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सदन में गूंजा 54 लोगों की मौत का मामला

आज विधानसभा की कार्यवाही में सीधी बस हादसे का मुद्दा गूंजा. पक्ष और विपक्ष में सीधी हादसे को लेकर तीखी बहस हुई.

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Published : Mar 1, 2021, 5:34 PM IST

Updated : Mar 1, 2021, 10:13 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में आज सिटी बस हादसे को लेकर स्थगन पर चर्चा हुई. जिसमें कमलेश्वर पटेल ने सरकार की लेटलतीफी और कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर जब हादसे हो जाते हैं, तभी क्यों सरकार जाती है. क्योंकि हादसे में सबसे बड़ी लापरवाही बस ऑपरेटर की है. जो 32 सीटर बस में 60 से ज्यादा सवारी बैठाए हुए था. वहीं परिवहन मंत्री इस मामले में चुप्पी साधे रहे और मस्ती के मूड में नजर आए.

सतना की जगह और भी सेंटर होते तो हादसा नहीं होता

सीधी कांड को लेकर सदन में ऊर्जा स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए कमलेश्वर पटेल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर केवल सतना में सेंटर नहीं होता तो शायद यह दुर्घटना नहीं होती. एक ही स्थान पर सेंटर होने के चलते ज्यादातर लोग एक ही स्थान पर परीक्षा देने पहुंचे थे. यही वजह है कि एक बस में ज्यादा सवारियां बैठाई गई. जबकि सरकार को चाहिए था कि हर जिले मुख्यालय पर परीक्षा का सेंटर बनाना चाहिए.

कमलेश्वर पटेल, पूर्व मंत्री

LIVE UPDATE: 'मध्य प्रदेश धर्म स्वातंत्र्य विधेयक-2020' सदन में हुआ पास, आर्थिक सर्वेक्षण जारी

हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए. कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल ने सीधी बस हादसे को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, कि जब एक मच्छर के काटने पर अधिकारी को बर्खास्त कर दिया जाता है, तो दूसरी तरफ सीधी बस हादसे में 54 लोगों की मौत हुई. ऐसे में जिम्मेदारों पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए. एक तरफ इतना बड़ा हादसा हो जाता है, दूसरी तरफ परिवहन मंत्री उसी दिन यहां मस्ती कर रहे थे. जबकि हादसे में 54 लोगों की मौत हुई है. ऐसे में सरकार में बैठे जिम्मेदार लोगों को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए था.

राहत और बचाव सुचारू रूप से चलाएं इसलिए खुद कर रहा था मॉनिटरिंग

बस हादसे को लेकर विपक्ष के आरोप पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में बोलते हुए कहा कि राहत और बचाव कार्य सुचारू रूप से चल सके, इसके लिए वे खुद कंट्रोल रूम बनाकर जानकारी ले रहे थे. राहत और बचाव कार्य प्रभावित ना हो इसलिए तत्काल दो मंत्रियों को भेजकर घटनास्थल पर जानकारी लेने के निर्देश दिए थे. हालात सामान्य होने के बाद ही तुरंत पीड़ित परिवारों से भी मिला था.

मोहन यादव, मंत्री

दरअसल सीधी बस बस हादसे में 14 लोगों की मौत हुई थी. जिसके बाद से लगातार विपक्ष सरकार को घेर रहा है. हादसे के 1 दिन बाद ही पर प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का एक निजी कार्यक्रम में जाकर हंसी ठहाके लगाना भी कहीं न कहीं सरकार को भारी पड़ा. कांग्रेस बार-बार इसी मामले को तूल दे रही है कि जब एक तरफ से लोगों की मौत हुई थी तो वहीं दूसरी तरफ परिवहन मंत्री हंसी ठहाके लगा रहे थे.

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में आज सिटी बस हादसे को लेकर स्थगन पर चर्चा हुई. जिसमें कमलेश्वर पटेल ने सरकार की लेटलतीफी और कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर जब हादसे हो जाते हैं, तभी क्यों सरकार जाती है. क्योंकि हादसे में सबसे बड़ी लापरवाही बस ऑपरेटर की है. जो 32 सीटर बस में 60 से ज्यादा सवारी बैठाए हुए था. वहीं परिवहन मंत्री इस मामले में चुप्पी साधे रहे और मस्ती के मूड में नजर आए.

सतना की जगह और भी सेंटर होते तो हादसा नहीं होता

सीधी कांड को लेकर सदन में ऊर्जा स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए कमलेश्वर पटेल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर केवल सतना में सेंटर नहीं होता तो शायद यह दुर्घटना नहीं होती. एक ही स्थान पर सेंटर होने के चलते ज्यादातर लोग एक ही स्थान पर परीक्षा देने पहुंचे थे. यही वजह है कि एक बस में ज्यादा सवारियां बैठाई गई. जबकि सरकार को चाहिए था कि हर जिले मुख्यालय पर परीक्षा का सेंटर बनाना चाहिए.

कमलेश्वर पटेल, पूर्व मंत्री

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हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए. कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल ने सीधी बस हादसे को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, कि जब एक मच्छर के काटने पर अधिकारी को बर्खास्त कर दिया जाता है, तो दूसरी तरफ सीधी बस हादसे में 54 लोगों की मौत हुई. ऐसे में जिम्मेदारों पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए. एक तरफ इतना बड़ा हादसा हो जाता है, दूसरी तरफ परिवहन मंत्री उसी दिन यहां मस्ती कर रहे थे. जबकि हादसे में 54 लोगों की मौत हुई है. ऐसे में सरकार में बैठे जिम्मेदार लोगों को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए था.

राहत और बचाव सुचारू रूप से चलाएं इसलिए खुद कर रहा था मॉनिटरिंग

बस हादसे को लेकर विपक्ष के आरोप पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में बोलते हुए कहा कि राहत और बचाव कार्य सुचारू रूप से चल सके, इसके लिए वे खुद कंट्रोल रूम बनाकर जानकारी ले रहे थे. राहत और बचाव कार्य प्रभावित ना हो इसलिए तत्काल दो मंत्रियों को भेजकर घटनास्थल पर जानकारी लेने के निर्देश दिए थे. हालात सामान्य होने के बाद ही तुरंत पीड़ित परिवारों से भी मिला था.

मोहन यादव, मंत्री

दरअसल सीधी बस बस हादसे में 14 लोगों की मौत हुई थी. जिसके बाद से लगातार विपक्ष सरकार को घेर रहा है. हादसे के 1 दिन बाद ही पर प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का एक निजी कार्यक्रम में जाकर हंसी ठहाके लगाना भी कहीं न कहीं सरकार को भारी पड़ा. कांग्रेस बार-बार इसी मामले को तूल दे रही है कि जब एक तरफ से लोगों की मौत हुई थी तो वहीं दूसरी तरफ परिवहन मंत्री हंसी ठहाके लगा रहे थे.

Last Updated : Mar 1, 2021, 10:13 PM IST
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