भोपाल। एक ओर आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल खुद की सरकार आने पर मध्यप्रदेश में बिजली मुफ्त देने की बात करते हैं, तो वहीं दूसरी ओर चुनावी साल होने के बाबजूद भी शिवराज सरकार ने बिजली की दरों में इजाफा किया है. बता दें कि आयोग ने घरेलू उपभोक्ताओं के टैरिफ में मामूली वृद्धि की है और बिजली 6 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाई है, हालांकि बिजली कंपनियों ने विद्युत नियामक आयोग के सामने कंपनी को घाटे में बताया था और करीब 3 प्रतिशत वृदि की मांग की थी.
बिजली दरों में बदलाव से किसे फायदा किसे नुकसान: प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा चुनाव है जिसके चलते बिजली उपभोक्ताओं पर ज्यादा भार नहीं डाला गया है. अब 150 यूनिट पर उपभोक्ता को 13 रुपये और 300 यूनिट बिजली पर 41 रुपये ज्यादा चुकाने पड़ेंगे, इस तरह 6 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी हो गई है. हालांकि उन उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है, जो घर बंद रहने के बाद भी न्यूनतम बिल जमा करते थे, अब उनसे न्यूनतम दर नहीं वसूली जाएगी. वहीं ऑनलाइन बिजली बिल भरने वालों को आधे प्रतिशत की छूट मिलेगी.
एमपी में क्यों बढ़ाई गई बिजली दरें: देश की तीनों विद्युत कंपनियों ने आयोग को 3.2% की वृद्धि का प्रस्ताव भेजा था, कंपनियों ने इसके पीछे उनका राजस्व घाटा बताया था. फिलहाल 49530 करोड़ राजस्व की आवश्यकता बताते हुए वर्तमान टैरिफ दर पर राजस्व अंतर की 1537 करोड़ रुपए की भरपाई के लिए वृद्धि की मांग की गई थी. कंपनी ने 2021-22 की याचिका में राजस्व का अंतर 3276 करोड़ बताया था, इसके बाद आयोग ने प्रस्ताव का परीक्षण करने के बाद 1648 करोड़ रुपए के अंतर को स्वीकार किया. वहीं इस वर्ष 2023 -24 के लिए 48993 करोड़ की राजस्व आवश्यकता स्वीकार की और आयोग ने इस साल राजस्व अंतर 795 करोड रुपए माना, इसी आधार पर 1.65% की वृद्धि की अनुमति दी गई.
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए अब इतना पैसा प्रति यूनिट देना होगा
यूनिट | (रुपए) अब देने होंगे |
50 | 06 |
100 | 10 |
150 | 13 |
200 | 20 |
250 | 34 |
300 | 41 |
आइए जानते हैं खास बातें
- घरेलू उपभोक्ताओं के लिए न्यूनतम शुल्क खत्म कर दिया गया है.
- गैर घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं और निम्न दाब उद्योग श्रेणी के उपभोक्ताओं के टैरिफ में कोई बदलाव नहीं.
- उपभोक्ताओं को कोई भी मीटर के चार्जेस नहीं देना होगा.
- निम्न दाब और उच्चता उपभोक्ताओं को अग्रिम भुगतान पर दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि की दर को कार्यशील पूंजी पर वार्षिक ब्याज दरों से जोड़ा जाएगा.
- ई-व्हीकल, ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन की विद्युत दर में से स्थाई प्रभार समाप्त कर दिया गया है.
- एमपी में मेट्रो रेल के संचालन की सुविधा के लिए पृथक दर श्रेणी मेट्रो रेल बनाई गई है.