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सीएम कमलनाथ ने की योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा, अधिकारियों से बोले- डिलीवरी सिस्टम में खामियां

भोपाल। राजधानी की प्रशासन अकादमी में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को बेहतर बनाने के लिए समीक्षा बैठक की गई. यहां मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जिला पंचायत और जनपद पंचायत सीईओ के साथ योजनाओं के डिलीवरी सिस्टम पर बात की.

सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा
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Published : Mar 5, 2019, 10:00 PM IST

भोपाल। राजधानी की प्रशासन अकादमी में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को बेहतर बनाने के लिए समीक्षा बैठक की गई. यहां मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जिला पंचायत और जनपद पंचायत सीईओ के साथ योजनाओं के डिलीवरी सिस्टम पर बात की.

CM Kamal Nath held meeting in bhopal
सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा
भोपाल की प्रशासन अकादमी में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जिला पंचायत और जनपद पंचायत सीईओ की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में बहुत सी योजनाएं चल रही हैं, लेकिन उसके डिलीवरी सिस्टम की वजह से योजनाएं सफल नहीं हो पाती हैं. कई योजनाएं यूपीए के शासनकाल की हैं, जो पिछले कई साल पहले लाई गई थीं, लेकिन डिलीवरी सिस्टम बेहतर न होने की वजह से अच्छी योजनाएं भी सफल नहीं हो पाईं.
सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि पिछले दस सालों में तकनीक में कई बड़े बदलाव हुए हैं, ऐसे में सोचना होगा कि नई तकनीक को डिलीवरी सिस्टम में कैसे उपयोग किया जाए. इन सभी योजनाओं को बेहतर बनाने के लिए सीएम ने जिला और जनपद पंचायत सीईओ अपने सुझाव मांगे.

भोपाल। राजधानी की प्रशासन अकादमी में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को बेहतर बनाने के लिए समीक्षा बैठक की गई. यहां मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जिला पंचायत और जनपद पंचायत सीईओ के साथ योजनाओं के डिलीवरी सिस्टम पर बात की.

CM Kamal Nath held meeting in bhopal
सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा
भोपाल की प्रशासन अकादमी में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जिला पंचायत और जनपद पंचायत सीईओ की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में बहुत सी योजनाएं चल रही हैं, लेकिन उसके डिलीवरी सिस्टम की वजह से योजनाएं सफल नहीं हो पाती हैं. कई योजनाएं यूपीए के शासनकाल की हैं, जो पिछले कई साल पहले लाई गई थीं, लेकिन डिलीवरी सिस्टम बेहतर न होने की वजह से अच्छी योजनाएं भी सफल नहीं हो पाईं.
सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि पिछले दस सालों में तकनीक में कई बड़े बदलाव हुए हैं, ऐसे में सोचना होगा कि नई तकनीक को डिलीवरी सिस्टम में कैसे उपयोग किया जाए. इन सभी योजनाओं को बेहतर बनाने के लिए सीएम ने जिला और जनपद पंचायत सीईओ अपने सुझाव मांगे.
Intro:मध्य प्रदेश सरकार योजनाओं के क्रियान्वयन को और बेहतर बनाने इसकी समीक्षा करा रही है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसके लिए जिला पंचायत और जनपद पंचायत सीईओ से भी सुझाव मांगे हैं। राजधानी के प्रशासन अकादमी में आयोजित जिला और जनपद पंचायत सीईओ की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि बेहतर डिलीवरी सिस्टम ना हो तो कई अच्छी योजनाएं भी असफल हो जाती है। पिछले 10 सालों में जिस तरह से तकनीक बड़ी है, उसके उपयोग से योजनाओं का क्रियान्वयन और बेहतर हो सकता है।


Body:जिला और जनपद पंचायत सीईओ की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में ढेरों योजनाएं चल रही है। कई योजनाएं तो यूपीए शासनकाल की है और उन्हें 10 से 12 साल हो गए हैं। लेकिन ऐसी तमाम योजनाओं का डिलीवरी सिस्टम वही पुराना ही है। पिछले सालों में इसमें कुछ भी बदलाव नहीं हुआ। डिलीवरी सिस्टम बेहतर ना होने से कई अच्छी योजनाएं भी सफल नहीं हो पाती, इसलिए प्रदेश सरकार इसकी समीक्षा कर रही है कि कैसे डिलीवरी सिस्टम को और बेहतर बनाया जा सकता है और उसमें सुधार की क्या-क्या जरूरत है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि पिछले 10 सालों के अंदर तकनीकी रूप से बहुत तेजी से बदलाव हुए हैं डिलीवरी सिस्टम में नई तकनीक का उपयोग कैसे किया जा सकता है इन सब तमाम पहलुओं पर जिला और जनपद पंचायत सीईओ भी अपने सुझाव प्रस्तुत करें। मुख्यमंत्री ने कहा जिला और जनपद पंचायत के अधिकारी सीधे जमीन से जुड़े हुए होते हैं ग्रामीण पंचायत की तमाम योजनाओं को लागू कराने का जिम्मा भी उन्हीं का होता है इसलिए इसमें उनकी भूमिका भी बड़ी हो सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में काफी बदलाव हुए हैं पहले उत्पादन को बढ़ाने की चुनौती थी लेकिन अब चुनौती बढ़ते हुए उत्पादन को मैनेज करने की है। कमलनाथ ने कहा की पिछले 15 सालों के दौरान सेवा में आए अधिकारियों ने अभी तक एक ही व्यवस्था देखी है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पिछले 15 सालों से चली आ रही व्यवस्था ही सही थी उनके सामने अब मौका है कि वे प्रदेश में नए नजरिए के साथ काम करें।


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