भोपाल। प्रदेश में उपचुनाव से पहले राजनीतिक दल-बदल की स्थिति बरकार है. एक बार फिर कांग्रेस और कमलनाथ को उपचुनाव से ठीक पहले बीजेपी ने बहुत बड़ा झटका दिया है. शु्क्रवार को मुख्यमंत्री निवास में सीएम शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में एक ओर जहां विंध्य अंचल के बड़े कांग्रेसी नेता श्रीकांत चतुर्वेदी ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा तो वहीं दूसरी ओर एक और बड़े कांग्रेसी नेता सत्येंद्र सिंह तोमर ने भी कांग्रेस पार्टी को दोहरा झटका देते हुए शिवराज और सिंधिया की मौजूदगी में कांग्रेस छोड़ भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है.
-
आज विंध्य अंचल के वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्रीकान्त चतुर्वेदी जी और मुरैना ज़िले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री सत्येंद्र सिंह तोमर ने @BJP4MP की सदस्यता ग्रहण की है। आपने जनता के हित को सर्वोपरि रखकर निर्णय लिया है, मैं आप दोनों का भाजपा के विशाल परिवार में हार्दिक स्वागत करता हूँ। pic.twitter.com/tNCw1QGn3u
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 25, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">आज विंध्य अंचल के वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्रीकान्त चतुर्वेदी जी और मुरैना ज़िले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री सत्येंद्र सिंह तोमर ने @BJP4MP की सदस्यता ग्रहण की है। आपने जनता के हित को सर्वोपरि रखकर निर्णय लिया है, मैं आप दोनों का भाजपा के विशाल परिवार में हार्दिक स्वागत करता हूँ। pic.twitter.com/tNCw1QGn3u
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 25, 2020आज विंध्य अंचल के वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्रीकान्त चतुर्वेदी जी और मुरैना ज़िले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री सत्येंद्र सिंह तोमर ने @BJP4MP की सदस्यता ग्रहण की है। आपने जनता के हित को सर्वोपरि रखकर निर्णय लिया है, मैं आप दोनों का भाजपा के विशाल परिवार में हार्दिक स्वागत करता हूँ। pic.twitter.com/tNCw1QGn3u
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 25, 2020
श्रीकांत चतुर्वेदी का विंध्य में दबदबा
श्रीकांत चतुर्वेदी का विंध्य अंचल में काफी दब-दबा है. वे कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार किए जाते थे. 2018 के मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने श्रीकांत को मैहर सीट से प्रत्याशी बनाया था, जबकि भाजपा की ओर से उनके सामने नारायण त्रिपाठी थे. नारायण त्रिपाठी को जहां 54 हजार 877 वोट मिले थे, तो वहीं चतुर्वेदी 51 हजार 893 वोट पाने में कामयाब रहे थे. इस तरह मामूली अंतर से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
दिमनी में कांग्रेस हुई कमजोर
जबकि सत्येंद्र सिंह तोमर मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की तरफ से प्रत्याशी बनाए जाने की रेस में सबसे आगे थे,लेकिन अब उन्होंने भी कमलनाथ को छोड़ कमल का हाथ थाम लिया है. इससे कांग्रेस को भारी नुकसान हो सकता है.
दल-बदल जारी
राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने के बाद से कांग्रेस को एक के बाद एक बड़े झटके लग रहे हैं. ये सिलसिला अब भी जारी है. उपचुनाव की डगर कांग्रेस के लिए कतई भी आसान नहीं नजर आ रही है. वहीं भारतीय जनता पार्टी उपचुनाव के लिए अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी हुई है. बता दें कि प्रदेश में जल्द 28 सीटों के लिए उपचुनाव की घोषणा हो सकती है. चुनाव आयोग द्वारा 29 सितंबर को चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा.