भोपाल। होशंगाबाद के खेतों में लगी भयानक आग की वजह से 3 लोगों की मौत हो जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने होशंगाबाद का दौरा किया है. इस दौरान शिवराज सिंह ने पीड़ित किसानों के परिवारों से मिलकरउन्हें आश्वस्त किया है कि वह राज्य सरकार से हर संभव मदद दिलाने का प्रयास करेंगे.
गौरतलब है कि होशंगाबाद में खेतों में लगी आग की वजह से तीन लोगों की मृत्यु हो गई है और 16 लोग आग में बुरी तरह झुलस गए हैं. इन सभी घायलों का राजधानी के निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है. घटना के इतने घंटे बीत जाने के बाद भी राज्य सरकार की ओर से किसी मंत्री या विधायक ने किसानों की सुध नहीं ली है. जिसपर बीजेपी ने सरकार हमला बोलते हुए कहा है कि जब शिवराज सिंह चौहान ने किसानों का दुख दर्द जाना, तभी सीएम कमलनाथ को किसानों की याद आ रही है. इसलिए अब मुख्यमंत्री किसानों से मिलने जा रहे हैं. बता दें कि रविवार को दोपहर में मुख्यमंत्री कमलनाथ भी किसानों से मिलने के लिए होशंगाबाद क्षेत्र का दौरा करने वाले हैं.
बीजेपी मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान पीड़ित लोगों के पास पहुंचने वाले पहले नेता बने है. यही नहीं जब पहले भी किसान परेशान हुआ है तब भी सबसे पहले उनका दुख-दर्द बांटने पहुंच जाते थे. लेकिन, दुख की बात ये है कि आज मध्य प्रदेश का किसान शिवराज सिंह चौहान के जाने के बाद अपने आप को अनाथ महसूस कर रहा है. उन्हें अब वह चेहरा मुख्यमंत्री के रूप में दिखाई नहीं दे रहा है. उन्होंने बताया कि शिवराज सिंह ने होशंगाबाद में ये वादा किया है कि वह सरकार से बात करेंगे और पिछली सरकार में चलाई जा रही जन हितैषी योजनाओं को चालू रखने की मांग करेंगे. यदि ऐसा नहीं हुआ तो वह सरकार से दो-दो हाथ भी करेंगे. उन्होंने कहा कि शिवराज किसानों के लिए लड़ेंगे भी और किसानों को उनका हक दिलवा कर रहेंगे.
इसके साथ ही उन्होंने सीएम कमलनाथ पर हमला बोलते हुए कहा कि कमलनाथ कब जाएंगे और कैसे जाएंगे ये तो वही जाने. होशंगाबाद में हुए हादसे को 72 घंटे से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई भी मंत्री विधायक या प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा है. जब तक कमलनाथ पहुंचेंगे मालूम नहीं और कितना समय बीत चुका होगा. यदि सरकार की ओर से कोई मंत्री विधायक या पटवारी किसानों के बीच पहुंच जाता और उन्हें राहत पहुंचाने का काम करता तो शायद अच्छा होता. लेकिन, हमें जो जानकारी मिली है कि अभी तक किसानों को किसी भी प्रकार की राहत प्रदान नहीं की गई है, जो चिंता का विषय है.