भोपाल। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए राज्य सरकार की ओर से एक अच्छी खबर है. अब उन्हें एकीकृत बाल विकास योजना के कार्यों के अलावा अन्य कार्यों में नहीं लगाया जाएगा. सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में सभी विभागाध्यक्षों, संभागायुक्तों, कलेक्टरों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को आदेश जारी किया है.
कार्यकर्ताओं ने किया था विरोध
लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को आंगनबाड़ी के कामों के अलावा अन्य कामों में लगा दिया जाता था, जिसकी वजह से उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस मुद्दे को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने आंदोलन किया था, जिसके बाद सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया था कि जल्द ही उनकी समस्या का निदान किया जाएगा.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं नहीं करेंगी अन्य काम
बता दें कि अभी तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को गैर आईसीडीएस कार्यों में भी संबद्ध किया जाता रहा है, जिसमें काम नहीं करने पर उन पर कार्रवाई की जाती रही है. ऐसा होने से आंगनबाड़ी केंद्रों की सेवाएं लंबे समय तक प्रभावित हो रही है, साथ ही बच्चों का पोषण स्तर भी प्रभावित होता था, इसलिए कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को अन्य कामों से मुक्त किया गया है.
प्रदेश में संचालित है 80 हजार 160 आंगनबाड़ी केन्द्र
प्रदेश में 80 हजार 160 आंगनबाड़ी केन्द्र और 12,070 मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र स्वीकृत हैं. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इन केन्द्रों के माध्यम से शून्य से 6 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार देकर सुपोषित करने और स्कूल में नाम लिखवाने से पहले शिक्षा देने करने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं. इसके अलावा गर्भवती और धात्री माताओं को पोषण और स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं देती हैं, साथ ही अतिकम वजन वाले बच्चों की भी विशेष देखभाल की जाती है.