भोपाल। चिकित्सा एवं शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के बंगले पर होम्योपैथिक स्टूडेंट का जमावड़ा लगा है. यहां स्टूडेंट राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत हेल्थ एंड वेलफेयर की आयुष कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की रिक्त पदों मे होम्योपैथिक स्टूडेंट को शामिल नहीं करने का विरोध कर रहे हैं.
आयुष मिशन के तहत आयुष हेल्थ एंड वेलफेयर पर 337 पदों की नियुक्तियां निकाली है, जिसमें आयुष एंड हेल्थ वेलफेयर की 2017 की गाइड लाइन के अनुसार आयुर्वेदिक, एलोपैथिक, होम्योपैथिक तीनों ही विभाग के स्टूडेंट को इस पद के लिए योग्य माना जाता है, लेकिन राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत आने वाले मध्यप्रदेश आयुष विभाग द्वारा केवल बीएएमएस(बैचलर ऑफ़ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी) के ही स्टूडेंट्स को इस पद के लिए योग्य माना गया है, जिसका होम्योपैथिक स्टूडेंट विरोध कर रहे हैं.
आयुष विभाग पर लागया भेदभाव का आरोप
होम्योपैथिक स्टूडेंट्स ने आयुष विभाग पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है. होम्योपैथिक डॉक्टर भूपेंद्र मंडलोई का कहना है कि आयुष विभाग ने इस बार भी आयुष सेंटर पर 337 पद के लिए बीएएमएस को योग्य माना गया है. इसमें सीएचओ के पद के लिए भी होम्योपैथी स्टूडेंट को बाहर किया गया था, जिससे अभी तक होम्योपैथी के प्रदेश में करीब 37 हजार बेरोजगार मौजूद है, जिन्हें लम्बे समय से नौकरी नहीं दी गई है.
वहीं पीएससी के माध्यम से भी लंबे समय से नियुक्ति नहीं निकाली जा रही है. इन्हीं परेशानी को लेकर ये स्टूडेंट चिकित्सा एवं शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से मिले और अपनी परेशानी साझा की. इस पर मंत्री ने मामले में संबंधित अधिकारियों से बातचीत कर जल्द इसका निदान निकालने की बात कही साथ ही होम्योपैथिक स्टूडेंट स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी से भी मिलने पहुंचे.