना चाहिए.

BJP is insulting constitutional posts: JP Dhanopia
बीजेपी कर रही है संवैधानिक पदों का अपमान: जेपी धनोपिया

भोपाल| मध्यप्रदेश का सियासी समीकरण पल-पल बदल रहा है. मुख्यमंत्री कमलनाथ अपनी कुर्सी बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. वही सीएम कमलनाथ के द्वारा निगम मंडलों और कई आयोगों में खाली पड़े पदों पर कांग्रेस नेताओं की नियुक्ति की जा रही है लेकिन अचानक हो रही इन नियुक्तियों पर विपक्ष अड़ गया है. बीजेपी ने मामले की शिकायत राज भवन से की है, क्योंकि जिन परिस्थितियों से, प्रदेश सरकार गुजर रही है ऐसे हालातों में ताबड़तोड़ नियुक्तियों पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.

बीजेपी कर रही है संवैधानिक पदों का अपमान: जेपी धनोपिया

वहीं नवनिर्वाचित अध्यक्ष जेपी धनोपिया का मानना है कि जो नियुक्तियां की जा रही है वे सभी नियमों के दायरे में की जा रही है और बीजेपी को संवैधानिक पदों का अपमान नहीं करना चाहिए. मध्य प्रदेश से पिछड़ा वर्ग आयोग के नवनिर्वाचित अध्यक्ष जेपी धनोपिया का कहना है कि मुख्यमंत्री ने मुझ पर विश्वास करते हुए, मुझे प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बनाया है. मैं उनके इस विश्वास के लिए उनका आभारी हूं और मैं कोशिश करूंगा कि अपने काम से उनके विश्वास को कायम रखूं. उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग के लिए प्रदेश सरकार के द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाना, पिछड़ा वर्ग के लोगों को आ रही समस्याओं का निदान करना, जो लोग लगातार पिछड़े हुए हैं उन्हें भी आगे ना कर सरकार की योजनाओं का लाभ दिलवाना, मेरे कार्यों में प्रमुख रहेगा.

पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार से जो भी सहायता मिल सकती है पिछड़ा वर्ग आयोग के माध्यम से लोगों तक पहुंचाना मेरा उद्देश्य रहेगा. इस आयोग के माध्यम से लोगों तक जो भी अच्छे काम किए जा सकते हैं वह सभी करने के प्रयास किए जाएंगे.

बीजेपी पर साधा निशाना

निगम मंडलों की नियुक्तियों को लेकर बीजेपी लगातार सवाल खड़े कर रही है. इसे लेकर जेपी धनोपिया ने कहा कि बीजेपी को इस तरह की नियुक्तियों को लेकर किसी भी प्रकार से बोलने का अधिकार नहीं है, क्योंकि बीजेपी के शासन काल के दौरान निगम मंडलों में जिन लोगों की नियुक्तियां की गई थी आज भी काम कर रहे हैं योग्यता के अनुसार काम देना मुख्यमंत्री का दायित्व होता है और इसे लेकर बीजेपी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए और यदि बीजेपी को किसी प्रकार की आपत्ति है तो वह इस पर एक्शन ले सकते हैं.

कमलनाथ सरकार की तारीफ

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस बात को महसूस किया है कि प्रदेश में सरकार बनने से पहले और सरकार बनने के बाद जिन लोगों ने पूरी सक्रियता से काम किया है उन्हें इस तरह के पद दिए जाने चाहिए थे और यही वजह है कि अब सभी लोगों को लगातार पद दिए जा रहे हैं और सभी चुने हुए लोगों को नई जिम्मेदारियों से नवाजा जा रहा है. ताकि और बेहतर काम किया जा सके.

मौजूदा परिस्थितियों का नियुक्तियों से नहीं है कोई लेना देना

नवनिर्वाचित अध्यक्ष जेपी धनोपिया ने कहा कि जो परिस्थितियां अभी बनी हुई है, उससे निगम मंडलों में हो रही भर्ती का कोई लेना देना नहीं है. वही जब उनसे पूछा गया कि 10 पदों की नियुक्ति हुई है उसकी जानकारी राज्यपाल को नहीं दी गई है ऐसा बीजेपी के द्वारा आरोप लगाया गया है इसके जवाब में उन्होंने कहा कि बीजेपी के बोलने से क्या होता है बीजेपी तो कुछ भी मांग कर सकती है बीजेपी कह रही है कि विधानसभा को भंग कर दो बीजेपी कहती है कि इन लोगों का फ्लोर टेस्ट करा दो, लेकिन जो नियम और कायदे होते हैं उसका अध्ययन भी बीजेपी को करना चाहिए. उसके बाद ही इस प्रकार की बातें करनी चाहिए हमें यही समझ में नहीं आ रहा है कि जो आयोग है और इन आयोगों में जो नियुक्तियां की जा रही हैं उसे लेकर उन्हें किस प्रकार की आपत्ति है जबकि बीजेपी के लोग आज भी आयोग के अध्यक्ष पद पर काम कर रहे हैं.

विधायक दल की बैठक पर दी सफाई

वहीं जब उनसे पूछा गया कि संवैधानिक पद पर होने के बावजूद भी मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित की गई विधायक दल की बैठक में आप शामिल हुए हैं इसे लेकर उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री निवास में आयोजित विधायक दल की बैठक में नहीं गया था. मैं तो मुख्यमंत्री से सौजन्य भेंट करने के लिए गया था. इसके अलावा महिला आयोग की अध्यक्ष शोभा ओझा भी सौजन्य भेंट करने के लिए ही यहां पर आई थी वहीं जब उनसे पूछा गया कि बीजेपी ने साफ कर दिया है कि जो नीतियां इस समय की जा रही है यदि प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनती है तो इन सभी नियुक्तियों को निरस्त कर दिया जाएगा इसे लेकर जेपी धनोपिया ने कहा कि यदि उनमें साहस है तो आज ही घोषणा कर दें कि वे नियुक्तियों को निरस्त करेंगे कानून व्यवस्था नाम की चीज भी कुछ होती है यदि ऐसा वे कह रहे हैं तो उन्हें यह बात सोचनी चाहिए कि संवैधानिक पदों को लेकर इस प्रकार की बातें नहीं की जाती हैं और यदि वे इस प्रकार की बातें कर रहे हैं तो इसका मतलब यही है कि वे संवैधानिक व्यवस्थाओं का अपमान कर रहे हैं.

बीजेपी के राज्यसभा प्रत्याशी पर बोले जेपी धनोपिया

बीजेपी के राज्यसभा प्रत्याशी को लेकर कांग्रेस की ओर से दर्ज कराई गई आपत्ति को खारिज किए जाने के पर जेपी धनोपिया ने कहा कि मुझे इस विषय में कोई जानकारी नहीं है कि आखिर आपत्ति को क्यों खारिज किया गया है जानकारी मिलने के बाद ही इस पर कोई बात कही जा सकती है.

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और फूल सिंह बरैया के द्वारा ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी के नामांकन को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई थी हालांकि चुनाव आयोग ने नामांकन को वैध करार दे दिया है दोनों पक्षों की ओर से करीब 2 घंटे रिटर्निंग ऑफिसर ए पी सिंह के समक्ष दोनों ही राजनीतिक दलों के द्वारा दलित दी गई थी जिसके बाद कांग्रेस उम्मीदवारों की ओर से उठाई गई आपत्तियों को खारिज करने का फैसला सुनाया गया है इसके बाद यह साफ हो गया है कि 26 मार्च को राज्यसभा की 3 सीटों के लिए चुनाव होगा .

भोपाल| मध्यप्रदेश का सियासी समीकरण पल-पल बदल रहा है. मुख्यमंत्री कमलनाथ अपनी कुर्सी बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. वही सीएम कमलनाथ के द्वारा निगम मंडलों और कई आयोगों में खाली पड़े पदों पर कांग्रेस नेताओं की नियुक्ति की जा रही है लेकिन अचानक हो रही इन नियुक्तियों पर विपक्ष अड़ गया है. बीजेपी ने मामले की शिकायत राज भवन से की है, क्योंकि जिन परिस्थितियों से, प्रदेश सरकार गुजर रही है ऐसे हालातों में ताबड़तोड़ नियुक्तियों पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.

बीजेपी कर रही है संवैधानिक पदों का अपमान: जेपी धनोपिया

वहीं नवनिर्वाचित अध्यक्ष जेपी धनोपिया का मानना है कि जो नियुक्तियां की जा रही है वे सभी नियमों के दायरे में की जा रही है और बीजेपी को संवैधानिक पदों का अपमान नहीं करना चाहिए. मध्य प्रदेश से पिछड़ा वर्ग आयोग के नवनिर्वाचित अध्यक्ष जेपी धनोपिया का कहना है कि मुख्यमंत्री ने मुझ पर विश्वास करते हुए, मुझे प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बनाया है. मैं उनके इस विश्वास के लिए उनका आभारी हूं और मैं कोशिश करूंगा कि अपने काम से उनके विश्वास को कायम रखूं. उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग के लिए प्रदेश सरकार के द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाना, पिछड़ा वर्ग के लोगों को आ रही समस्याओं का निदान करना, जो लोग लगातार पिछड़े हुए हैं उन्हें भी आगे ना कर सरकार की योजनाओं का लाभ दिलवाना, मेरे कार्यों में प्रमुख रहेगा.

पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार से जो भी सहायता मिल सकती है पिछड़ा वर्ग आयोग के माध्यम से लोगों तक पहुंचाना मेरा उद्देश्य रहेगा. इस आयोग के माध्यम से लोगों तक जो भी अच्छे काम किए जा सकते हैं वह सभी करने के प्रयास किए जाएंगे.

बीजेपी पर साधा निशाना

निगम मंडलों की नियुक्तियों को लेकर बीजेपी लगातार सवाल खड़े कर रही है. इसे लेकर जेपी धनोपिया ने कहा कि बीजेपी को इस तरह की नियुक्तियों को लेकर किसी भी प्रकार से बोलने का अधिकार नहीं है, क्योंकि बीजेपी के शासन काल के दौरान निगम मंडलों में जिन लोगों की नियुक्तियां की गई थी आज भी काम कर रहे हैं योग्यता के अनुसार काम देना मुख्यमंत्री का दायित्व होता है और इसे लेकर बीजेपी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए और यदि बीजेपी को किसी प्रकार की आपत्ति है तो वह इस पर एक्शन ले सकते हैं.

कमलनाथ सरकार की तारीफ

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस बात को महसूस किया है कि प्रदेश में सरकार बनने से पहले और सरकार बनने के बाद जिन लोगों ने पूरी सक्रियता से काम किया है उन्हें इस तरह के पद दिए जाने चाहिए थे और यही वजह है कि अब सभी लोगों को लगातार पद दिए जा रहे हैं और सभी चुने हुए लोगों को नई जिम्मेदारियों से नवाजा जा रहा है. ताकि और बेहतर काम किया जा सके.

मौजूदा परिस्थितियों का नियुक्तियों से नहीं है कोई लेना देना

नवनिर्वाचित अध्यक्ष जेपी धनोपिया ने कहा कि जो परिस्थितियां अभी बनी हुई है, उससे निगम मंडलों में हो रही भर्ती का कोई लेना देना नहीं है. वही जब उनसे पूछा गया कि 10 पदों की नियुक्ति हुई है उसकी जानकारी राज्यपाल को नहीं दी गई है ऐसा बीजेपी के द्वारा आरोप लगाया गया है इसके जवाब में उन्होंने कहा कि बीजेपी के बोलने से क्या होता है बीजेपी तो कुछ भी मांग कर सकती है बीजेपी कह रही है कि विधानसभा को भंग कर दो बीजेपी कहती है कि इन लोगों का फ्लोर टेस्ट करा दो, लेकिन जो नियम और कायदे होते हैं उसका अध्ययन भी बीजेपी को करना चाहिए. उसके बाद ही इस प्रकार की बातें करनी चाहिए हमें यही समझ में नहीं आ रहा है कि जो आयोग है और इन आयोगों में जो नियुक्तियां की जा रही हैं उसे लेकर उन्हें किस प्रकार की आपत्ति है जबकि बीजेपी के लोग आज भी आयोग के अध्यक्ष पद पर काम कर रहे हैं.

विधायक दल की बैठक पर दी सफाई

वहीं जब उनसे पूछा गया कि संवैधानिक पद पर होने के बावजूद भी मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित की गई विधायक दल की बैठक में आप शामिल हुए हैं इसे लेकर उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री निवास में आयोजित विधायक दल की बैठक में नहीं गया था. मैं तो मुख्यमंत्री से सौजन्य भेंट करने के लिए गया था. इसके अलावा महिला आयोग की अध्यक्ष शोभा ओझा भी सौजन्य भेंट करने के लिए ही यहां पर आई थी वहीं जब उनसे पूछा गया कि बीजेपी ने साफ कर दिया है कि जो नीतियां इस समय की जा रही है यदि प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनती है तो इन सभी नियुक्तियों को निरस्त कर दिया जाएगा इसे लेकर जेपी धनोपिया ने कहा कि यदि उनमें साहस है तो आज ही घोषणा कर दें कि वे नियुक्तियों को निरस्त करेंगे कानून व्यवस्था नाम की चीज भी कुछ होती है यदि ऐसा वे कह रहे हैं तो उन्हें यह बात सोचनी चाहिए कि संवैधानिक पदों को लेकर इस प्रकार की बातें नहीं की जाती हैं और यदि वे इस प्रकार की बातें कर रहे हैं तो इसका मतलब यही है कि वे संवैधानिक व्यवस्थाओं का अपमान कर रहे हैं.

बीजेपी के राज्यसभा प्रत्याशी पर बोले जेपी धनोपिया

बीजेपी के राज्यसभा प्रत्याशी को लेकर कांग्रेस की ओर से दर्ज कराई गई आपत्ति को खारिज किए जाने के पर जेपी धनोपिया ने कहा कि मुझे इस विषय में कोई जानकारी नहीं है कि आखिर आपत्ति को क्यों खारिज किया गया है जानकारी मिलने के बाद ही इस पर कोई बात कही जा सकती है.

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और फूल सिंह बरैया के द्वारा ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी के नामांकन को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई थी हालांकि चुनाव आयोग ने नामांकन को वैध करार दे दिया है दोनों पक्षों की ओर से करीब 2 घंटे रिटर्निंग ऑफिसर ए पी सिंह के समक्ष दोनों ही राजनीतिक दलों के द्वारा दलित दी गई थी जिसके बाद कांग्रेस उम्मीदवारों की ओर से उठाई गई आपत्तियों को खारिज करने का फैसला सुनाया गया है इसके बाद यह साफ हो गया है कि 26 मार्च को राज्यसभा की 3 सीटों के लिए चुनाव होगा .

Last Updated : Mar 18, 2020, 8:17 AM IST
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