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सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किए आदेश, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को मिली राहत

प्रदेश के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए राज्य सरकार ने राहत की खबर दी है. अब उन्हें एकीकृत बाल विकास योजना के कार्यों के अलावा अन्य कार्यों में नहीं लगाया जाएगा.

Anganwadi workers get relief
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिली राहत
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Published : Jan 23, 2020, 10:02 AM IST

भोपाल। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए राज्य सरकार की ओर से एक अच्छी खबर है. अब उन्हें एकीकृत बाल विकास योजना के कार्यों के अलावा अन्य कार्यों में नहीं लगाया जाएगा. सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में सभी विभागाध्यक्षों, संभागायुक्तों, कलेक्टरों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को आदेश जारी किया है.

Anganwadi workers get relief
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिली राहत

कार्यकर्ताओं ने किया था विरोध

लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को आंगनबाड़ी के कामों के अलावा अन्य कामों में लगा दिया जाता था, जिसकी वजह से उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस मुद्दे को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने आंदोलन किया था, जिसके बाद सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया था कि जल्द ही उनकी समस्या का निदान किया जाएगा.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं नहीं करेंगी अन्य काम

बता दें कि अभी तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को गैर आईसीडीएस कार्यों में भी संबद्ध किया जाता रहा है, जिसमें काम नहीं करने पर उन पर कार्रवाई की जाती रही है. ऐसा होने से आंगनबाड़ी केंद्रों की सेवाएं लंबे समय तक प्रभावित हो रही है, साथ ही बच्चों का पोषण स्तर भी प्रभावित होता था, इसलिए कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को अन्य कामों से मुक्त किया गया है.

प्रदेश में संचालित है 80 हजार 160 आंगनबाड़ी केन्द्र

प्रदेश में 80 हजार 160 आंगनबाड़ी केन्द्र और 12,070 मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र स्वीकृत हैं. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इन केन्द्रों के माध्यम से शून्य से 6 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार देकर सुपोषित करने और स्कूल में नाम लिखवाने से पहले शिक्षा देने करने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं. इसके अलावा गर्भवती और धात्री माताओं को पोषण और स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं देती हैं, साथ ही अतिकम वजन वाले बच्चों की भी विशेष देखभाल की जाती है.

भोपाल। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए राज्य सरकार की ओर से एक अच्छी खबर है. अब उन्हें एकीकृत बाल विकास योजना के कार्यों के अलावा अन्य कार्यों में नहीं लगाया जाएगा. सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में सभी विभागाध्यक्षों, संभागायुक्तों, कलेक्टरों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को आदेश जारी किया है.

Anganwadi workers get relief
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिली राहत

कार्यकर्ताओं ने किया था विरोध

लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को आंगनबाड़ी के कामों के अलावा अन्य कामों में लगा दिया जाता था, जिसकी वजह से उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस मुद्दे को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने आंदोलन किया था, जिसके बाद सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया था कि जल्द ही उनकी समस्या का निदान किया जाएगा.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं नहीं करेंगी अन्य काम

बता दें कि अभी तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को गैर आईसीडीएस कार्यों में भी संबद्ध किया जाता रहा है, जिसमें काम नहीं करने पर उन पर कार्रवाई की जाती रही है. ऐसा होने से आंगनबाड़ी केंद्रों की सेवाएं लंबे समय तक प्रभावित हो रही है, साथ ही बच्चों का पोषण स्तर भी प्रभावित होता था, इसलिए कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को अन्य कामों से मुक्त किया गया है.

प्रदेश में संचालित है 80 हजार 160 आंगनबाड़ी केन्द्र

प्रदेश में 80 हजार 160 आंगनबाड़ी केन्द्र और 12,070 मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र स्वीकृत हैं. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इन केन्द्रों के माध्यम से शून्य से 6 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार देकर सुपोषित करने और स्कूल में नाम लिखवाने से पहले शिक्षा देने करने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं. इसके अलावा गर्भवती और धात्री माताओं को पोषण और स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं देती हैं, साथ ही अतिकम वजन वाले बच्चों की भी विशेष देखभाल की जाती है.

Intro:सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किये आदेश , आँगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका अन्य कार्यों से सम्बद्ध नहीं होंगे

भोपाल | आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के लिए राज्य सरकार की ओर से एक अच्छी खबर है कि अब उन्हें अन्य कार्यों में व्यस्त नहीं किया जाएगा लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को आंगनबाड़ी के कामों के अलावा भी कई तरह के साथ के कामों में लगा दिया जाता है जिसकी वजह से उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है भोपाल में भी इस मुद्दे को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने आंदोलन किया था जिसके बाद सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया था कि वह जल्द ही इस समस्या का निदान करेंगे .

Body:प्रदेश में आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को अब एकीकृत बाल विकास योजना के कार्यों के अतिरिक्त अन्य कार्यों में संबंद्ध नहीं किया जायेगा . सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में सभी विभागाध्यक्षों, संभागायुक्तों, कलेक्टरों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को आदेश जारी किये हैं .

वर्तमान में प्रदेश में 80 हजार 160 आँगनवाड़ी केन्द्र तथा 12070 मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत हैं . आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा इन केन्द्रों के माध्यम से शून्य से 6 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार देकर सुपोषित करने एवं शाला पूर्व शिक्षा प्रदाय करने का महत्वपूर्ण कार्य किया जाता है . इसके अतिरिक्त गर्भवती और धात्री माताओं को पोषण एवं स्वास्थ्य संबंधी सेवाएँ प्रदाय की जाती हैं, जिसकी निरन्तरता एवं अतिकम वजन वाले बच्चों की विशेष देखभाल की जाती है .

Conclusion:बता दें कि अभी तक आँगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को गैर आईसीडीएस कार्यों में भी संबद्ध किया जाता रहा है . आँगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका द्वारा अन्य कार्य नहीं करने पर उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाती रही है . ऐसा होने से आँगनवाड़ी केन्द्रों की सेवाएँ लम्बे समय तक प्रभावित हो रही थीं . साथ ही, बच्चों के पोषण स्तर में सुधार भी बाधित होता है . इसे पुन: ठीक करने में काफी समय एवं अतिरिक्त प्रयासों की आवश्यकता होती थी, जो उन बच्चों के स्वास्थ्य के लिए उचित नहीं था . इसलिये कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को अन्य कार्यों से मुक्त किया गया है .
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