भोपाल। छतरपुर जिले के मतगवां गांव में बिजली विभाग की प्रताड़ना से परेशान एक किसान ने खुदकुशी कर ली थी. जिस पर कांग्रेस ने कहा कि शिवराज सरकार आते ही किसानों ने आत्महत्या करना शुरू कर दिया है. बिजली बिल का भुगतान नहीं कर पाने से किसान परेशान हैं. उन्हें भारी-भरकम राशि के बिल थमाए जा रहे हैं. छतरपुर में बिजली बिन ना चुका पाने के एवज में कर्मचारी किसान की बाइक ले गए. आहत किसान ने आत्महत्या कर ली. इससे पहले भी दमोह जिले में ऐसा ही केस देखने मिला था. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश में बीजेपी की पहले सरकार थी तो 15 हजार किसानों ने आत्महत्या की थी. अब फिर किसान परेशान हैं. उसके ऊपर से तीन काले कानूनों को थोपा जा रहा है.
'सुधार होने तक स्थगित किए जाएं सभी बिल'
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि भोपाल की झुग्गी बस्ती में एक महिला का बिल 13 हजार आया. जब खुद ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने खुद जाकर देखा तो 214 रूपए का बिल निकला. ये बिजली विभाग की लापरवाही है. इसमें तुरंत सुधार करना चाहिए. ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव ने भी कहा है कि इसको सुधारने में 3 महीने लगेंगे. तब तक सभी बिल स्थगित किए जाएं.
छतरपुर में किसान ने की थी आत्महत्या
छतरपुर के मातगंवा गांव के एक किसान पर बिजली विभाग का 88 हजार रुपये का बिजली बिल बकाया था. बिल की राशि वसूलने के लिए बिजली विभाग के कर्मचारी उसे लगातार प्रताड़ित कर रहे थे. प्रताड़ना से परेशान किसान ने घातक कदम उठा लिया. उसका शव पेड़ से लटका मिला. एक सुसाइड नोट मिला. जिसमें उसने कहा कि मेरा शरीर शासन को सौंप दें और अंग-अंग बेचकर बकाया राशि वसूल कर लें.
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