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सीएम शिवराज ने डॉ. एसएन सुब्बाराव को दी श्रद्धांजलि, कहा- 654 डकैतों का कराया था आत्म समर्पण

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Published : Oct 28, 2021, 10:49 PM IST

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्चुअल के माध्यम से गांधीवादी डॉ. एसएन सुब्बाराव के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की. सीएम ने कहा कि डकैतों के आंतक से गूंजते चंबल क्षेत्र में एसएन सुब्बाराव ने 14 अप्रैल 1972 को 654 डकैतों को गांधी जी के चित्र के सामने हथियार डालकर आत्मसमर्पण करने के लिए प्रेरित किया था.

cm shivraj
सीएम शिवराज

मुरैना। डॉ. एसएन सुब्बाराव (SN Subbarao) का अंतिम संस्कार गुरुवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ गांधी आश्रम जौरा में किया गया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्चुअल के माध्यम से गांधीवादी डॉ. एसएन सुब्बाराव के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं केंदीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर (Cabinet Minister Narendra Tomar) ने भी अपने संदेश के माध्यम से संवेदना व्यक्त की हैं. इस अवसर पर उन्हें शोक धुन बजाकर हवाई फायर कर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. गायत्री परिवार के सदस्यों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ डॉ. एसएन सुब्बाराव के बहनोई मैजर ईश्वर जोइस ने मुखाग्नि दी.

सीएम शिवराज सिंह चौहान.

सीएम शिवराज ने दी श्रद्धांजलि
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्चुअल के माध्यम से डॉ. एसएन सुब्बाराव के निधन पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि श्रद्धेय भाईजी नहीं रहे. उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज सेवा में समर्पित कर दिया. उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी. वे महात्मा गांधी के सच्चे अनुयायी थे. जीवनभर कमजोर बहनों और भाइयों की सेवा में वे अंतिम सांस तक लगे रहे. विशेषकर जनजातीय भाई-बहनों की सेवा में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी.

654 डकैतों को कराया था आत्मसमर्पण
सीएम ने कहा कि डकैतों के आंतक से गूंजते चंबल क्षेत्र में एसएन सुब्बाराव ने 14 अप्रैल 1972 को 654 डकैतों को गांधी जी के चित्र के सामने हथियार डालकर आत्मसमर्पण करने के लिए प्रेरित किया था. स्वर्गीय जयप्रकाश नारायण तथा प्रभादेवी भी उस अवसर पर मौजूद थीं. आतंक के पर्याय डकैतों को हिंसा से अहिंसा के रास्ते पर लाकर हथियार डलवा देना अपने आप में डॉ. सुब्बाराव के प्रभाव और व्यक्तित्व की कहानी कहता है.

डॉ एसएन सुब्बाराव पंचतत्व में विलीन, राजस्थान सीएम समेत कई हस्तियों ने दी अंतिम विदाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. सुब्बाराव निःस्वार्थ भाव से काम करते थे और जहां जाते थे अपनी अलग छाप छोड़ते थे. नौजवानों में देशभक्ति का भाव भरने के लिए उन्होंने जीवनभर प्रयास किया. मुख्यमंत्री चौहान ने स्मरण किया कि जब हमने नर्मदा सेवा यात्रा निकाली तब इस यात्रा में भी सुब्बाराव सम्मिलित हुए थे. चौहान ने कहा कि स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण मैं अंत्योष्टी में नहीं आ पाया हूं. उनके विचारों और उनके कार्यों को आगे बढ़ाने में मध्यप्रदेश सरकार सदैव प्रयत्न करती रहेगी. मुख्यमंत्री चौहान ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की.

मुरैना। डॉ. एसएन सुब्बाराव (SN Subbarao) का अंतिम संस्कार गुरुवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ गांधी आश्रम जौरा में किया गया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्चुअल के माध्यम से गांधीवादी डॉ. एसएन सुब्बाराव के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं केंदीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर (Cabinet Minister Narendra Tomar) ने भी अपने संदेश के माध्यम से संवेदना व्यक्त की हैं. इस अवसर पर उन्हें शोक धुन बजाकर हवाई फायर कर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. गायत्री परिवार के सदस्यों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ डॉ. एसएन सुब्बाराव के बहनोई मैजर ईश्वर जोइस ने मुखाग्नि दी.

सीएम शिवराज सिंह चौहान.

सीएम शिवराज ने दी श्रद्धांजलि
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्चुअल के माध्यम से डॉ. एसएन सुब्बाराव के निधन पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि श्रद्धेय भाईजी नहीं रहे. उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज सेवा में समर्पित कर दिया. उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी. वे महात्मा गांधी के सच्चे अनुयायी थे. जीवनभर कमजोर बहनों और भाइयों की सेवा में वे अंतिम सांस तक लगे रहे. विशेषकर जनजातीय भाई-बहनों की सेवा में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी.

654 डकैतों को कराया था आत्मसमर्पण
सीएम ने कहा कि डकैतों के आंतक से गूंजते चंबल क्षेत्र में एसएन सुब्बाराव ने 14 अप्रैल 1972 को 654 डकैतों को गांधी जी के चित्र के सामने हथियार डालकर आत्मसमर्पण करने के लिए प्रेरित किया था. स्वर्गीय जयप्रकाश नारायण तथा प्रभादेवी भी उस अवसर पर मौजूद थीं. आतंक के पर्याय डकैतों को हिंसा से अहिंसा के रास्ते पर लाकर हथियार डलवा देना अपने आप में डॉ. सुब्बाराव के प्रभाव और व्यक्तित्व की कहानी कहता है.

डॉ एसएन सुब्बाराव पंचतत्व में विलीन, राजस्थान सीएम समेत कई हस्तियों ने दी अंतिम विदाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. सुब्बाराव निःस्वार्थ भाव से काम करते थे और जहां जाते थे अपनी अलग छाप छोड़ते थे. नौजवानों में देशभक्ति का भाव भरने के लिए उन्होंने जीवनभर प्रयास किया. मुख्यमंत्री चौहान ने स्मरण किया कि जब हमने नर्मदा सेवा यात्रा निकाली तब इस यात्रा में भी सुब्बाराव सम्मिलित हुए थे. चौहान ने कहा कि स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण मैं अंत्योष्टी में नहीं आ पाया हूं. उनके विचारों और उनके कार्यों को आगे बढ़ाने में मध्यप्रदेश सरकार सदैव प्रयत्न करती रहेगी. मुख्यमंत्री चौहान ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की.

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