भोपाल। मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के दिन ही कांग्रेस-बीजेपी शराब नीति पर दो फाड़ हो गए हैं. मध्यप्रदेश दिवस के मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने शुभकामनाएं देने के साथ राज्य सरकार पर प्रदेश को मदिरा प्रदेश बनाने का आरोप लगाया है. जिस पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि शिवराज सिंह की भावना दुर्भावना से भरी हुई है.मध्यप्रदेश को कोई भी मदिरा प्रदेश नहीं बना रहा है.
कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता ने शिवराज सिंह के आरोपों का खण्डन करते हुए कहा कि झूठी बातें करके और भ्रम फैलाने की चेष्टा भारतीय जनता पार्टी के डीएनए में है. बीजेपी को झूठ की यूर्निवसिटी बंद कर देना चाहिए.
मुख्यमंत्री कमलनाथ एक बहुत ही निर्णायक काम कर रहे हैं. वो है ड्रग्स के खिलाफ युद्ध मिलावट के खिलाफ लड़ाई. लोगों को स्वच्छ पानी का अधिकार लोगों को स्वास्थ्य का अधिकार ये कांग्रेस के लिए माइल स्टोन साबित होंगे.
मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष ने शिवराज सिंह को शराबबंदी को लेकर उनके द्वारा की गई घोषणा याद दिलाते हुए कहा कि देर रात तक शराब की दुकानें खोले जाने का आदेश उनके कार्यकाल में पारित हुआ था. प्रदेश में शराब दुकानों के साथ बार खोले जाने की शुरुआत कब हुई थी.
शराब नीति पर क्या बोले थे शिवराज
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा था कि आज एक बात में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री से कहना चाहता हूं कि मध्यप्रदेश को मदिरा प्रदेश ना बनाएं. हमारी सरकार रहते हुए हमने सदैव प्रयास किया कि शराब की दुकानें ना बढ़े. धीरे-धीरे उनको कम करने का प्रयास किया और प्रदेश को नशा मुक्ति की दिशा में ले जाने की कोशिश की. उस समय भी आबकारी विभाग हर साल तीन चार सौ दुकानें बढ़ाने का प्रस्ताव लाता था. लेकिन हमने अपने मंत्रिमंडल में प्रस्ताव को रखने के लिए सख्ती से मना किया.