हैदराबाद। भारत में अक्टूबर के पहले हफ्ते से 12 साल और उससे ऊपर की उम्र के बच्चों को जायडस कैडिला की वैक्सीन Jaykov-D लगाने की योजना सरकार ने बनाई है. देशभर में 12 साल से 17 साल की उम्र के लगभग 12 करोड़ बच्चे हैं, लेकिन योजना के तहत पहले उन बच्चों को वैक्सीन दी जाएगी जो किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. 12 साल से अधिक की उम्र के बच्चों के Vaccination के लिए डीसीजीआई (ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) की तरफ से अनुमति मिल गई है.
कोविड वर्किंग ग्रुप कमेटी के अनुसार, जायडस कैडिला कंपनी ने कहा है कि जायकोव-डी अक्टूबर के पहले हफ्ते से वैक्सीनेशन प्रोग्राम में शामिल हो जाएगी. यानी अब एक उम्मीद जागी है कि 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को टीकाकरण अभियान में शामिल कर लिया जाएगा.
गंभीर बीमारी से जूझ रहे बच्चों को लगेगी वैक्सीन
योजना के अनुसार 12 साल के ऊपर के सिर्फ उन्हीं बच्चों का वैक्सीनेशन होगा, जो गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. जो बच्चे स्वस्थ हैं उन्हें वैक्सीनेशन के लिए 2022 मार्च तक का इंतजार करना होगा. नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन की बैठक होगी जिसमें गंभीर बीमार की श्रेणी में कौन, कौन-सी बीमारी शामिल होगी इसकी तैयार की जाएगी.
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स्कूल खोलने के लिए टीकाकरण जरूरी नहीं
कोविड वर्किंग ग्रुप कमेटी के मुताबिक स्कूल खोलने के लिए बच्चों को टीकाकरण की जरूरत नहीं है. जरूरत ये है कि जिन घरों में बच्चे हैं वहां सभी माता-पिता, घर के दूसरे वयस्क टीका जरूर लगवाएं. साथ ही स्कूल में टीचर और बाकी स्टाफ का भी वैक्सीनेशन हो जाना चाहिए. इस तरीके से बच्चा एक सुरक्षित वातावरण में रहता है.
वैज्ञानिक रिसर्च में पाया गया है कि बच्चों में कोरोना से संक्रमित बच्चो में गंभीर समस्या नहीं होती है. कोरोना का संक्रमण माइल्ड या बिना लक्षण का होता है.