भोपाल। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. प्रणब मुखर्जी का आज 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया, उन्होंने सेना के अस्पताल में आखिरी सास ली. पिछले कई दिनों से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी. पूर्व राष्ट्रपति के निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर है. मध्यप्रदेश कांग्रेस ने संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें उस पीढ़ी का प्रणेता बताया है, जिस पीढ़ी ने आजादी के आंदोलन में कुर्बानियां दीं और भारत के निर्माण के लिए पूरा जीवन झोंक दिया.
कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि, 'हमारे किसान, आदिवासियों, इंजीनियर, वैज्ञानिक, डॉक्टर सबके परिश्रम और पुरुषार्थ से देश खड़ा हुआ है. उसे माला में पिरोने का काम जिन बड़े नेताओं ने किया, उसमें प्रणब मुखर्जी भी थे. उनसे जीवन में मेरी दो बार मुलाकात हुई. जब वो केंद्र में वित्त मंत्री थे, तब और दूसरी बार वो भोपाल आए तो सुरेश पचौरी के माध्यम से उनसे मुलाकात हुई.
मप्र कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि, प्रणब मुखर्जी कांग्रेस विचारधारा की ऐसी बहती हुई नदी थे, जिसमें अनंत जीवंतता थी, अनंत प्रवाह और गहरी सोच थी. वो उस पीढ़ी के प्रणेता थे, जिस पीढ़ी ने आजादी के आंदोलन में कुर्बानियां दीं, जिस पीढ़ी ने भारत निर्माण में अपना पूरा जीवन झोंका और जिस पीढ़ी ने परिश्रम से भारत को आदर्श राष्ट्र के रूप में खड़ा किया.
मुखर्जी के मस्तिष्क की सर्जरी गई थी. वो कोरोना से संक्रमित भी पाए गए थे, जिसके बाद से ही वो वेंटिलेटर पर थे. प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी दी है.