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नगरीय निकाय चुनाव में फुर्र हुए विकास के मुद्दे, रामलीला मंच बनाने पर भिड़ी कांग्रेस-बीजेपी - municipal body elections

नगरीय निकाय चुनाव के पहले कांग्रेस ने हर नगरीय निकाय में रामलीला मंच बनाने का ऐलान किया है. बीजेपी इसे वोट बैंक की राजनीति बताकर राज्य सरकार पर हमलावर हो गई है.

Congress clashed with Ramlila forum
रामलीला मंच बनाने को लेकर भिड़ी कांग्रेस बीजेपी
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Published : Dec 8, 2019, 2:04 PM IST

Updated : Dec 8, 2019, 3:34 PM IST

भोपाल। नगरीय निकाय चुनाव के पहले कांग्रेस ने हर निकाय में रामलीला मंच बनाने का ऐलान किया है. बीजेपी इसे वोट बैंक की राजनीति बताकर राज्य सरकार पर हमलावर हो गई है. वहीं कांग्रेस ने बीजेपी के इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस धर्म की राजनीति नहीं करती. कांग्रेस के मुताबिक सरकार के इस फैसले का स्वागत होना चाहिए. इससे समाज को लाभ मिलेगा.

रामलीला मंच बनाने को लेकर बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार आई थी तो सबसे पहले इन्होंने भजन मंडली का पैसा वापस लेने का काम किया था. अब कांग्रेस केवल वोट बैंक की राजनीति कर रही है. उन्होने कांग्रेस से सवाल करते हुए कहा कि वो क्या समझते हैं कि मध्य प्रदेश की जनता नादान और नासमझ है. मध्य प्रदेश की जनता सब जानती है, सब समझती है. उन्होंने कहा कि ये जुमलेबाजों की सरकार है.

इधर, कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह ने बीजेपी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी और हमारे नेता कभी धर्म की राजनीति नहीं करते हैं. भाजपा धर्म के नाम पर लाभ उठाने की कोशिश करती आई है. कांग्रेस पार्टी के नेताओं की भी धार्मिक आस्थाएं हैं.

रामलीला मंच बनाने को लेकर भिड़ी कांग्रेस बीजेपी
रामलीला मंच फैसला जनहितकारी: कांग्रेस नगरीय निकायों में रामलीला मंच का बनना, जिससे सभी जगह रामलीला का प्रदर्शन हो सके. यह स्वागत योग्य कदम हैं. इससे समाज में सौहार्द बढ़ेगा, धार्मिक माहौल बनेगा और समाज को लाभ मिलेगा. इसे नगरीय निकाय चुनाव से जोड़ने का कोई अर्थ नहीं है. यह सरकार का धार्मिक एजेंडा है, जिससे समाज को लाभ मिलेगा.

भोपाल। नगरीय निकाय चुनाव के पहले कांग्रेस ने हर निकाय में रामलीला मंच बनाने का ऐलान किया है. बीजेपी इसे वोट बैंक की राजनीति बताकर राज्य सरकार पर हमलावर हो गई है. वहीं कांग्रेस ने बीजेपी के इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस धर्म की राजनीति नहीं करती. कांग्रेस के मुताबिक सरकार के इस फैसले का स्वागत होना चाहिए. इससे समाज को लाभ मिलेगा.

रामलीला मंच बनाने को लेकर बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार आई थी तो सबसे पहले इन्होंने भजन मंडली का पैसा वापस लेने का काम किया था. अब कांग्रेस केवल वोट बैंक की राजनीति कर रही है. उन्होने कांग्रेस से सवाल करते हुए कहा कि वो क्या समझते हैं कि मध्य प्रदेश की जनता नादान और नासमझ है. मध्य प्रदेश की जनता सब जानती है, सब समझती है. उन्होंने कहा कि ये जुमलेबाजों की सरकार है.

इधर, कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह ने बीजेपी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी और हमारे नेता कभी धर्म की राजनीति नहीं करते हैं. भाजपा धर्म के नाम पर लाभ उठाने की कोशिश करती आई है. कांग्रेस पार्टी के नेताओं की भी धार्मिक आस्थाएं हैं.

रामलीला मंच बनाने को लेकर भिड़ी कांग्रेस बीजेपी
रामलीला मंच फैसला जनहितकारी: कांग्रेस नगरीय निकायों में रामलीला मंच का बनना, जिससे सभी जगह रामलीला का प्रदर्शन हो सके. यह स्वागत योग्य कदम हैं. इससे समाज में सौहार्द बढ़ेगा, धार्मिक माहौल बनेगा और समाज को लाभ मिलेगा. इसे नगरीय निकाय चुनाव से जोड़ने का कोई अर्थ नहीं है. यह सरकार का धार्मिक एजेंडा है, जिससे समाज को लाभ मिलेगा.
Intro:भोपाल। इन दिनों राम नाम की सियासत चरम पर है। खासकर मप्र में कमलनाथ सरकार बनने के बाद तो जैसे भाजपा से राम नाम की सियासत के मुद्दे छीनने की कोशिश की जा रही है। विधानसभा चुनाव के पहले जहां कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में राम वन गमन पथ बनाने की शिवराज सिंह की घोषणा की पोल खोल कर खुद बनाने का वचन दिया था। तो अब नगरीय निकाय चुनाव के पहले कांग्रेस ने हर नगरीय निकाय में रामलीला मंच बनाने का ऐलान किया है। बीजेपी इसे वोट बैंक की राजनीति बता रही है और उसका कहना है कि प्रदेश की जनता इनके कालनेमि रूप को जानती है। वही कांग्रेस का कहना है कि हम धर्म की राजनीति नहीं करते हैं। लेकिन सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है, इससे समाज को लाभ मिलेगा।


Body:कमलनाथ सरकार की इस घोषणा पर मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार आई थी। तो सबसे पहले इन्होंने भजन मंडली का पैसा वापस लेने का काम किया था।अब कालनेमि रूपी कांग्रेस केवल रूप धारण करके वोट बैंक की राजनीति करती है।वह क्या समझती है कि मध्य प्रदेश की जनता नादान और नासमझ है। मध्य प्रदेश की जनता सब जानती है, सब समझती है। यह शिगूफे बाजों की सरकार है। असल में इनकी क्या सोच समझ है,यह जनता बहुत अच्छे से समझती है और लंबे समय से देख रही है।


Conclusion:वह इस मामले में कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि कांग्रेस पार्टी और हमारे नेता कभी धर्म की राजनीति नहीं करते हैं। भाजपा धर्म के नाम पर लाभ उठाने की कोशिश करती है। कांग्रेस पार्टी के नेताओं की भी धार्मिक आस्थाएं हैं। चाहे हमारे नेताओं का मंदिर में जाना हो या पूजा पाठ में शामिल होना हो, ऐसी तस्वीरें समय-समय पर सबके सामने आती रहती हैं।सभी नगरीय निकायों में रामलीला मंच का बनना,जिससे सभी जगह रामलीला का प्रदर्शन हो सके। यह स्वागत योग्य कदम हैं। इससे समाज में सौहार्द बढ़ेगा, धार्मिक माहौल बनेगा और समाज को लाभ मिलेगा। इसे नगरीय निकाय चुनाव से जोड़ने का कोई अर्थ नहीं है। यह सरकार का धार्मिक एजेंडा है, जिससे समाज को लाभ मिलेगा।
Last Updated : Dec 8, 2019, 3:34 PM IST
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