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MP: स्टांप ड्यूटी और पंजीयन पर पुरानी गाइड लाइन जारी रखने के निर्देश, रियल एस्टेट कारोबार को मिलेगी गति - stamp duty

लॉकडाउन के चलते एस्टेट कारोबार को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है. यही वजह है कि राज्य शासन ने रियल स्टेट कारोबार को गति देने के लिए 30 जून 2020 तक पुरानी गाइडलाइन को यथावत जारी रखने का निर्णय लिया है. राज्य शासन का मानना है कि पुरानी गाइडलाइन को जारी रखने से ना केवल आम जनता को भी राहत मिलेगी बल्कि रियल स्टेट कारोबार भी कुछ गति प्राप्त कर सकेगा.

Instructions to continue the old guide line on stamp duty and registration
स्टांप ड्यूटी और पंजीयन पर पुरानी गाइड लाइन जारी रखने के निर्देश
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Published : May 22, 2020, 2:25 PM IST

भोपाल। प्रदेश में कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते लॉकडाउन किया गया है. जिसके चलते तमाम तरह की व्यापारिक गतिविधियां थम गई हैं. इसका सीधा असर रियल इस्टेट कारोबार पर भी पड़ा है. रियल स्टेट से जुड़े हुए पुराने प्रोजेक्ट, जो तैयार हो चुके हैं. उनमें भी लोग ऐसी परिस्थिति में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कई प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिन्हें पूरा किया जाना है लेकिन ज्यादातर प्रमुख शहरों से मजदूरों का पलायन हो चुका है.

ऐसी स्थिति में रियल एस्टेट कारोबार को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है. यही वजह है कि राज्य शासन ने रियल स्टेट कारोबार को गति देने के लिए 30 जून 2020 तक पुरानी गाइडलाइन को यथावत जारी रखने का निर्णय लिया है. राज्य शासन का मानना है कि पुरानी गाइडलाइन को जारी रखने से ना केवल आम जनता को भी राहत मिलेगी बल्कि रियल स्टेट कारोबार भी कुछ गति प्राप्त कर सकेगा.

इस संबंध में 17 मई को एक अधिसूचना जारी की जा चुकी है. इससे संवर्ग रुप से जमीनों भवनों एक किराए पर लगने वाली स्टांप और पंजीयन शुल्क में 5 प्रतिशत की कमी आएगी. रियल स्टेट से संबंधित विभिन्न संगठनों द्वारा संपत्ति अंतरण पर स्टांप ड्यूटी तथा पंजीयन शुल्क कम करने की मांग पर मंत्रियों के समूह द्वारा आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए गाइडलाइन वर्ष 2019- 20 एवं पंजीयन शुल्क 5 प्रतिशत कम करने की अनुशंसा की गई थी .

जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 - 21 की गाइडलाइन दिनांक 30 जून 2020 से लागू रखी गई है. जिसमें निर्माण दरों में वृद्धि की गई है. यही वजह है कि 30 जून 2020 तक अचल संपत्ति के दस्तावेजों का पंजीयन कराने पर पक्षकारों को होने वाले व्यय में 5 से 15 प्रतिशत का लाभ मिलेगा. इस प्रकार लॉक डाउन अवधि में रियल एस्टेट कारोबार पर जो विपरीत प्रभाव पड़ा है, उससे उबरने में आसानी होगी. इसके साथ ही आम जनता को भी देय स्टांप एवं पंजीयन शुल्क में राहत प्राप्त होगी .

भोपाल। प्रदेश में कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते लॉकडाउन किया गया है. जिसके चलते तमाम तरह की व्यापारिक गतिविधियां थम गई हैं. इसका सीधा असर रियल इस्टेट कारोबार पर भी पड़ा है. रियल स्टेट से जुड़े हुए पुराने प्रोजेक्ट, जो तैयार हो चुके हैं. उनमें भी लोग ऐसी परिस्थिति में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कई प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिन्हें पूरा किया जाना है लेकिन ज्यादातर प्रमुख शहरों से मजदूरों का पलायन हो चुका है.

ऐसी स्थिति में रियल एस्टेट कारोबार को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है. यही वजह है कि राज्य शासन ने रियल स्टेट कारोबार को गति देने के लिए 30 जून 2020 तक पुरानी गाइडलाइन को यथावत जारी रखने का निर्णय लिया है. राज्य शासन का मानना है कि पुरानी गाइडलाइन को जारी रखने से ना केवल आम जनता को भी राहत मिलेगी बल्कि रियल स्टेट कारोबार भी कुछ गति प्राप्त कर सकेगा.

इस संबंध में 17 मई को एक अधिसूचना जारी की जा चुकी है. इससे संवर्ग रुप से जमीनों भवनों एक किराए पर लगने वाली स्टांप और पंजीयन शुल्क में 5 प्रतिशत की कमी आएगी. रियल स्टेट से संबंधित विभिन्न संगठनों द्वारा संपत्ति अंतरण पर स्टांप ड्यूटी तथा पंजीयन शुल्क कम करने की मांग पर मंत्रियों के समूह द्वारा आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए गाइडलाइन वर्ष 2019- 20 एवं पंजीयन शुल्क 5 प्रतिशत कम करने की अनुशंसा की गई थी .

जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 - 21 की गाइडलाइन दिनांक 30 जून 2020 से लागू रखी गई है. जिसमें निर्माण दरों में वृद्धि की गई है. यही वजह है कि 30 जून 2020 तक अचल संपत्ति के दस्तावेजों का पंजीयन कराने पर पक्षकारों को होने वाले व्यय में 5 से 15 प्रतिशत का लाभ मिलेगा. इस प्रकार लॉक डाउन अवधि में रियल एस्टेट कारोबार पर जो विपरीत प्रभाव पड़ा है, उससे उबरने में आसानी होगी. इसके साथ ही आम जनता को भी देय स्टांप एवं पंजीयन शुल्क में राहत प्राप्त होगी .

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