भोपाल। प्रदेश के लगभग सभी जिलों में कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है, पूरा प्रदेश कोरोना की चपेट में आ चुका है. वहीं ऐसी स्थिति में डॉक्टर भगवान हो चुके हैं कोरोना काल में लोगों को ठीक करने के लिए डॉक्टर अहम भूमिका निभा रहे हैं. लेकिन डॉक्टर अब सरकार के रवैए से नाराज हैं, दरअसल एक दिन पहले ही शासकीय रीवा और विदिशा मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा शिक्षकों को निलंबित किया गया है. जिसके विरोध में अब सेंट्रल मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दो दिनों में निलंबन वापस करने की मांग की है. वहीं ऐसा नहीं होने पर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी गई है.
सेंट्रल मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखते हुए कहा है कि पिछले 6 महीने से मध्य प्रदेश के समस्त शासकीय मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत चिकित्सा शिक्षक एवं सभी चिकित्सक दिन रात लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की तन मन और संपूर्ण समर्पण भाव से सेवा कर रहे हैं. पूरे देश में जहां चिकित्सकों के प्रति एक अलग ही आत्मीय भाव के साथ ताली बजाकर, शंख बजाकर और फूल मालाओं के साथ स्वागत करते हुए सम्मान किया जा रहा है. लेकिन मध्यप्रदेश में कुछ अधिकारियों ने चिकित्सकों के कार्य को, उनके सेवा भाव को नजरअंदाज करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें हतोत्साहित करने का प्रयास किया. जिस तरह की कार्रवाई अधिकारियों ने की है उससे कहीं ना कहीं चिकित्सकों का मनोबल कम हो रहा है .
उन्होंने कहा है कि ऐसी विषम परिस्थितियों के दौरान सभी डॉक्टर अपने परिवार, माता पिता,पति, पत्नी बच्चे सभी घर परिवार को छोड़कर केवल अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा कर रहे हैं और उन्हें ठीक करने में लगे हुए हैं. लेकिन कुछ अधिकारियों ने इस सेवा भाव को नजरअंदाज किया जा रहा है, प्रदेश में कार्यरत चिकित्सकों ने मार्च माह से एक भी दिन का अवकाश नहीं लिया है और लगातार मरीजों की सेवा में जुटे हुए हैं. लेकिन कुछ अधिकारियों की छोटी-छोटी बातों को मुद्दा बनाकर चिकित्सकों को हतोत्साहित किया जा रहा है, इतना ही नहीं निलंबन तक करके उनके मान और सम्मान को नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है.
प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों ने इस प्रकार की कार्रवाई विगत वर्षों में अस्पतालों एवं चिकित्सा महाविद्यालयों का प्रबंधन अपने हाथ में लेने के उपरांत ही की गई है. क्योंकि अस्पतालों और चिकित्सा महाविद्यालयों में पलंग ,उपकरण, नर्सेज, वार्ड बॉय, चिकित्सक की कमी आज भी बरकरार है. जिसे छिपाने एवं कोरोना महामारी के प्रदेश में विकराल रूप से हो रहे फैलाव को नियंत्रित न कर पाने की अपनी नाकाबिलियत को ढकने के लिए इस तरह की कार्रवाई की जा रही है.
सेंट्रल मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन मध्य प्रदेश चिकित्सकों के साथ किसी भी प्रकार के व्यवहार एवं अनावश्यक निलंबन जैसे कृत्य को कभी स्वीकार नहीं करेगा. प्रशासनिक अधिकारियों ने गैर वाजिब तरीके से की जा रही इस तरह की कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए, सीएम से अपेक्षा करते हुए लिखा है कि ऐसे समय में जब प्रदेश के समस्त चिकित्सा शिक्षक पूर्ण समर्पण भाव से मरीजों की सेवा कर रहे हैं. उनके इस निलंबन को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए और समस्त अधिकारी एवं प्रशासनिक अधिकारियों को सूचित किया जाए की, इस तरह की गलत एवं दोषपूर्ण भाव से किए गए कार्यों से चिकित्सकों को ना सिर्फ हताशा होती है. बल्की वह अपने चिकित्सीय कार्य में भी हतोत्साहित होते हैं साथ ही साथ ऐसे अधिकारी सरकार के प्रति भी चिकित्सकों के मन में दोषपूर्ण भावना पैदा करते हैं.
उन्होंने मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि इस विषय को तुरंत संज्ञान में लेकर चिकित्सक शिक्षकों में भय व्याप्त करने के उद्देश्य से अधिकारियों ने शासकीय रीवा एवं विदिशा मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा शिक्षकों के किए गए निलंबन आदेश को दो दिन में वापस लेने की कार्रवाई करने की मांग की है. ऐसा न होने पर वह आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे.