भोपाल। राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के भूमि पूजन से लोगों में उत्साह का माहौल है. ये उत्साह उन लोगों में कई गुना ज्यादा है, जो राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं. 1992 में विश्व हिंदू परिषद के प्रचार प्रमुख रहे बीके सांघी और पुराना भोपाल बजरंग दल के प्रमुख रहे देवेंद्र रावत कहते हैं कि, उनके जैसे लाखों कार सेवकों का आज सालों बाद सपना पूरा हो गया.
आंदोलन के दौरान घायल हुए थे रावत
शहर के चर्चित वकील देवेंद्र रावत 1992 में पुराना भोपाल बजरंग दल के प्रमुख थे. वर्तमान में धर्म जागरण समन्वय मंच के सह प्रांत विधि प्रमुख देवेंद्र रावत के मुताबिक 1992 में राम जन्म भूमि के आंदोलन में उन्होंने भी हिस्सा लिया था. इस दौरान उन्हें सिर में चोट आई थी, कमर में फैक्चर भी हुआ, जिसका लंबे समय तक इलाज चला. हालांकि इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोगों ने हौसला दिया. आंदोलन के दौरान उनकी गिरफ्तारी भी हुई. सीबीआई ने भी कई बार पूछताछ की. बाद में जमानत पर बाहर आए. हालांकि सालों के संघर्ष के बाद अब जाकर भगवान राम मंदिर के भूमि पूजन से खुशी मिली है.
कार सेवकों के लिए खाने-पीने का किया था पूरा इंतजाम
1992 में विश्व हिंदू परिषद के प्रचार प्रमुख रहे बीके सांघी बताते हैं कि, राम मंदिर निर्माण को लेकर जबरदस्त उत्साह की लहर थी. अयोध्या जाने वाली कारसेवकों की ट्रेन भोपाल से ही गुजारनी थी. इस का सिलसिला 26 नवंबर से ही शुरू हो गया था. उस वक्त कारसेवकों के लिए 24 घंटे भोजन बनाया जाता था. ठंड से बचने के लिए रेलवे स्टेशन से बस स्टैंड तक टेंट लगाए गए थे, जय जय श्री राम के नारों से शहर दिन-रात गूंजा करता था.
राम मंदिर आंदोलन को लेकर था जबरदस्त उत्साह
राम मंदिर आंदोलन को लेकर लोगों में भी जबरदस्त उत्साह था और लोग कारसेवकों के लिए बिना मांगे ही बड़ी संख्या में अनाज, तेल, राशन लेकर आगे आए, स्थिति ये रही कि, किसी भी दान दाता ने अपना नाम रजिस्टर में दर्ज तक नहीं कराया था. कारसेवकों की मदद के लिए शहर के करीब 1000 लोग लगे हुए थे, हालांकि इनमें से अधिकांश लोग अब इस दुनिया में नहीं हैं.