भोपाल| शहर का हमीदिया अस्पताल अपनी कार्यप्रणाली को लेकर हमेशा ही चर्चा के केंद्र में बना रहता है, यहां की खराब स्वास्थ्य व्यवस्थाएं किसी से छिपी नहीं हैं लेकिन इसके बावजूद भी अब तक हमीदिया अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हो पाया है, लेकिन हमीदिया अस्पताल इस बार यहां किए गए तबादले को लेकर चर्चा में बना हुआ है क्योंकि जिस अधिकारी को सुबह हमीदिया अस्पताल का अधीक्षक बनाया गया उसे देर रात अचानक हटा दिया गया है.
भोपाल संभाग आयुक्त एवं अध्यक्ष कार्यकारिणी स्वशासी समिति गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के कविंद्र कियावत के द्वारा गुरुवार सुबह आदेश जारी करते हुए हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक अरुण कुमार श्रीवास्तव के स्थान पर पूर्व अधीक्षक दीपक मरावी को अधीक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, इसके बकायदा आदेश भी जारी कर दिए गए थे. हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक पद को लेकर काफी समय से विवाद रहा है, जिसे दृष्टिगत रखते हुए ही गांधी मेडिकल कॉलेज के प्राध्यापक अरुण कुमार श्रीवास्तव को अस्थाई रूप से यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन भोपाल कमिश्नर के द्वारा गांधी चिकित्सालय अस्थि रोग विभाग के प्राध्यापक डॉ दीपक मरावी को संयुक्त संचालक और अधीक्षक हमीदिया चिकित्सालय का प्रभाव सौंप दिया था.
बताया जा रहा है कि प्रदेश के एक कैबिनेट मंत्री के द्वारा इस आदेश पर आपत्ति दर्ज कराई गई थी क्योंकि डॉ दीपक मरावी पहले भी हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक रह चुके हैं और उनके कार्यकाल के दौरान कई तरह के विवाद भी सामने आए थे, यही वजह थी कि लगातार विवादित रहने के कारण ही उन्हें यहां से हटाया गया था. मंत्री की नाराजगी के बाद कमिश्नर ने देर रात जारी किए गए आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया.
साथ ही नए आदेश जारी कर सुल्तानिया जनाना चिकित्सालय के अधीक्षक एवं गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के सर्जरी विभाग में सहायक प्राध्यापक डॉ आईडी चौरसिया को संयुक्त संचालक एवं हमीदिया चिकित्सालय का अधीक्षक का पद आगामी आदेश तक अस्थाई रूप से सौंप दिया है. हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक पद का कार्यभार ग्रहण करने के बाद डॉ चौरसिया सुल्तानिया जनाना चिकित्सालय के अधीक्षक पद से मुक्त हो जाएंगे.