भोपाल। 8 नवंबर को दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2022) का योग है. जिस पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं. मंगलवार शाम 5:20 बजे से शाम 6:20 बजे तक इस चंद्र ग्रहण को देखा जा सकता है. इसी समय आप इस अद्भुत खगोलीय घटना को एमपी में देख सकते हैं. खगोल विज्ञानियों की मानें तो भारत के ईटानगर में सबसे पहले चंद्र ग्रहण देखने को मिलेगा, चूंकि यहां चंद्रमा का उदय सबसे पहले होता है. चंद्र ग्रहण से कई देशों में उथल पुथल की स्थिति भी बन सकती है. चंद्र ग्रहण पर चांदी उपयोग भी काफी प्रभावशाली बताया गया है.
चंद्र ग्रहण पर चांदी का चमत्कार: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्र ग्रहण एक अशुभ घटना है, इसका हमारे जीवन पर नेगेटिव असर पड़ता है. चंद्र ग्रहण के दौरान राहु और चंद्र का संयोग होता है. इन दोनों ग्रहों को चांदी के नियंत्रित करता है, इसलिए चंद्र ग्रहण के मौके पर चांदी का उपयोग फायदेमंद माना जाता है. ऐसे कहा जाता है कि चांदी चंद्र ग्रहण के सभी कुप्रभावों से इंसान की हिफाजत करने में मददगार साबित होता है. इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि राहु जो है, वह इंसान के ब्रेन में सक्रिय तरंगों को प्रभावित करता है. कई बार हम लोगों को बैठे-बैठे हाथ अथवा पैर हिलाते हुए देखते हैं, ऐसा इसलिए होता है कि राहु इंसान के मस्तिष्क पर असर डालता है.
मानव शरीर पर असर डालता है चंद्रमा और राहु ग्रह: धर्म शास्त्र के मुताबिक, चंद्रमा मनुष्य के मन और पानी का कारक है, चंद्रमा पानी को अपनी ओर ज्यादा खींचता और फेंकता है. यही कारण है कि पूर्णिमा और अमावस्या की रात समुद्र में अन्य दिनों की तुलना में लहरें ज्यादा उठती हैं. विज्ञान भी मानता है कि यह घटना चंद्रमा की वजह से ही होती है. अगर हम इसे इंसान से जोड़कर देखें तो मानव शरीर में 2 तिहाई पानी मौजूद होता है. प्रत्येक व्यक्ति के मस्तिष्क में पानी की मात्रा ज्यादा होती है. सौरमंडल में जितने भी ग्रह मौजूद हैं, सभी मानव के शरीर पर असर डालते हैं, चंद्रमा और राहु ग्रह भी इनमें से एक है.
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ऐसे करें चांदी का इस्तेमाल: धर्म शास्त्र के मुताबिक, चांदी चंद्र ग्रहण के प्रभाव से बचाता है, चंद्र ग्रहण के असर से बचने के लिए सबसे पहले चांदी को दस गिलास पानी में उबाल लेना चाहिए. पानी को इतना उबालें कि पानी एक गिलास हो जाए. इसके बाद लकड़ी के पटले पर खड़े होकर धीरे-धीरे पीना चांदी वाला पानी पीयें. इसके अलावा मिठाई पर इस्तेमाल होने वाले चांदी के वर्क को भी भोजन के साथ खाया जा सकता है. वयस्क इंसान केवल 10 गुने 5 सेंटीमीटर का ही वर्क खाएं, इससे ज्यादा खाने पर गलत असर पड़ेगा. जबकि पांच साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को एक चौथाई मात्रा में चांदी के वर्क का सेवन करना चाहिए. धर्म शास्त्र के अनुसार चांदी ब्रेन की क्षमता बढ़ाने में मददगार साबित होता है. इस तरह से चांदी का इस्तेमाल करने से चंद्र ग्रहण कुप्रभाव से बचा जा सकता है.