भोपाल। प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से कोरोना महामारी ने हर वर्ग को किसी ना किसी तरीके से प्रभावित किया है. कोई इस बीमारी से पीड़ित है तो कोई इस बीमारी के पीड़ितों का इलाज करने के कारण खतरे में है और इस वायरस के कारण कई लोगों के रोजगार पर भी खतरा मंडरा रहा है. सबसे ज्यादा इस वायरस से जिन्हें खतरा है वह डॉक्टर्स हैं, जो संक्रमितों के सीधे संपर्क में आ रहे हैं. इन्हीं में से एक हैं दन्त चिकित्सक, जिनके इस वायरस के सीधे संपर्क में आने का बहुत बड़ा खतरा है. क्योंकि दंत चिकित्सक मरीज के इलाज के दौरान मुंह के निकले वाले छोटे-छोटे ड्राप लेट के सम्पर्क में आते हैं, जिससे कोरोना वायरस फैलने का बहुत ज्यादा खतरा है. वहीं कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए मरीज भी अपने मुंह और दांत से संबंधित समस्याओं के लिए डॉक्टर के पास जाने से डर रहे हैं.
गांधी मेडिकल कॉलेज के दंत चिकित्सा विभाग के एचओडी प्रोफेसर डॉ. अनुज भार्गव ने वर्तमान हालातों के बारे में बताया कि यह बात सच है कि लोग अब अपनी दांत और मुंह संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए कोरोना वायरस के डर की वजह से डॉक्टर के पास आने से कतरा रहे हैं. इसलिए कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए सरकार ने गाइडलाइन तय की है. इस गाइडलाइन के तहत यदि मुंह और दांत से संबंधी कोई भी गंभीर समस्या है तो उसके लिए मरीज को डॉक्टर के पास आने की सलाह दी गई है.
डॉ. अनुज भार्गव ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को सर्जरी की जरूरत है तो उसे क्लीनिक आना बहुत जरूरी है पर यदि किसी व्यक्ति को कम तकलीफ है तो वह टेलीकंसल्टेशन के जरिए डॉक्टरी परामर्श ले सकता है. इसके अलावा जो लोग क्लीनिक आकर उपचार लेना चाहते हैं, उनके लिए भी गाइडलाइन तय की गई. आने वाले लोगों को यह सलाह दी जा रही है कि किसी भी निजी क्लीनिक या अस्पताल आने से पहले घड़ी,चूड़ी या इस तरह की कोई भी चीजें ना पहने और किसी भी क्लीनिक में जाने से पहले बीटा डीन माउथ वाश से गार्गल कर लें.
डॉ. अनुज भार्गव का कहना है कि मरीजों के अलावा डेंटिस्ट को भी कोरोना संक्रमण का खतरा कम रहे इसके लिए पीपीई पहनने की सलाह सभी डॉक्टर्स को दी जा रही है. यदि किसी भी अस्पताल या निजी क्लीनिक में व्यक्ति आता है तो सबसे पहले उसके शरीर के तापमान और ऑक्सीजन लेवल की जांच की जा रही है और यदि किसी व्यक्ति में सर्दी जुखाम बुखार जैसे लक्षण हों तो उसका इलाज करने से पहले उसे फीवर क्लीनिक में रेफर किया जा रहा है.