भोपाल। नागरिकता संशोधन कानून का बड़े स्तर पर विरोध किया जा रहा है. इसके मद्देनजर सूबे में कांग्रेस आज मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में प्रोटेस्ट-मार्च करने जा रही है. इस प्रदर्शन में सीएम कमलनाथ के साथ-साथ प्रदेश सरकार के ज्यादातर मंत्री और विधायक भी शामिल होंगे. इस प्रदर्शन में राज्य के हर जिले से कार्यकर्ता भी भोपाल में जुटेंगे. प्रोटेस्ट के जरिए कांग्रेस जनता से कानून के विरोध में मत भी जानेगी.
कांग्रेस को मिला दूसरे दलों का साथ
कमलनाथ सरकार ने इस प्रोस्टेस्ट को 'संविधान बचाओ न्याय शांति यात्रा' नाम दिया है. इस प्रदर्शन में बीएसपी, कम्युनिस्ट पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी और लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी भी साथ दिखेगी और केंद्र सरकार द्वारा एनआरसी और सीएए के खिलाफ हल्ला बोलेगी.
दिल्ली के बाद एमपी में प्रदर्शन
सीएए को लेकर कांग्रेस ने दिल्ली में केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोला था. जिसके बाद आज एमपी में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन होना है. इसके लिए एआईसीसी ने सभी राज्यों में इस कानून के विरोध में प्रदर्शन के निर्देश जारी किए थे. आज होने वाले प्रदर्शन को लेकर एक हफ्ते से तैयारी शुरू हो गई थी. यह प्रोटेस्ट-मार्च दोपहर 12 बजे शुरू होगा. गांधी टोपी पहनकर शांतिपूर्ण तरीके से होने वाले प्रोटेस्ट मार्च को व्यापक बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी ने सामाजिक कार्यक्रर्ताओं को भी न्योता भेजा है, सीएम के साथ ही पूरा मंत्रिमंडल और पार्टी कार्यकर्ता भी शामिल होंगे.
दोनों दलों के बीच छिड़ी सियासी जंग
सीएम पहले ही कह चुके हैं कि बंटवारे वाले इस कानून को प्रदेश में लागू नहीं किया जाएगा. बहरहाल नागरिकता कानून को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने हैं, लेकिन अब समर्थन और विरोध को लेकर छिड़ी सियासत जंग में दोनों दल एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में हैं. यही कारण है कि CAA के विरोध में कांग्रेस सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन करने जा रही है.
क्या है सीएए ?
नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के चलते भारत आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी समुदाय के लोगों पर लागू होगा. यह कानून इन तीनों देशों के शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए लाया गया है. इसके अलावा इन तीन देशों से भारत आए मुस्लिमों या फिर अन्य विदेशी नागरिकों के लिए यह कानून नहीं है.
क्या है एनआरसी ?
राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर यानी एनआरसी में अवैध अप्रवासियों की पहचान करने की बात कही गई है. चाहे वे किसी भी जाति, वर्ग या धर्म के हों. ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर भेजने का प्रावधान है. एनआरसी फिलहाल सिर्फ असम में लागू है जबकि सीएए देशभर में लागू होगा.