भोपाल। कमलनाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता गोविंद सिंह के तीर्थ दर्शन योजना को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद राजनीति गरमा गई है. उनके बयान के बाद बीजेपी ने पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ से सवाल किया है कि आइफा कराने के लिए करोड़ों रुपए सरकार के पास है लेकिन प्रदेश की जनता को तीर्थ दर्शन कराने के लिए नहीं मुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि यह बयान क्या सरकार की ओर से अधिकृत रूप से दिया गया है.
पूर्व सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि प्रदेश में करोड़ों रुपए खर्च करके आईफा कराने के लिए सरकार के पास पैसा है लेकिन मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा के माध्यम से लोगों को तीर्थ पर भेजने के लिए पैसा नहीं है और उसके बाद कमलनाथ सरकार के मंत्री के द्वारा इस तरह का बेतुका बयान दिया जा रहा है मंत्री गोविंद सिंह को यह बात समझ लेनी चाहिए कि सरकार अपनी जेब से पैसा खर्च करके प्रदेश की जनता को तीर्थ दर्शन पर नहीं भेज रही है बल्कि यह जनता का ही पैसा है जिसके माध्यम से तीर्थ दर्शन योजना संचालित की जा रही है.
विश्वास सारंग ने कहा कि इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और कुछ नहीं हो सकता है कि प्रदेश के एक मंत्री के द्वारा इस तरह का बयान दिया जा रहा है प्रदेश सरकार आईफा अवार्ड कराने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है और बड़ी-बड़ी बातें प्रदेश की जनता के सामने करके अपनी वाहवाही लूटने का काम कर रही है लेकिन तीर्थ दर्शन पर प्रदेश की जनता को भेजने के लिए उनके मंत्री के द्वारा इस तरह का बयान दिया जा रहा है कि इस योजना को बंद कर देना चाहिए हम इस बयान की निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार के द्वारा इस योजना को शुरू किया गया था क्योंकि इस योजना को शुरू करने का मूल उद्देश्य ही था कि गरीब बुजुर्ग लोगों को जो लोग तीर्थ यात्रा पर नहीं जा पाते हैं उन्हें सरकार के माध्यम से इन सभी यात्राओं पर भेजा जाएउन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आईफा मैं करोड़ों रुपए खर्च करके ठुमके लगवा रही है और दूसरी तरफ तीर्थ दर्शन योजना जो सभी धर्मों के लिए बनाई गई है उसका मजाक उड़ाया जा रहा है इस मामले में अब मुख्यमंत्री कमलनाथ को आगे आकर सफाई देनी चाहिए कि उनके मंत्री के द्वारा जो बयान दिया गया है क्या वह सरकार का अधिकृत बयान है .