भोपाल। शराब की उपदुकानों को लेकर कैबिनेट की नामंजूरी के बाद अब राज्य सरकार अंगूरी शराब के निर्माण और अंगूर उत्पादन को बढ़ावा देने की तैयारी कर रही है. इसके तहत अंगूर से शराब बनाने वाले ठेकेदारों को शराब के 15 पर्यटन स्थलों में दुकान खोलने की अनुमति देने का काम किया जाएगा.
इससे जहां शराब में अंगूर उत्पादकों को इसके बेहतर दाम मिलेंगे, वहीं सरकार के राजस्व में भी बढोत्तरी होगी. उधर सरकार शराब की बिक्री को ऑनलाइन निगरानी की भी तैयारी कर रही है. मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौर के मुताबिक इससे राजस्व को होने वाले नुकसान को रोका जा सके.
अंगूर के किसानों ने रखा प्रस्ताव, सरकार ने माना
आबकारी नीति में बदलाव किया जा रहा है, जिससे दस हजार रुपए की सालाना फीस चुकाकर प्रदेश के 15 स्थानों पर अंगूर से शराब बनाने वालों को बिक्री के लिए अनुमति दी जाएगी. रतलाम, मंदसौर जिलों में अंगूर का उत्पादन किया जाता रहा है. इन जिलों के किसानों और व्यापारियों ने सरकार के सामने इसका सुझाव रखा था, जिस पर अब सरकार आगे कदम बढ़ा रही है.
अब विदेशी स्कॉच भी मिलेगी
अब प्रदेश में विदेश की बॉटरबंद स्कॉच भी मिलेगी. इसके लिए छह नई दुकानों को अनुमति दी जाएगी. इसमें भोपाल और इंदौर में दो-दो दुकानें खोली जाएंगी, वहीं जबलपुर और ग्वालियर में एक-एक दुकान खोली जाएगी. इन दुकानों में सिर्फ वहीं शराब रखी जाएगी, जो विदेशों से बोतलबंद ही आती हैं.
ऑनलाइन रखी जाएगी निगरानी
उधर सरकार शराब की ऑनलाइन निगरानी की तैयारी भी कर रही है, जिससे राजस्व को होने वाले नुकसान को रोका जा सके. इसके लिए सरकार वेयरहाउस से दुकानों के लिए निकलने वाली शराब की ऑनलाइन निगरानी की जा सके. वहीं शराब की बोतलों पर भी बार कोडिंग होगी.