भोपाल। यूपीए सरकार के समय राहुल गांधी की पहल पर बुंदेलखंड के लिए दिए गए विशेष पैकेज में भ्रष्टाचार की जांच कमलनाथ सरकार ने EOW को सौंप दी है. इस फैसले पर कांग्रेस का कहना है कि शिवराज सरकार के समय बुंदेलखंड पैकेज में हुए हजारों करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार की जानबूझकर नहीं कराई गई थी. सरकार ने इसकी जांच EOW को सौंपी है, ये स्वागत योग्य कदम है. अब विशेष पैकेज में भ्रष्टाचार करने वाले बेनकाब होंगे.
पूर्व की शिवराज सरकार पर आरोप
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में राहुल गांधी के विशेष प्रयासों के चलते 2009 में बुंदेलखंड के पिछड़े इलाकों को विकसित करने के लिए विशेष बुंदेलखंड पैकेज बनाया गया था. जिसमें 7226 करोड़ रुपए की कुल राशि में से मध्य प्रदेश के हिस्से में 3,860 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे, जिनके द्वारा मध्य प्रदेश के हिस्से में आने वाले बुंदेलखंड के पिछड़े जिलों का विकास किया जाना था. लेकिन पिछली सरकार की गलत नीति के चलते पूरा पैकेज ही घोटाले की भेंट चढ़ गया और घोटाला उजागर होने के बाद शिवराज सरकार ने इसकी गंभीरता से जांच नहीं कराई. क्योंकि पूरा घोटाला उनकी ही सरपरस्ती में हुआ था.
'बुंदेलखंड पैकेज का किया गलत इस्तेमाल'
उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिलों का पिछड़ापन दूर करने की बजाय बीजेपी के नेताओं, ठेकेदारों, रसूखदारों और माफियाओं का पिछड़ापन दूर हो गया. योजना में भ्रष्टाचार का आलम ये था कि 5 टन वजनी पत्थरों के परिवहन के लिए जिन वाहनों के नंबर दिए गए, वो ट्रक ना होकर स्कूटर और अन्य दोपहिया वाहनों के नंबर थे. साफ है कि बुंदेलखंड पैकेज के माध्यम से पिछड़े जिलों के विकास की कोई मंशा पिछली शिवराज सरकार की नहीं थी. इसके बजाय बुंदेलखंड पैकेज भी व्यापमं, डंपर, ई-टेंडरिंग, अवैध उत्खनन, पौधरोपण और पेंशन जैसे घोटालों की तरह ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया.