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संबल योजना को फिर चालू करने को लेकर कांग्रेस ने उठाए सीएम शिवराज पर सवाल

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Published : May 6, 2020, 11:34 AM IST

Updated : May 6, 2020, 11:45 AM IST

शिवराज सरकार बंद पड़ी संबल योजना को फिर से चालू कर दिया है. इसे लेकर कांग्रेस ने उन पर निशाना साधा है.

bhopal
भोपाल

भोपाल। शिवराज सरकार ने संबल योजना फिर से शुरू कर दी है. पूर्व की कांग्रेस सरकार ने इस योजना में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की बात कहते हुए बंद कर 'नया सवेरा' नाम से योजना शुरू की थी. कमलनाथ सरकार में श्रम मंत्री रहे बृजेंद्र सिंह सिसोदिया, जो बीजेपी में शामिल हो चुके हैं उन्होंने योजना को लेकर सवाल खड़े किए और कहा है कि योजना में गड़बड़ी को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जानकारी दे दी है. कांग्रेस भी योजना को लेकर कई तरह के सवाल खड़े कर रही है.

संबल योजना को लेकर कांग्रेस ने उठाए सवाल

कांग्रेस के नेशनल मीडिया कॉर्डिनेटर अभय दुबे ने बताया कि पूर्ववर्ती शिवराज सरकार की संबल योजना में 2 करोड़ 6 लाख 7633 लोगों को श्रमिकों के रूप में पंजीकृत किया गया था. जिसमें पत्थर तोड़ने वाले, माल लादने-उतारने वाले, कचरा बीनने वाले, लुहार, कुम्हार, झाड़ू लगाने वाले, रंगाई करने वाले, खिलौने बनाने वाले, इत्यादि श्रमिकों की कई श्रेणियां तय की गईं थी. जिन्हें आयुष्मान भारत, अन्नपूर्णा योजना, सरल बिजली बिल माफी जैसी विभिन्न प्रचलित योजनों के लाभ दिए जाने का प्रावधान था.

उनका कहना है कि प्रदेश में शिवराज सरकार में अपराध, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, अवरुद्ध औद्योगिक विकास जब चरम पर पहुंच गया तो प्रदेश के नागरिकों ने कमलनाथ को प्रदेश की बागड़ोर सौंप दी. कमलनाथ सरकार ने पाया कि इस योजना में खूब भ्रष्टाचार हुआ है और कई अमीरों को श्रमिक की श्रेणी में डालकर शिवराज सरकार श्रमिकों के हक पर डाका डाल रही है. तब इस योजना में सुधार कर इसे प्रभावी तरीके से 'नया सवेरा' के रूप में लागू किया गया.

पूर्ववर्ती सरकार के संबल योजना में हुए भीषणतम भ्रष्टाचार को हाल ही में बीजेपी के नेता हुए पूर्व मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ने सार्वजनिक रूप से स्वीकारा है. जब शिवराज सिंह इस योजना को पुनः प्रारंभ कर चुके है, तो कुछ प्रासंगिक प्रश्न हैं, जो उनसे पूछे जाने चाहिए .

  • शिवराज सिंह, इस योजना को बंद कब किया गया था, जो आप आज इसे फिर से प्रारंभ कर रहे हैं?
  • इस योजना में आज 1 करोड़ 37 लाख 99501 श्रमिक पंजीकृत है, तो क्या 68 लाख 8 हजार 132 लोग, जो इसमें बाहर किए गए हैं उनके नाम पर आपकी सरकार भ्रष्टाचार कर रही थी ?
  • आज जब श्रमिकों को आजीविका का संबल प्रदान करने की आवश्यकता है. तब आपने इस योजना के सबसे पहले क्रम पर अंत्येष्टि सहायता का प्रावधान क्यों किया ?
  • बीते दो महीने से 1 करोड़ 37 लाख 99501 श्रमिकों के पास आजीविका का कोई साधन नहीं है, तब आप मात्र 41 करोड़ रु. ही क्यों इन्हें हस्तांतरित कर रहे हैं ? एवरेज निकाला जाए तो मात्र 30 रु प्रति श्रमिक है.
  • 68 लाख 80,132 फर्जी श्रमिकों के नाम पर आपकी सरकार में जिन लोगों ने लूट की है. उन पर आपने क्या कार्यवाही की ?
  • क्या बीजेपी नेता और पूर्वमंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने आपको इस घोटाले की सूचना दी है ?

उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को कहा कि ये भीषण माहमारी का समय सस्ते प्रचार का नही है. आज 2019- 20 में मध्यप्रदेश की जीडीपी 9 लाख 62 हजार करोड़ की है . इस जीडीपी का मात्र 2 प्रतिशत 1 करोड़ 37 लाख 99 हजार 501 श्रमिकों के खाते में हस्तांतरित कीजिये. मतलब 7500 रुपए प्रति श्रमिक 2 महीने के लिए इसके खाते में डाले जाएं.

भोपाल। शिवराज सरकार ने संबल योजना फिर से शुरू कर दी है. पूर्व की कांग्रेस सरकार ने इस योजना में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की बात कहते हुए बंद कर 'नया सवेरा' नाम से योजना शुरू की थी. कमलनाथ सरकार में श्रम मंत्री रहे बृजेंद्र सिंह सिसोदिया, जो बीजेपी में शामिल हो चुके हैं उन्होंने योजना को लेकर सवाल खड़े किए और कहा है कि योजना में गड़बड़ी को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जानकारी दे दी है. कांग्रेस भी योजना को लेकर कई तरह के सवाल खड़े कर रही है.

संबल योजना को लेकर कांग्रेस ने उठाए सवाल

कांग्रेस के नेशनल मीडिया कॉर्डिनेटर अभय दुबे ने बताया कि पूर्ववर्ती शिवराज सरकार की संबल योजना में 2 करोड़ 6 लाख 7633 लोगों को श्रमिकों के रूप में पंजीकृत किया गया था. जिसमें पत्थर तोड़ने वाले, माल लादने-उतारने वाले, कचरा बीनने वाले, लुहार, कुम्हार, झाड़ू लगाने वाले, रंगाई करने वाले, खिलौने बनाने वाले, इत्यादि श्रमिकों की कई श्रेणियां तय की गईं थी. जिन्हें आयुष्मान भारत, अन्नपूर्णा योजना, सरल बिजली बिल माफी जैसी विभिन्न प्रचलित योजनों के लाभ दिए जाने का प्रावधान था.

उनका कहना है कि प्रदेश में शिवराज सरकार में अपराध, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, अवरुद्ध औद्योगिक विकास जब चरम पर पहुंच गया तो प्रदेश के नागरिकों ने कमलनाथ को प्रदेश की बागड़ोर सौंप दी. कमलनाथ सरकार ने पाया कि इस योजना में खूब भ्रष्टाचार हुआ है और कई अमीरों को श्रमिक की श्रेणी में डालकर शिवराज सरकार श्रमिकों के हक पर डाका डाल रही है. तब इस योजना में सुधार कर इसे प्रभावी तरीके से 'नया सवेरा' के रूप में लागू किया गया.

पूर्ववर्ती सरकार के संबल योजना में हुए भीषणतम भ्रष्टाचार को हाल ही में बीजेपी के नेता हुए पूर्व मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ने सार्वजनिक रूप से स्वीकारा है. जब शिवराज सिंह इस योजना को पुनः प्रारंभ कर चुके है, तो कुछ प्रासंगिक प्रश्न हैं, जो उनसे पूछे जाने चाहिए .

  • शिवराज सिंह, इस योजना को बंद कब किया गया था, जो आप आज इसे फिर से प्रारंभ कर रहे हैं?
  • इस योजना में आज 1 करोड़ 37 लाख 99501 श्रमिक पंजीकृत है, तो क्या 68 लाख 8 हजार 132 लोग, जो इसमें बाहर किए गए हैं उनके नाम पर आपकी सरकार भ्रष्टाचार कर रही थी ?
  • आज जब श्रमिकों को आजीविका का संबल प्रदान करने की आवश्यकता है. तब आपने इस योजना के सबसे पहले क्रम पर अंत्येष्टि सहायता का प्रावधान क्यों किया ?
  • बीते दो महीने से 1 करोड़ 37 लाख 99501 श्रमिकों के पास आजीविका का कोई साधन नहीं है, तब आप मात्र 41 करोड़ रु. ही क्यों इन्हें हस्तांतरित कर रहे हैं ? एवरेज निकाला जाए तो मात्र 30 रु प्रति श्रमिक है.
  • 68 लाख 80,132 फर्जी श्रमिकों के नाम पर आपकी सरकार में जिन लोगों ने लूट की है. उन पर आपने क्या कार्यवाही की ?
  • क्या बीजेपी नेता और पूर्वमंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने आपको इस घोटाले की सूचना दी है ?

उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को कहा कि ये भीषण माहमारी का समय सस्ते प्रचार का नही है. आज 2019- 20 में मध्यप्रदेश की जीडीपी 9 लाख 62 हजार करोड़ की है . इस जीडीपी का मात्र 2 प्रतिशत 1 करोड़ 37 लाख 99 हजार 501 श्रमिकों के खाते में हस्तांतरित कीजिये. मतलब 7500 रुपए प्रति श्रमिक 2 महीने के लिए इसके खाते में डाले जाएं.

Last Updated : May 6, 2020, 11:45 AM IST
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