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बारिश ने तोड़ा बीस साल पुराना रिकॉर्ड, सितंबर में जमकर बरसे बदरा

इस साल बारिश ने कई सालों के रिकार्ड तोड़ दिए हैं. वहीं सितंबर में पिछले 20 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. मौसम विभाग के अनुसार अभी स्थानीय स्तर पर सिस्टम सक्रिय होने पर हल्कि बौछारें पड़ने की संभावना हैं.

बारिश ने तोड़ा बीस साल पुराना रिकॉर्ड
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Published : Sep 21, 2019, 11:08 AM IST

भोपाल| राजधानी में लगातार हो रही बारिश ने पिछले बीस सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. आंकड़ों के अनुसार सितंबर माह में इससे पहले 1999 में 661.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी, वहीं इस साल सितंबर में अब तक 464.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज हो चुकी है. अभी माह के 10 दिन बाकी है, जिसमे और भी बारिश होने की संभावना है.

बारिश ने तोड़ा बीस साल पुराना रिकॉर्ड

राजधानी सहित प्रदेश के कई हिस्सों में इस साल औसत से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. जिसके चलते प्रदेश के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं. इस सीजन में रिकॉर्ड बारिश होने के साथ ही सितंबर में सबसे अधिक बरसात का 20 वर्ष का पुराना रिकॉर्ड टूट गया है.

मौसम विभाग के अनुसार वातावरण में नमी के हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है. वहीं किसी मानसूनी सिस्टम के सक्रिय नहीं रहने से बरसात की गतिविधियों में कमी नजर आ रही है. लेकिन वातावरण में अभी बड़े पैमाने पर नमी मौजूद है. इससे तापमान में बढ़ोतरी होने पर स्थानीय स्तर पर सिस्टम तैयार होकर हल्की बौछारें पड़ने का सिलसिला बरकरार रहने की पूरी संभावना है.

भोपाल| राजधानी में लगातार हो रही बारिश ने पिछले बीस सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. आंकड़ों के अनुसार सितंबर माह में इससे पहले 1999 में 661.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी, वहीं इस साल सितंबर में अब तक 464.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज हो चुकी है. अभी माह के 10 दिन बाकी है, जिसमे और भी बारिश होने की संभावना है.

बारिश ने तोड़ा बीस साल पुराना रिकॉर्ड

राजधानी सहित प्रदेश के कई हिस्सों में इस साल औसत से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. जिसके चलते प्रदेश के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं. इस सीजन में रिकॉर्ड बारिश होने के साथ ही सितंबर में सबसे अधिक बरसात का 20 वर्ष का पुराना रिकॉर्ड टूट गया है.

मौसम विभाग के अनुसार वातावरण में नमी के हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है. वहीं किसी मानसूनी सिस्टम के सक्रिय नहीं रहने से बरसात की गतिविधियों में कमी नजर आ रही है. लेकिन वातावरण में अभी बड़े पैमाने पर नमी मौजूद है. इससे तापमान में बढ़ोतरी होने पर स्थानीय स्तर पर सिस्टम तैयार होकर हल्की बौछारें पड़ने का सिलसिला बरकरार रहने की पूरी संभावना है.

Intro:20 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा सितंबर माह में कभी नहीं हुई इतनी बारिश अभी भी बौछारें पड़ने की संभावना


भोपाल | मध्य प्रदेश को इस बार बारिश ने जमकर भिगोया है जितना अनुमान बारिश को लेकर पहले से लगाया जा रहा था, उससे कहीं ज्यादा बरसात प्रदेश के अनेक जिलों में हुई है . यही वजह रही है कि कई जिले बाढ़ से प्रभावित भी हो गए हैं . वहीं सितंबर माह में कभी भी इतनी बारिश दर्ज नहीं की गई है . बताया जा रहा है कि इस सीजन में रिकॉर्ड बरसात होने के साथ ही सितंबर माह में सबसे अधिक बरसात का 20 वर्ष का पुराना रिकॉर्ड टूट गया है .








Body:
इससे पहले वर्ष 1999 में सितंबर माह में 661.0 मिलीमीटर बरसात हुई थी . इस बार सितंबर माह मैं अब तक 464.0 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है . अभी सीजन में 10 दिन और बचे हुए हैं . माना जा रहा है कि यह आंकड़ा और बढ़ सकता है .


Conclusion:मौसम विभाग के अनुसार वातावरण में नमी बने रहने से रुक-रुक कर बौछारें पड़ने का सिलसिला अभी बने रहने की संभावना बनी हुई है . वर्तमान में किसी मानसूनी सिस्टम के सक्रिय नहीं रहने से बरसात की गतिविधियों में फिलहाल कमी नजर आ रही है . लेकिन वातावरण में अभी बड़े पैमाने पर नमी मौजूद है . इससे तापमान में बढ़ोतरी होने पर स्थानीय स्तर पर सिस्टम तैयार होकर हल्की बौछारें पड़ने का सिलसिला बरकरार रहने की पूरी संभावना है . वर्तमान में किसी मानसूनी सिस्टम के सक्रिय नहीं होने से फिलहाल प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में बरसात से राहत मिल गई है . हालांकि अरब सागर में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण शनिवार रविवार को मालवा क्षेत्र में कहीं-कहीं तेज बौछारें पड़ने की संभावना व्यक्त की गई है. वही बताया गया है कि धूप निकलने के बाद भी बौछारें पड़ सकती हैं .
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