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'लोकतंत्र की मजबूती के लिए नगरीय निकाय चुनाव बेहद जरुरी'

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के आवास पर रविवार को एक बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में उन्होंने नगरीय निकाय चुनाव के प्रभारियों और जिला कांग्रेस अध्यक्षों को संबोधित किया. साथ ही 5 प्रस्ताव भी पारित किए.

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बैठक आयोजित
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Published : Dec 27, 2020, 6:28 PM IST

भोपाल। दिल्ली दौरे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अब मध्य प्रदेश वापस आ गए हैं. प्रदेश में वापसी के बाद वे नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं. रविवार को उन्होंने अपने आवास पर उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. नगरीय निकाय चुनाव के प्रभारियों और जिला कांग्रेस अध्यक्षों की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'वैसे तो हर चुनाव लोकतंत्र की मजबूती के लिए बेहद जरुरी होता है. लेकिन नगरीय निकाय चुनाव का अपना महत्व है. यह चुनाव जनता से सीधा जुड़ाव वाला चुनाव होता है. जनता से रिश्तों को प्रगाढ़ करने वाला चुनाव होता है. यह चुनाव ऐसा चुनाव है जो कि पौधे को मजबूती प्रदान करता है.'

नगरीय निकाय चुनाव बेहद जरुरी

नगरीय निकाय चुनाव लोकसभा और विधानसभा को भी प्रभावित करते हैं

बैठक के दौरान कमलनाथ ने कहा कि कभी भी नगरीय निकाय चुनाव को छोटा चुनाव ना समझें. यह चुनाव बेहद जरुरी है. विधानसभा और लोकसभा चुनाव में ये महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. जैसे हम बीज बोएगें, वैसा ही पौधा तैयार होगा. सभी प्रभारी अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर जनता से चर्चा करें. और फिर कांग्रेस कार्यकर्ताओं से चर्चा कर सर्वसम्मति से जीतने वाले योग्य उम्मीदवार का चयन करें. हमें जल्द से जल्द उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया को पूरा करना है. जिससे उम्मीदवारों को ज्यादा समय मिल सके. आज की राजनीति बेहद परिवर्तित राजनीति है. इसमें जो व्यक्ति जनता के सुख-दुख में सदैव खड़ा रहता है, वही जनता की पसंद होता है.

किसान आंदोलन के समर्थन में चलाएं व्यापक अभियान

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सब से आह्वान किया है कि किसान आंदोलन के समर्थन में सब अपने-अपने इलाकों में व्यापक अभियान चलाएं. उन्होंने कहा कि किसान कड़ाके की ठंड में पिछले एक महीने से आंदोलन कर रहे हैं. वे तीन नए कृषि काले कानूनों के विरोध में सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं. मोदी सरकार तानाशाही रवैया अपनाए हुए हैं. स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने अपने कार्यकाल में किसानों को उनके उत्पादन का उचित मूल्य दिलाने के लिए और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले, इसके लिए प्रावधान किए थे. आज केंद्र की बीजेपी सरकार इन काले कानूनों के जरिए एमएसपी को खत्म करना चाहती है. जमाखोरी कालाबाजारी को बढ़ावा देना चाहती है. कॉरपोरेट जगत को बढ़ावा देकर किसानों को बर्बाद करना चाहती है. हमें इसकी सच्चाई जनता तक ले जाना चाहिए.

पढ़ें- धर्म परिवर्तन के लिए 60 दिन पहले देना होगा आवेदन

बैठक में पांच प्रस्ताव हुए पारित

कमलनाथ के आवास पर रविवार को हुई इस बैठक में 5 प्रस्ताव पारित किए गए हैं. जानें क्या हैं वो प्रस्ताव-

  1. किसान आंदोलन का समर्थन
    भारत एक कृषि प्रधान देश है. आज किसानों को उसकी उपज का उचित दाम नहीं मिल रहा है. खाद, बीज, डीजल, दवाइयों की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी के कारण किसानों पर फसल की लागत में लगातार बोझ बढ़ रहा है. केंद्र की बीजेपी सरकार ने जो तीन कृषि कानून पारित किए हैं, उसके कारण किसान बर्बाद हो जाएंगे. किसान पिछले एक महीने से आंदोलन कर रहे हैं. किसान विरोधी काले कानूनों को तुरंत वापस लिया जाए. कांग्रेस किसान आंदोलन का समर्थन करती है.
  2. नगरीय निकाय चुनाव
    मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव तीन महीने के लिए बढ़ा दिए गए हैं. इसके पीछे कोरोना कारण बताया गया है, जबकि इस महामारी काल में ही देश के अन्य राज्यों में चुनाव संपन्न हुए हैं. प्रदेश में 28 सीटों पर उप चुनाव संपन्न हुए हैं. बीजेपी की रैलियां और कार्यक्रम आज भी जारी हैं. बीजेपी ने अपनी संभावित पराजय के डर से इन चुनावों को आगे बढ़ाया है. कांग्रेस मांग करती है कि यह चुनाव जल्द से जल्द कराए जाएं.
  3. बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था, महिलाओं पर अत्याचार
    शिवराज सरकार के राज में समूचे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा कर बदहाल स्थिति में पहुंच चुकी हैं. शहडोल में 27 से ज्यादा बच्चों की अकाल मृत्यु. कोरोना मरीजों के इलाज में लापरवाही. अस्पतालों में कभी ऑक्सीजन की कमी, कभी बिस्तरों, कभी डॉक्टरों, कभी नर्सों की कमी. यह सामान्य सी बात हो गई है. यह स्थिति शिवराज सरकार के सुशासन की पोल खोल रही है. आज प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बहन-बेटियों के साथ दरिंदगी की घटनाएं सामने आ रही हैं. बहन-बेटियों के पूजन से पहले उनकी सुरक्षा की आवश्यकता है. सरकार उन्हें सुरक्षा प्रदान करें. और स्वास्थ्य व्यवस्था को ठीक करें.
  4. बढ़ती महंगाई
    महंगाई से राहत का वादा कर सत्ता में आई बीजेपी सरकार के राज में आज पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं. रसोई गैस की कीमतों में 100 रूपए का इजाफा हो चुका है. बिजली की दर में 2 फीसदी की वृद्धि की गई है. महंगाई बेतहाशा बढ़ रही है. सरकार जनता को राहत देने के लिए पेट्रोलियम पदार्थों में लगने वाले करों में कमी करें और बिजली दर वृद्धि को तुरंत वापस ले.
  5. बढ़ती बेरोजगारी
    शिवराज सरकार में बेरोजगारी का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. आज युवा बेरोजगारी को लेकर बेहद आक्रोशित है. प्रदेश में हर वर्ग रोजगार की मांग को लेकर सड़कों पर आंदोलन कर रहा है. शिवराज सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है. जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके. युवाओं के रोजगार से संबंधित कई योजनाओं को बंद कर दिया गया है. कांग्रेस मांग करती है कि कोरोना महामारी के भीषण संकट काल में कई लोगों का रोजगार छिन चुका है. उन्हें रोजगार देने के लिए सरकार गंभीरता से तुरंत कदम उठाए.

पढ़ें- प्रोटेम स्पीकर ने लिया विधानसभा की व्यवस्थाओं का जायजा

भोपाल। दिल्ली दौरे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अब मध्य प्रदेश वापस आ गए हैं. प्रदेश में वापसी के बाद वे नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं. रविवार को उन्होंने अपने आवास पर उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. नगरीय निकाय चुनाव के प्रभारियों और जिला कांग्रेस अध्यक्षों की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'वैसे तो हर चुनाव लोकतंत्र की मजबूती के लिए बेहद जरुरी होता है. लेकिन नगरीय निकाय चुनाव का अपना महत्व है. यह चुनाव जनता से सीधा जुड़ाव वाला चुनाव होता है. जनता से रिश्तों को प्रगाढ़ करने वाला चुनाव होता है. यह चुनाव ऐसा चुनाव है जो कि पौधे को मजबूती प्रदान करता है.'

नगरीय निकाय चुनाव बेहद जरुरी

नगरीय निकाय चुनाव लोकसभा और विधानसभा को भी प्रभावित करते हैं

बैठक के दौरान कमलनाथ ने कहा कि कभी भी नगरीय निकाय चुनाव को छोटा चुनाव ना समझें. यह चुनाव बेहद जरुरी है. विधानसभा और लोकसभा चुनाव में ये महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. जैसे हम बीज बोएगें, वैसा ही पौधा तैयार होगा. सभी प्रभारी अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर जनता से चर्चा करें. और फिर कांग्रेस कार्यकर्ताओं से चर्चा कर सर्वसम्मति से जीतने वाले योग्य उम्मीदवार का चयन करें. हमें जल्द से जल्द उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया को पूरा करना है. जिससे उम्मीदवारों को ज्यादा समय मिल सके. आज की राजनीति बेहद परिवर्तित राजनीति है. इसमें जो व्यक्ति जनता के सुख-दुख में सदैव खड़ा रहता है, वही जनता की पसंद होता है.

किसान आंदोलन के समर्थन में चलाएं व्यापक अभियान

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सब से आह्वान किया है कि किसान आंदोलन के समर्थन में सब अपने-अपने इलाकों में व्यापक अभियान चलाएं. उन्होंने कहा कि किसान कड़ाके की ठंड में पिछले एक महीने से आंदोलन कर रहे हैं. वे तीन नए कृषि काले कानूनों के विरोध में सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं. मोदी सरकार तानाशाही रवैया अपनाए हुए हैं. स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने अपने कार्यकाल में किसानों को उनके उत्पादन का उचित मूल्य दिलाने के लिए और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले, इसके लिए प्रावधान किए थे. आज केंद्र की बीजेपी सरकार इन काले कानूनों के जरिए एमएसपी को खत्म करना चाहती है. जमाखोरी कालाबाजारी को बढ़ावा देना चाहती है. कॉरपोरेट जगत को बढ़ावा देकर किसानों को बर्बाद करना चाहती है. हमें इसकी सच्चाई जनता तक ले जाना चाहिए.

पढ़ें- धर्म परिवर्तन के लिए 60 दिन पहले देना होगा आवेदन

बैठक में पांच प्रस्ताव हुए पारित

कमलनाथ के आवास पर रविवार को हुई इस बैठक में 5 प्रस्ताव पारित किए गए हैं. जानें क्या हैं वो प्रस्ताव-

  1. किसान आंदोलन का समर्थन
    भारत एक कृषि प्रधान देश है. आज किसानों को उसकी उपज का उचित दाम नहीं मिल रहा है. खाद, बीज, डीजल, दवाइयों की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी के कारण किसानों पर फसल की लागत में लगातार बोझ बढ़ रहा है. केंद्र की बीजेपी सरकार ने जो तीन कृषि कानून पारित किए हैं, उसके कारण किसान बर्बाद हो जाएंगे. किसान पिछले एक महीने से आंदोलन कर रहे हैं. किसान विरोधी काले कानूनों को तुरंत वापस लिया जाए. कांग्रेस किसान आंदोलन का समर्थन करती है.
  2. नगरीय निकाय चुनाव
    मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव तीन महीने के लिए बढ़ा दिए गए हैं. इसके पीछे कोरोना कारण बताया गया है, जबकि इस महामारी काल में ही देश के अन्य राज्यों में चुनाव संपन्न हुए हैं. प्रदेश में 28 सीटों पर उप चुनाव संपन्न हुए हैं. बीजेपी की रैलियां और कार्यक्रम आज भी जारी हैं. बीजेपी ने अपनी संभावित पराजय के डर से इन चुनावों को आगे बढ़ाया है. कांग्रेस मांग करती है कि यह चुनाव जल्द से जल्द कराए जाएं.
  3. बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था, महिलाओं पर अत्याचार
    शिवराज सरकार के राज में समूचे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा कर बदहाल स्थिति में पहुंच चुकी हैं. शहडोल में 27 से ज्यादा बच्चों की अकाल मृत्यु. कोरोना मरीजों के इलाज में लापरवाही. अस्पतालों में कभी ऑक्सीजन की कमी, कभी बिस्तरों, कभी डॉक्टरों, कभी नर्सों की कमी. यह सामान्य सी बात हो गई है. यह स्थिति शिवराज सरकार के सुशासन की पोल खोल रही है. आज प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बहन-बेटियों के साथ दरिंदगी की घटनाएं सामने आ रही हैं. बहन-बेटियों के पूजन से पहले उनकी सुरक्षा की आवश्यकता है. सरकार उन्हें सुरक्षा प्रदान करें. और स्वास्थ्य व्यवस्था को ठीक करें.
  4. बढ़ती महंगाई
    महंगाई से राहत का वादा कर सत्ता में आई बीजेपी सरकार के राज में आज पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं. रसोई गैस की कीमतों में 100 रूपए का इजाफा हो चुका है. बिजली की दर में 2 फीसदी की वृद्धि की गई है. महंगाई बेतहाशा बढ़ रही है. सरकार जनता को राहत देने के लिए पेट्रोलियम पदार्थों में लगने वाले करों में कमी करें और बिजली दर वृद्धि को तुरंत वापस ले.
  5. बढ़ती बेरोजगारी
    शिवराज सरकार में बेरोजगारी का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. आज युवा बेरोजगारी को लेकर बेहद आक्रोशित है. प्रदेश में हर वर्ग रोजगार की मांग को लेकर सड़कों पर आंदोलन कर रहा है. शिवराज सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है. जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके. युवाओं के रोजगार से संबंधित कई योजनाओं को बंद कर दिया गया है. कांग्रेस मांग करती है कि कोरोना महामारी के भीषण संकट काल में कई लोगों का रोजगार छिन चुका है. उन्हें रोजगार देने के लिए सरकार गंभीरता से तुरंत कदम उठाए.

पढ़ें- प्रोटेम स्पीकर ने लिया विधानसभा की व्यवस्थाओं का जायजा

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