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Bhopal Gas Victim केंद्र और राज्य सरकार को चेतावनी, 26 दिसंबर तक सही आंकड़े दें नहीं तो आंदोलन - सही आंकड़े दें नहीं तो आंदोलन

भोपाल में यूनियन कार्बाइड हादसे के पीड़ितों के 5 संगठनों ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता के दौरान मांग की है कि दिसंबर 1984 के गैस हादसे में हुई मौतों और गंभीर हुए मरीजों के सही आंकड़े पेश करें. घोषणा की गई कि कि यदि उन्हें 26 दिसंबर तक सुधार याचिका में आंकड़ों के सुधार की जानकारी नहीं मिली तो वे अपना वादा पूरा करवाने के लिए शांतिपूर्ण जन आंदोलन शुरू करेंगे. बता दें कि भोपाल गैस हादसे के लिए अमरीकी कंपनी यूनियन कार्बाइड और उसके मालिक डाव केमिकल से अतिरिक्त मुआवज़े की मांग करते हुए 2010 में दायर सुधार याचिका पर 10 जनवरी को सुनवाई होनी है.

as victims Warning to central and state government
गैस पीड़ितों की केंद्र और राज्य सरकार को चेतावनी
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Published : Dec 20, 2022, 2:15 PM IST

भोपाल। गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्ष रशीदा बी ने कहा कि 17 नवंबर को भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग की प्रमुख सचिव ने बैठक में आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री के विचारों के अनुरूप राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सुधार याचिका में हादसे से जुड़ी मौतो का आंकड़ा 5,295 से 15,342 तक संशोधित किया जाए और सभी 5,21,332 लोगों को लगी चोटों को अस्थाई के बदले स्थायी प्रकृति का माना जाए. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में दस्तावेज जमा किए हुए दो हफ़्ते बीत चुके हैं और हम अभी भी यह नहीं जानते हैं कि राज्य सरकार ने वाकई आंकड़े सुधारे या नहीं.

आंकड़ों की पुष्टि का इंतजार : अटॉर्नी जनरल के कार्यालय के निर्देशों के मुताबिक़ हमने हादसे से हुए नुकसान के आंकड़ों के सुधार के लिए दस्तावेज जमा कर दिए हैं. हालांकि, हम अभी भी इस बात की पुष्टि का इंतजार कर रहे हैं कि हमारे द्वारा भेजी गई जानकारी वास्तव में सुप्रीम कोर्ट को सौंपे गए दस्तावेजों के संकलन में शामिल की गई है. भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने कहा, “हमने केंद्र सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय के अधिकारियों और राज्य सरकार के भोपाल गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की लेकिन उन्होंने इस संबंध में ठोस जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया है।”

भोपाल गैस त्रासदी के 36 साल: पीड़ितों को आजीवन मिलेगी पेंशन, बनेगा स्मारक

इंतजार कर रहे हैं गैस पीड़ित : भोपाल गैस पीड़ित महिला -पुरुष संघर्ष मोर्चा की शहजादी बी ने कहा, “अक्टूबर माह से सुधार याचिका पर कार्यवाही शुरू होने के बाद से हम अपना काम शांति और धीरज के साथ कर रहे हैं. याचिका पर जल्द ही सुनवाई होनी है और अगर हादसे से हुई वास्तविक क्षति के बारे में जजों को अंधेरे में रखा गया तो सुधार याचिका का पूरा बिंदु ही खो जाएगा और भोपाल गैस पीड़ित फिर से न्याय से वंचित कर दिए जाएंगे.

भोपाल। गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्ष रशीदा बी ने कहा कि 17 नवंबर को भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग की प्रमुख सचिव ने बैठक में आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री के विचारों के अनुरूप राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सुधार याचिका में हादसे से जुड़ी मौतो का आंकड़ा 5,295 से 15,342 तक संशोधित किया जाए और सभी 5,21,332 लोगों को लगी चोटों को अस्थाई के बदले स्थायी प्रकृति का माना जाए. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में दस्तावेज जमा किए हुए दो हफ़्ते बीत चुके हैं और हम अभी भी यह नहीं जानते हैं कि राज्य सरकार ने वाकई आंकड़े सुधारे या नहीं.

आंकड़ों की पुष्टि का इंतजार : अटॉर्नी जनरल के कार्यालय के निर्देशों के मुताबिक़ हमने हादसे से हुए नुकसान के आंकड़ों के सुधार के लिए दस्तावेज जमा कर दिए हैं. हालांकि, हम अभी भी इस बात की पुष्टि का इंतजार कर रहे हैं कि हमारे द्वारा भेजी गई जानकारी वास्तव में सुप्रीम कोर्ट को सौंपे गए दस्तावेजों के संकलन में शामिल की गई है. भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने कहा, “हमने केंद्र सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय के अधिकारियों और राज्य सरकार के भोपाल गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की लेकिन उन्होंने इस संबंध में ठोस जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया है।”

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इंतजार कर रहे हैं गैस पीड़ित : भोपाल गैस पीड़ित महिला -पुरुष संघर्ष मोर्चा की शहजादी बी ने कहा, “अक्टूबर माह से सुधार याचिका पर कार्यवाही शुरू होने के बाद से हम अपना काम शांति और धीरज के साथ कर रहे हैं. याचिका पर जल्द ही सुनवाई होनी है और अगर हादसे से हुई वास्तविक क्षति के बारे में जजों को अंधेरे में रखा गया तो सुधार याचिका का पूरा बिंदु ही खो जाएगा और भोपाल गैस पीड़ित फिर से न्याय से वंचित कर दिए जाएंगे.

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