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बीजेपी के लिए 2014 जैसा प्रदर्शन दोहराना मुश्किल ! इन सीटों पर कांटे की टक्कर

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए राजनीतिक दलों ने तैयारियां तेज कर दी हैं. बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर नजर आ रही है, जिसे देखकर लगता है कि बीजेपी के लिए 2014 जैसा प्रदर्शन करना मुश्किल साबित होगा.

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Published : Feb 4, 2019, 3:34 PM IST

भोपाल। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए राजनीतिक दलों ने तैयारियां तेज कर दी हैं. देश की राजनीति के प्रमुख दो दल इस बार कांटे के मुकाबले के लिए तैयार नजर रहा आ रहे हैं. लोकसभा चुनाव 2014 में केंद्र की सत्ता पर काबिज हुई बीजेपी को कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिलती नजर आ रही है.

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बीजेपी-कांग्रेस के झंडे
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खासकर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम ने बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है. क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जिन तीन राज्यों में भारी सीटें हासिल कर कांग्रेस का सूपड़ा साफ किया था, अब उनमें बीजेपी की सरकार नहीं रही है. इससे ये साफ हो गया है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए 2014 जैसा प्रदर्शन दोहराना मुश्किल होगा.


2014 में उठी थी मोदी लहर


पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर ऐसी दौड़ा थी कि मध्यप्रदेश, राजस्थान, और छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने कुल 65 में से 62 सीटें हासिल की थी. हालांकि बाद में उपचुनाव के चलते मध्यप्रदेश में 1 सीट रतलाम, झाबुआ और राजस्थान में अलवर और अजमेर कांग्रेस के खाते में चली गई थी. मौजूदा स्थिति में बीजेपी के पास इन तीनों राज्यों में 65 में से 59 सीटें हैं.

बीजेपी-कांग्रेस के झंडे
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लेकिन, विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने काफी निराशाजनक प्रदर्शन किया है. मध्यप्रदेश और राजस्थान में भले ही बीजेपी ने कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी है, लेकिन कांग्रेस को सरकार बनाने से नहीं रोक पाई. छत्तीसगढ़ में तो बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया है. इन हालातों में बीजेपी के लिए 2014 जैसा प्रदर्शन करना मुश्किल है.


मध्यप्रदेश में कैसा है हाल


विधानसभा चुनाव के परिणामों से साफ हो गया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-बीजेपी के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिलेगी. अगर मध्य प्रदेश के लोकसभा चुनाव का आंकलन विधानसभा चुनाव के परिणाम के आधार पर करें तो कांग्रेस और बीजेपी 12- 12 सीटों पर बढ़त लिए हुए दिख रही हैं और 5 सीटों पर कांटे की टक्कर है.


ऐसे में कांग्रेस मध्यप्रदेश में बढ़त बनाने की हर तरह की कोशिश में जुटी हुई है. कांग्रेस का मानना है कि लोकसभा चुनाव में राज्य में कांग्रेस की सरकार होने के कारण वोट प्रतिशत बढ़ाने में मदद मिलेगी, जनता भी कांग्रेस के पक्ष में वोट करेगी. मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश जैन का कहना है कि पार्टी का टारगेट पूरी 29 सीट जीतने का है. विधानसभा चुनाव परिणाम के लिहाज से कांग्रेस 12 सीटों पर आगे है और 5 सीटो पर बीजेपी की बराबरी में हैं और बाकी सीटों पर कांग्रेस बीजेपी से पिछड़ गए हैं.

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लेकिन, हमेशा से वोटिंग का जो ट्रेन्ड रहा है कि जैसे ही राज्य में सरकार बदलती है तो बहुत सारा वोट गदद्दी पर काबिज राजनीतिक दल के पक्ष में आ जाता है. इसलिए उनका अनुमान है कि कांग्रेस 5 से 7% वोट बढ़ाने में कामयाब हो जाएगी और करीब 5% वोट कार्यकर्ताओं की मेहनत से मिलेगा, ऐसी स्थिति में कांग्रेस 20 से 22 सीटें जीतने में सफल हो जाएगी.

भोपाल। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए राजनीतिक दलों ने तैयारियां तेज कर दी हैं. देश की राजनीति के प्रमुख दो दल इस बार कांटे के मुकाबले के लिए तैयार नजर रहा आ रहे हैं. लोकसभा चुनाव 2014 में केंद्र की सत्ता पर काबिज हुई बीजेपी को कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिलती नजर आ रही है.

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बीजेपी-कांग्रेस के झंडे
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खासकर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम ने बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है. क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जिन तीन राज्यों में भारी सीटें हासिल कर कांग्रेस का सूपड़ा साफ किया था, अब उनमें बीजेपी की सरकार नहीं रही है. इससे ये साफ हो गया है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए 2014 जैसा प्रदर्शन दोहराना मुश्किल होगा.


2014 में उठी थी मोदी लहर


पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर ऐसी दौड़ा थी कि मध्यप्रदेश, राजस्थान, और छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने कुल 65 में से 62 सीटें हासिल की थी. हालांकि बाद में उपचुनाव के चलते मध्यप्रदेश में 1 सीट रतलाम, झाबुआ और राजस्थान में अलवर और अजमेर कांग्रेस के खाते में चली गई थी. मौजूदा स्थिति में बीजेपी के पास इन तीनों राज्यों में 65 में से 59 सीटें हैं.

बीजेपी-कांग्रेस के झंडे
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लेकिन, विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने काफी निराशाजनक प्रदर्शन किया है. मध्यप्रदेश और राजस्थान में भले ही बीजेपी ने कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी है, लेकिन कांग्रेस को सरकार बनाने से नहीं रोक पाई. छत्तीसगढ़ में तो बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया है. इन हालातों में बीजेपी के लिए 2014 जैसा प्रदर्शन करना मुश्किल है.


मध्यप्रदेश में कैसा है हाल


विधानसभा चुनाव के परिणामों से साफ हो गया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-बीजेपी के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिलेगी. अगर मध्य प्रदेश के लोकसभा चुनाव का आंकलन विधानसभा चुनाव के परिणाम के आधार पर करें तो कांग्रेस और बीजेपी 12- 12 सीटों पर बढ़त लिए हुए दिख रही हैं और 5 सीटों पर कांटे की टक्कर है.


ऐसे में कांग्रेस मध्यप्रदेश में बढ़त बनाने की हर तरह की कोशिश में जुटी हुई है. कांग्रेस का मानना है कि लोकसभा चुनाव में राज्य में कांग्रेस की सरकार होने के कारण वोट प्रतिशत बढ़ाने में मदद मिलेगी, जनता भी कांग्रेस के पक्ष में वोट करेगी. मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश जैन का कहना है कि पार्टी का टारगेट पूरी 29 सीट जीतने का है. विधानसभा चुनाव परिणाम के लिहाज से कांग्रेस 12 सीटों पर आगे है और 5 सीटो पर बीजेपी की बराबरी में हैं और बाकी सीटों पर कांग्रेस बीजेपी से पिछड़ गए हैं.

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लेकिन, हमेशा से वोटिंग का जो ट्रेन्ड रहा है कि जैसे ही राज्य में सरकार बदलती है तो बहुत सारा वोट गदद्दी पर काबिज राजनीतिक दल के पक्ष में आ जाता है. इसलिए उनका अनुमान है कि कांग्रेस 5 से 7% वोट बढ़ाने में कामयाब हो जाएगी और करीब 5% वोट कार्यकर्ताओं की मेहनत से मिलेगा, ऐसी स्थिति में कांग्रेस 20 से 22 सीटें जीतने में सफल हो जाएगी.

Intro:भोपाल। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए राजनीतिक दलों ने तैयारियां तेज कर दी हैं। देश की राजनीति के प्रमुख दो दल इस बार कांटे के मुकाबले के लिए तैयार नजर रहा आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2014 के विपरीत केंद्र की सत्ता पर काबिज बीजेपी को कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिलती नजर आ रही है। खासकर 2018 के अंत में पांच राज्यों के चुनाव परिणाम ने बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है।क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए जिन तीन राज्यों में भारी सीटें हासिल हुई थी और कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था। अब उन तीनों राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं रही है और लोकसभा चुनाव के पहले सेमीफाइनल माने जाने वाले राज्यों के चुनाव से साफ हो गया है कि लोकसभा में बीजेपी के लिए 2014 का प्रदर्शन दोहराना मुश्किल होगा।वहीं कांग्रेस के लिए बस मिलती नजर आ रही है।


Body:पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर का करिश्मा ऐसा चला था कि मध्य प्रदेश 29 राजस्थान 25 और छत्तीसगढ़ 11 में बीजेपी ने कुल 65 में से 62 सीटें हासिल की थी।लोकसभा 2014 में मध्य प्रदेश में बीजेपी ने 29 में से 27, राजस्थान में 25 में से 25 और छत्तीसगढ़ में 11 में से 10 सीटें जीती थी। हालांकि बाद में उपचुनाव के चलते मध्य प्रदेश में 1 सीट रतलाम झाबुआ और राजस्थान में अलवर और अजमेर कांग्रेस के खाते में चली गई थी। मौजूदा स्थिति में बीजेपी के पास इन तीनों राज्यों में 65 में से 59 सीटें हैं। लेकिन हाल ही में हुए इन राज्यों के चुनाव में बीजेपी ने काफी निराशाजनक प्रदर्शन किया है।मध्यप्रदेश और राजस्थान में भले ही बीजेपी ने कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी है, लेकिन सरकार बनाने से नहीं रोक पायी। छत्तीसगढ़ में तो बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया है। इन हालातों में तीनों राज्यों में लोकसभा चुनाव में बीजेपी को लोकसभा चुनाव 2014 का परिणाम दोहराना काफी मुश्किल होगा। क्योंकि इन तीनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार और मोदी मैजिक भी कमजोर पड़ गया है।

जहां तक मध्य प्रदेश की बात करें तो हाल ही के विधानसभा चुनाव के परिणामों से साफ हो गया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस- बीजेपी के बीच पिछले लोकसभा चुनाव जैसा एकतरफा नहीं बल्कि कांटे का मुकाबला देखने को मिलने वाला है। अगर मध्य प्रदेश के लोकसभा चुनाव का आकलन विधानसभा चुनाव के परिणाम के आधार पर करें।तो विधानसभा चुनाव के परिणाम के आधार पर कांग्रेस और बीजेपी 12- 12 सीटों पर बढ़त लिए हुए दिख रही है और 5 सीटों पर कांटे की टक्कर है। ऐसे में कांग्रेस मध्यप्रदेश में बढ़त बनाने की हर तरह की कोशिश में जुटी हुई है। कांग्रेस का मानना है कि लोकसभा चुनाव में राज्य में कांग्रेस की सरकार होने के कारण वोट प्रतिशत बढ़ाने में मदद मिलेगी, जनता भी कांग्रेस के पक्ष में वोट करेगी और कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने में मददगार साबित होगा।


Conclusion:मप्र कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश जैन का कहना है कि हमारा टारगेट पूरी 29 सीट जीतने का है। अभी विधानसभा चुनाव परिणाम के लिहाज से हम 12 सीटों में आगे हैं और 5 सीटों पर हम बराबरी पर हैं और बाकी सीटों पर हम बीजेपी से बिछड़ गए हैं। लेकिन हमेशा जो वोटिंग का ट्रेन्ड रहा है कि जैसे ही राज्य में सरकार बदलती है। तो बहुत सारा वोट का बदलाव राज्य सरकार पर काबिज राजनीतिक दल के पक्ष में आ जाता है। तो हमारा अनुमान है कि इस स्थिति के कारण हम 5 से 7% वोट बढ़ाने में कामयाब होंगे और हमें उम्मीद है कि करीब 5% वोट कार्यकर्ताओं की उत्साह और मेहनत से मिलेगा। ऐसी स्थिति में हमारा अनुमान है कि हम 20 से 22 सीटें जीतने में सफल होंगे।
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