ETV Bharat / state

कमलनाथ का लक्ष्मण सिंह को जवाब, कहा- ऐसा कोई कानून नहीं जिससे आदिवासियों को नुकसान हो, सिर्फ भ्रम फैलाया जा रहा - इंदिरा गांधी

कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने अपने ट्विटर एकाउंट से ट्वीट कर आदिवासियों के लिए वर्तमान में लाई जा रही योजनाओं को लागू नहीं करने की बात कही थी. इस पर कमलनाथ ने ट्वीट कर उन्हें करारा जवाब दिया है.

cm kamal nath attack congress mla laxman singh
कमलनाथ का लक्ष्मण सिंह को जवाब
author img

By

Published : Nov 30, 2019, 8:22 AM IST

भोपाल। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने अपने ट्विटर एकाउंट से ट्वीट कर आदिवासियों के लिए वर्तमान में लाई जा रही योजनाओं को लागू नहीं करने की बात कही है. उन्होंने साफ कर दिया है कि इंदिरा गांधी ने आदिवासियों के हक के लिए इस कानून को बनाया था और इस कानून को बदलने का प्रयास ना किया जाए. उनके इस ट्वीट पर सीएम कमलनाथ ने पलटवार किया है.

  • राज्य सरकार ने जो सामान्य सा बदलाव किया है वह यह है कि अनुसूचित क्षेत्रों में गैर आदिवासी द्वारा गैर आदिवासी की जमीन खरीदने के बाद डायवर्सन के लिए जो समय सीमा थी बस उसे समाप्त कर दिया है।
    यह कदम भी इन क्षेत्रों के विकास की दृष्टि से व आदिवासी भाइयों के हित में उठाया गया है।
    4/4

    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) November 29, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • मध्यप्रदेश की सरकार आदिवासियों के हितों का संरक्षण करने के लिए पहले दिन से ही वचनबद्ध है और आदिवासियों के हित में निरंतर कदम उठा रही है।
    3/4

    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) November 29, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कमलनाथ ने साफ कर दिया है कि किसी प्रकार का कोई भी ऐसा कानून लागू नहीं किया गया है, जिससे कि आदिवासी वर्ग को नुकसान हो. केवल अफवाह फैलाई जा रही है जो सरासर गलत है. कमलनाथ ने ट्विटर पर जवाब देते हुए इस पूरे मामले को केवल अफवाह करार दिया है. वहीं आदिवासी वर्ग से भी उन्होंने अपील की है कि इस तरह के भ्रम फैलाने वाली बातों में ना आएं.

  • प्रदेश के अनुसूचित आदिवासी क्षेत्रों में भू राजस्व की संहिता की धारा 165 के अनुसार किसी भी आदिवासी भाई की जमीन गैर आदिवासी को बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध है और जिले के कलेक्टर भी इसकी अनुमति नहीं दे सकते हैं।
    2/4

    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) November 29, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अनुसूचित आदिवासी क्षेत्रों में भू-राजस्व की संहिता की धारा 165 के अनुसार किसी आदिवासी की जमीन किसी गैर आदिवासी को बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध है और‍ जिले के कलेक्टर भी इसकी अनुमति नहीं दे सकते. मध्यप्रदेश सरकार आदिवासियों के समस्त हितों का संरक्षण करने के लिए कटिबद्ध है और ऐसा कोई कदम कभी नहीं उठाएगी, जो प्रदेश के आदिवासियों के हित में न हो.

  • यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को बेचने की अनुमति अब सरकार द्वारा दी जाएगी,जबकि यह सरासर गलत है,
    किसी भी अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासियों की जमीन किसी गैर आदिवासी को बेचने की अनुमति नहीं है और ना ही इस प्रावधान में सरकार ने कोई बदलाव किया है
    1/4

    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) November 29, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सीएम ने साफ किया है कि प्रदेश सरकार ने जो सामान्य सा बदलाव किया है और जिसको लेकर भ्रम और अफवाह फैलायी जा रही हैं, वो सिर्फ ये है कि अनुसूचित क्षेत्रों में गैर आदिवासी द्वारा गैर आदिवासी की जमीन खरीदने के बाद डायवर्सन के लिए जो समय-सीमा थी, उसे समाप्त किया गया है.

भोपाल। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने अपने ट्विटर एकाउंट से ट्वीट कर आदिवासियों के लिए वर्तमान में लाई जा रही योजनाओं को लागू नहीं करने की बात कही है. उन्होंने साफ कर दिया है कि इंदिरा गांधी ने आदिवासियों के हक के लिए इस कानून को बनाया था और इस कानून को बदलने का प्रयास ना किया जाए. उनके इस ट्वीट पर सीएम कमलनाथ ने पलटवार किया है.

  • राज्य सरकार ने जो सामान्य सा बदलाव किया है वह यह है कि अनुसूचित क्षेत्रों में गैर आदिवासी द्वारा गैर आदिवासी की जमीन खरीदने के बाद डायवर्सन के लिए जो समय सीमा थी बस उसे समाप्त कर दिया है।
    यह कदम भी इन क्षेत्रों के विकास की दृष्टि से व आदिवासी भाइयों के हित में उठाया गया है।
    4/4

    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) November 29, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • मध्यप्रदेश की सरकार आदिवासियों के हितों का संरक्षण करने के लिए पहले दिन से ही वचनबद्ध है और आदिवासियों के हित में निरंतर कदम उठा रही है।
    3/4

    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) November 29, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कमलनाथ ने साफ कर दिया है कि किसी प्रकार का कोई भी ऐसा कानून लागू नहीं किया गया है, जिससे कि आदिवासी वर्ग को नुकसान हो. केवल अफवाह फैलाई जा रही है जो सरासर गलत है. कमलनाथ ने ट्विटर पर जवाब देते हुए इस पूरे मामले को केवल अफवाह करार दिया है. वहीं आदिवासी वर्ग से भी उन्होंने अपील की है कि इस तरह के भ्रम फैलाने वाली बातों में ना आएं.

  • प्रदेश के अनुसूचित आदिवासी क्षेत्रों में भू राजस्व की संहिता की धारा 165 के अनुसार किसी भी आदिवासी भाई की जमीन गैर आदिवासी को बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध है और जिले के कलेक्टर भी इसकी अनुमति नहीं दे सकते हैं।
    2/4

    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) November 29, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अनुसूचित आदिवासी क्षेत्रों में भू-राजस्व की संहिता की धारा 165 के अनुसार किसी आदिवासी की जमीन किसी गैर आदिवासी को बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध है और‍ जिले के कलेक्टर भी इसकी अनुमति नहीं दे सकते. मध्यप्रदेश सरकार आदिवासियों के समस्त हितों का संरक्षण करने के लिए कटिबद्ध है और ऐसा कोई कदम कभी नहीं उठाएगी, जो प्रदेश के आदिवासियों के हित में न हो.

  • यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को बेचने की अनुमति अब सरकार द्वारा दी जाएगी,जबकि यह सरासर गलत है,
    किसी भी अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासियों की जमीन किसी गैर आदिवासी को बेचने की अनुमति नहीं है और ना ही इस प्रावधान में सरकार ने कोई बदलाव किया है
    1/4

    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) November 29, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सीएम ने साफ किया है कि प्रदेश सरकार ने जो सामान्य सा बदलाव किया है और जिसको लेकर भ्रम और अफवाह फैलायी जा रही हैं, वो सिर्फ ये है कि अनुसूचित क्षेत्रों में गैर आदिवासी द्वारा गैर आदिवासी की जमीन खरीदने के बाद डायवर्सन के लिए जो समय-सीमा थी, उसे समाप्त किया गया है.

Intro:कमलनाथ ने दिया लक्ष्मण सिंह को करारा जवाब , आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध , फैलाया जा रहा है केवल भ्रम


भोपाल | पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई और कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह के ट्वीट के बाद अब कमलनाथ ने भी उन्हें करारा जवाब दिया है .कमलनाथ ने साफ कर दिया है कि किसी प्रकार का कोई भी ऐसा कानून लागू नहीं किया गया है जिससे कि आदिवासी वर्ग को नुकसान हो जाए केवल अफवाह फैलाई जा रही है जो सरासर गलत है. कमलनाथ ने ट्विटर पर जवाब देते हुए इस पूरे मामले को केवल अफवाह करार दिया है. वही आदिवासी वर्ग से भी उन्होंने अपील की है कि इस तरह के भ्रम फैलाने वाली बातों में ना आए.

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को बेचने की अनुमति देने संबंधी जो भ्रम और अफवाह फैलायी जा रही है, वह सरासर गलत है। राज्य शासन ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है। प्रदेश में आज भी आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध है। आदिवासियों के सभी हितों का संरक्षण करने के लिए सरकार कटिबद्ध है।

Body:मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि मध्यप्रदेश सरकार ने अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को बेचने की अनुमति दे दी है। यह अफवाह निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा फैलायी जा रही है, जो न केवल असत्य है बल्कि आधारहीन भी है। मध्यप्रदेश में आदिवासियों की जमीन किसी गैर आदिवासी को बेचने की अनुमति नहीं हैं और न ही इस प्रावधान में कोई बदलाव किया गया है।

प्रदेश के अनुसूचित आदिवासी क्षेत्रों में भू-राजस्व की संहिता की धारा 165 के अनुसार किसी आदिवासी की जमीन किसी गैर आदिवासी को बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध है और‍ जिले के कलेक्टर भी इसकी अनुमति नहीं दे सकते। मध्यप्रदेश सरकार आदिवासियों के समस्त हितों का संरक्षण करने के लिए कटिबद्ध है और ऐसा कोई कदम कभी नहीं उठायेगी, जो प्रदेश के आदिवासियों के हित में न हो।

Conclusion:मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने जो सामान्य सा बदलाव किया है और जिसको लेकर भ्रम और अफवाह फैलायी जा रही है वह सिर्फ यह है कि अनुसूचित क्षेत्रों में गैर आदिवासी द्वारा गैर आदिवासी की जमीन खरीदने के बाद डायवर्सन के लिए जो समय-सीमा थी, उसे समाप्त किया गया है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.