भोपाल। मध्यप्रदेश में उपचुनाव हैं या विश्व युद्ध होने वाला है, ये तो नेता ही जान सकते हैं. उपचुनाव की आड़ में नेता अपनी मर्यादाएं ही भूल गए हैं. पिछले दिनों पूर्व सीएम के द्वारा मंत्री इमरती देवी को 'आइटम' बताने पर प्रदेश की सियासत में घमासान मच गया है. कमलनाथ के इस बयान के बाद सीएम शिवराज सिंह ने इसके विरोध में सोमवार को एक दिन का मौन व्रत भी रखा था. वहीं आज सीएम ने कमलनाथ पर बड़ा हमला किया है.
गर्मायी सियासत-
कमलनाथ के इस बयान पर राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी आक्रोशित हुए थे और उन्होंने कहा था कि कमलनाथ का ये बयान कांग्रेस की मानसिकता दर्शाता है. वहीं सीएम शिवराज सिंह ने कमलनाथ को पार्टी से हटाने के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र भी लिखा था. इतना ही नहीं सिंधिया ने ट्वीट करके ये भी लिखा था कि इमरती देवी के लिए इस तरह की भाषा का उपयोग करना, पूरे दलित समाज का अपमान है.
सीएम शिवराज सिंह ने कमलनाथ पर किया हमला-
मंत्री इमरती देवी पर अभद्र टिप्पणी करने का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ है. सीएम शिवराज ने एक बार फिर कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा है कि अब भी आपको (कमलनाथ) इमरती देवी का नाम याद नहीं आया, 24 घंटे तक पूरे देश ने इमरती देवी की आंखों के आंसुओं को देखा है. वो आपके मंत्रिमंडल की सदस्य रही हैं, सीधे-सीधे माफी क्यों नहीं मांगते? और 'आइटम' को जायज़ ठहरा रहे हैं. मैंने कल सोनिया गांधी जी को पत्र लिखा था उसका उत्तर मुझे नहीं मिला है.
इसके आगे सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि ये अहंकार है, कमलनाथ अपने से श्रेष्ठ किसी को नहीं मानते हैं और इसी के कारण तो ये सरकार तबाह हुई, क्योंकि उन्होंने प्रदेश को तबाह कर दिया था.
कमलनाथ ने जताया खेद-
सोमवार देर शाम कमलनाथ ने मीडिया से बात करते हुए ये भी कहा था कि मध्यप्रदेश में प्रमुख मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए बीजेपी इस तरह की राजनीति पर उतर आई है, उन्होंने कहा है कि यदि उनके द्वारा दिए गए बयान से किसी को ऐसा लगता है कि जो कुछ उन्होंने बोला वो गलत है तो उन्हें इस बात का खेद है.