हैदराबाद। प्रथम पूज्य गजानंद महाराज घर-घर में विराजित हो गए हैं. दस दिनों तक भगवान गणेश की पूजा की जाएगी. लेकिन एकदंत की पूजा करने की भी विशेष विधी है, जिससे की भक्त की हर मनोकामना पूरी होती है.
पूजा विधि
भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करने से पहले उस स्थान पर थोड़े से चावल रख दें. इसके बाद गणेश भगवान को सिंदूर, दूर्वा, घी और 21 मोदक चढ़ाएं और उनकी विधि विधान पूजा करें. ध्यान रहे कि गणेश जी की पूजा में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है.
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इन मंत्रों का उच्चारण करने से पूरी होगी मनोकामना
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।।
ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।।
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरू गणेश।।
ग्लौम गणपति, ऋदि्ध पति, सिदि्ध पति। मेरे कर दूर क्लेश।।
ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।।
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पूजा और पाठ के बाद गणेश जी की आरती करें
सुखकर्ता दुःखहर्ता वार्ता विघ्नाची
नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची
सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची
कंठी झलके माल मुक्ता फलांची | जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव
जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती | जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव
रत्नखचित फरा तुज गौरीकुमरा
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा
हीरे जड़ित मुकुट शोभतो बरा रुणझुणती नूपुरे चरणी घागरिया |
जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव
जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती | जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव
लम्बोदर पीताम्बर फणिवर बंधना
सरल सोंड वक्र तुंड त्रिनयना
दास रामाचा वाट पाहे सदना
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुर वर वंदना | जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव
जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति
दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती | जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव।