भोपाल। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा आयोजित होने वाली जेल प्रहरी परीक्षा अचानक स्थगित किए जाने से बवाल मच गया है. कांग्रेस ने इस निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इस फैसले से लगता है कि नाम भले बदल दिया गया हो, लेकिन पीईबी व्यापम की राह पर चल रहा है. कांग्रेस ने परीक्षा रद्द करने से परेशान हुए युवा बेरोजगारों को हर्जाने की मांग की है.
अचानक परीक्षा स्थगित किए जाने से आ रही है षड़यंत्र की बू
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने कहा है कि प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा को अचानक रद्द करने से फिर से व्यापमं के हथकंडो की बू आने लगी है. कांग्रेस ने परीक्षाएं स्थगित किए जाने को आपत्तिजनक बताते हुए कहा है कि प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड बताए कि किस खास व्यक्ति के इशारे पर उन्होंने बिना सोचे समझे अचानक परीक्षाएं स्थगित कर दी. केवल तीन परीक्षा केंद्रों के फेर में परीक्षा केंद्र के 3 लाख उम्मीदवारों को परेशानी में डाला गया. ऐसा लगता है कि भले ही व्यापमं का नाम बदलकर पीईबी कर दिया गया हो, लेकिन अभी भी व्यापमं वाली कार गुजारियां जारी है. जिन तीन परीक्षा केंद्र को बदला गया है, उन्हें यथावत वापस भी रखा जा सकता था और उसे ना बदलने देते. लेकिन थोड़ी सी अव्यवस्था के कारण पूरी परीक्षा स्थगित करने के पीछे भविष्य में किए जाने वाले किसी बड़े षड्यंत्र के हिस्से का आभास हो रहा है.
बेरोजगार युवाओं के हुए नुकसान और परेशानी की भरपाई करे सरकार
मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है कि सरकार को यह बताना चाहिए कि लाखों गरीब उम्मीदवारों को जो आर्थिक नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई कौन करेगा. बार-बार परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसियां बदलकर अपनी छवि बचाने की कोशिश में लगा पीईबी के अंदर हो रही कारगुजारी के ऊपर रोक क्यों नहीं लगाता है.
शिक्षकों की नियुक्ति के आदेश निकाले सरकार
वहीं भूपेंद्र गुप्ता ने मांग की है कि छात्रों की आर्थिक क्षति की भरपाई पीईबी करें, जो लोग इस फैसले से प्रभावित हुए हैं, उन्हें भी अपने मानव अधिकारों के लिए आवाज उठाना चाहिए, नहीं तो यह सरकार भविष्य में भी ऐसा ही करती रहेगी. भूपेंद्र गुप्ता ने शिक्षक भर्ती को अटकाए रखने को भी बेरोजगार नौजवानों के साथ अत्याचार बताया है. उन्होंने मांग की है कि तत्काल शिक्षकों की नियुक्ति के आदेश निकाले जाएं, ताकि 3 साल के पहले की भाजपा सरकार के अन्याय का निराकरण हो सके.