भोपाल। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश के बाद शासकीय विज्ञापनों में मंत्रियों के फोटो लगाने पर रोक लगा दी गई है. आदेश के बाद से विज्ञापनों में सिर्फ प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की फोटो ही लगती है, जिसके कारण विभागों के प्रचार प्रसार में मंत्रियों के चेहरे नहीं दिख पा रहे हैं. अब प्रदेश में सोशल मीडिया के जरिए विभाग अपने कार्यों और उपलब्धियों को जन जन तक पहुंचाएगा.
ऐसे में अब सोशल मीडिया के माध्यम से ही मंत्री विज्ञापन का प्रचार-प्रसार कर सकेंगे. साथ ही अपने विभागों से जुड़े भाषण, कार्यक्रम, संदेश और योजनाओं को लोगों तक लाभ पहुंचा सकेंगे.
सोशल मीडिया पर होंगे सभी विभागों के अकाउंट
मध्य प्रदेश सरकार के सभी विभागों के अकाउंट अब ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सएप इंस्टाग्राम पर बनाए जाएंगे. जिसके जरिए विभाग के अफसरों मंत्री और सरकार की छवि को चमकाने का काम किया जाएगा. सोशल मीडिया से विभाग के हर दिन की एक बड़ी उपलब्धि के साथ ही सरकार और मंत्रियों के संदेशों को भी सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने का काम किया जाएगा.
हर दिन का मिलेगा अपडेट
दरअसल, अपनी उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने का काम अधिकारियों के साथ कर्मचारी भी करेंगे. प्रदेश सरकार का मानना है कि विभागों के अच्छे काम, उपलब्धि और जनहित की योजनाओं का प्रचार प्रसार सही तरीके से नहीं हो रहा है,जबकि सरकार और विभिन्न विभाग प्रचार प्रसार करने में करोड़ों रुपए खर्च करते हैं. विभागों के हर दिन हर महीने में किए गए अच्छे कार्यों को सोशल मीडिया पर अपलोड किया जाएगा. अधिकारी कर्मचारियों के बेहतर प्रयासों को भी लोगों तक पहुंचाया जाएगा. साथ ही सरकार के रोज जारी होने वाले आदेश निर्देश और निर्णय से लोगों को अवगत कराया जाएगा.
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प्रचार में खर्च होने वाले पैसों की होगी बचत
बता दें कि सभी शासकीय विभागों को सोशल मीडिया अकाउंट बनाने और इसके उपयोग के संबंध में दिशा निर्देश दिए गए हैं. यह काम आईटी सेल द्वारा किया जा रहा है. बताया जाता है कि कुछ विभागों ने अपने यहां आईटी सेल के साथ सोशल मीडिया सेल भी बना लिए हैं. हालांकि, प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों ने सोशल मीडिया का भरपूर प्रयोग किया था. सभी उम्मीदवारों ने अपने प्रचार प्रसार के लिए अलग-अलग आईटी विशेषज्ञों को नियुक्त किया था. सरकार का मानना है कि इससे प्रचार प्रसार पर खर्च होने वाले करोड़ों रुपयों को भी बचाया जा सकेगा.