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साध्वी के आते ही जमीन पर उतरे दिग्विजय, नामांकन के बाद पैदल नापेंगे भोपाल

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Published : Apr 17, 2019, 7:39 PM IST

Updated : Apr 18, 2019, 12:00 PM IST

भोपाल में अब हिन्दू बनाम मुस्लिम आतंकवाद सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा होने के आसार दिखने लगे हैं क्योंकि दिग्विजय सिंह के सामने बीजेपी ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को उतारा है. प्रज्ञा मालेगांव बम ब्लास्ट के आरोप में जमानत पर बाहर हैं और दिग्विजय सिंह ने ही पहली बार हिन्दू आतंकवाद का जिक्र किया था.

प्रज्ञा ठाकुर-दिग्विजय सिंह

भोपाल। भोपाल लोकसभा सीट मध्यप्रदेश की सबसे हाई प्रोफाइल सीट बनकर उभरी है. यहां कांग्रेस की ओर से राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मैदान में हैं, जबकि बीजेपी की ओर से मालेगांव बम ब्लास्ट के आरोप में करीब एक दशक तक जेल में यातना सहने के बाद हाल ही में जमानत पर रिहा हुईं साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर हैं. अब यहां मुकाबला हिंदुत्व बनाम मुस्लिम आतंकवाद होने के कयास लगाये जा रहे हैं क्योंकि पहली बार दिग्विजय सिंह ने ही हिंदू आतंकवाद का आरोप लगाया था.

भोपाल में साध्वी बनाम दिग्विजय

हालांकि, कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को पखवाड़े भर पहले ही प्रत्याशी घोषित कर दिया था, लेकिन बीजेपी अपने पत्ते खोलने में लंबा समय लगा दी. खैर! बुधवार को बीजेपी की बैठक के बाद साध्वी प्रज्ञा के नाम की घोषणा कर दी है. दिग्विजय के सामने बीजेपी साध्वी प्रज्ञा को उतारकर दिग्विजय की अल्पसंख्यक समर्थक छवि को मुद्दा बनाकर मात देना चाहती है. साथ ही बीजेपी साध्वी को उमा भारती का विकल्प भी तैयार कर रही है.

दिग्विजय सिंह दो भोपाल संसदीय क्षेत्र का दो बार अब तक दौरा कर चुके हैं, अब 5 मई से पदयात्रा के जरिए पूरे क्षेत्र का भ्रमण करेंगे. दो चरणों में संपन्न होने वाली इस पदयात्रा से पहले दिग्विजय सिंह 20 अप्रैल को अपना नामांकन दाखिल करेंगे. इसके एक दिन बाद वे भोपाल के लिए अलग से विजन डॉक्यूमेंट जारी करेंगे.

कांग्रेस प्रवक्ता मानक अग्रवाल ने बताया कि भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह दो बार पूरे भोपाल का दौरा कर चुके हैं और लगभग सभी क्षेत्रों और संगठनों के साथ उनकी बैठक हो चुकी है. अब पैदल पूरे क्षेत्र का भ्रमण करेंगे. इसके जरिए वह लोगों से सीधी मुलाकात कर कांग्रेस के पक्ष में वोट करने की अपील करेंगे. पहले चरण में दिग्विजय सिंह बैरागढ़ से पुराने शहर होते हुए मिसरोद तक पैदल यात्रा करेंगे, जबकि दूसरा चरण भोपाल के ग्रामीण क्षेत्रों में होगा.

उधर सेवानिवृत्त मेजर जनरल श्याम शंकर श्रीवास्तव ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. कांग्रेस में शामिल होते ही उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया. उन्होंने कहा कि देश में अब तक 5 बड़े युद्ध हुए हैं, लेकिन कभी भी प्रधानमंत्री ने इसका चुनावी सभा में जिक्र नहीं किया. ये पहली बार है जब पीएम सेना के पराक्रम का उपयोग चुनावी सभाओं में कर रहे हैं. यहां तक कि अब बीजेपी नेताओं ने सेना को मोदी की सेना कहना शुरू कर दिया है जो बेहद निंदनीय है.

भोपाल। भोपाल लोकसभा सीट मध्यप्रदेश की सबसे हाई प्रोफाइल सीट बनकर उभरी है. यहां कांग्रेस की ओर से राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मैदान में हैं, जबकि बीजेपी की ओर से मालेगांव बम ब्लास्ट के आरोप में करीब एक दशक तक जेल में यातना सहने के बाद हाल ही में जमानत पर रिहा हुईं साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर हैं. अब यहां मुकाबला हिंदुत्व बनाम मुस्लिम आतंकवाद होने के कयास लगाये जा रहे हैं क्योंकि पहली बार दिग्विजय सिंह ने ही हिंदू आतंकवाद का आरोप लगाया था.

भोपाल में साध्वी बनाम दिग्विजय

हालांकि, कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को पखवाड़े भर पहले ही प्रत्याशी घोषित कर दिया था, लेकिन बीजेपी अपने पत्ते खोलने में लंबा समय लगा दी. खैर! बुधवार को बीजेपी की बैठक के बाद साध्वी प्रज्ञा के नाम की घोषणा कर दी है. दिग्विजय के सामने बीजेपी साध्वी प्रज्ञा को उतारकर दिग्विजय की अल्पसंख्यक समर्थक छवि को मुद्दा बनाकर मात देना चाहती है. साथ ही बीजेपी साध्वी को उमा भारती का विकल्प भी तैयार कर रही है.

दिग्विजय सिंह दो भोपाल संसदीय क्षेत्र का दो बार अब तक दौरा कर चुके हैं, अब 5 मई से पदयात्रा के जरिए पूरे क्षेत्र का भ्रमण करेंगे. दो चरणों में संपन्न होने वाली इस पदयात्रा से पहले दिग्विजय सिंह 20 अप्रैल को अपना नामांकन दाखिल करेंगे. इसके एक दिन बाद वे भोपाल के लिए अलग से विजन डॉक्यूमेंट जारी करेंगे.

कांग्रेस प्रवक्ता मानक अग्रवाल ने बताया कि भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह दो बार पूरे भोपाल का दौरा कर चुके हैं और लगभग सभी क्षेत्रों और संगठनों के साथ उनकी बैठक हो चुकी है. अब पैदल पूरे क्षेत्र का भ्रमण करेंगे. इसके जरिए वह लोगों से सीधी मुलाकात कर कांग्रेस के पक्ष में वोट करने की अपील करेंगे. पहले चरण में दिग्विजय सिंह बैरागढ़ से पुराने शहर होते हुए मिसरोद तक पैदल यात्रा करेंगे, जबकि दूसरा चरण भोपाल के ग्रामीण क्षेत्रों में होगा.

उधर सेवानिवृत्त मेजर जनरल श्याम शंकर श्रीवास्तव ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. कांग्रेस में शामिल होते ही उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया. उन्होंने कहा कि देश में अब तक 5 बड़े युद्ध हुए हैं, लेकिन कभी भी प्रधानमंत्री ने इसका चुनावी सभा में जिक्र नहीं किया. ये पहली बार है जब पीएम सेना के पराक्रम का उपयोग चुनावी सभाओं में कर रहे हैं. यहां तक कि अब बीजेपी नेताओं ने सेना को मोदी की सेना कहना शुरू कर दिया है जो बेहद निंदनीय है.

Intro:भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह दो बार भोपाल का दौरा करने के बाद अब पदयात्रा करेंगे। 5 मई से शुरू होने वाली पदयात्रा के जरिए दिग्विजय सिंह पूरी भोपाल लोकसभा सीट को पैदल नापेंगे। पदयात्रा दो चरणों में होगी। दिग्विजय सिंह 20 अप्रैल को अपना नामांकन दाखिल करेंगे इसके 1 दिन बाद वे भोपाल को लेकर विजन डॉक्यूमेंट जारी करेंगे।


Body:कांग्रेस प्रवक्ता माणक अग्रवाल ने बताया कि भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह दो बार पूरे भोपाल का दौरा कर चुके हैं और लगभग सभी क्षेत्रों और संगठनों के साथ उनकी बैठक हो चुकी है। अब दिग्विजय सिंह पैदल पूरी भोपाल लोकसभा सीट को ना पाएंगे इसके जरिए वह लोगों से सीधी मुलाकात कर कांग्रेस के पक्ष में वोट करने की अपील करेंगे दिग्विजय सिंह की पदयात्रा दो चरणों में होगी पहले चरण में दिग्विजय सिंह बैरागढ़ से लेकर मिसरोद तक पैदल यात्रा करेंगे इस दौरान नए और पुराने शहर की लगभग सभी क्षेत्रों में दिग्विजय सिंह पहुंचेंगे। पदयात्रा का दूसरा चरण भोपाल के ग्रामीण क्षेत्रों में होगा। पदयात्रा की शुरुआत 5 मई से होगी कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि दिग्विजय सिंह 20 मई को अपना नामांकन दाखिल करेंगे और इसके 1 दिन बाद भोपाल को लेकर अपना विजन डॉक्यूमेंट जनता के समक्ष रखेंगे।

रिटायर्ड मेजर जनरल श्याम शंकर श्रीवास्तव कांग्रेस में शामिल

उधर सेवानिवृत्त मेजर जनरल श्याम शंकर श्रीवास्तव ने कॉन्ग्रेस का दामन थाम लिया है। कांग्रेस में शामिल होते ही उन्होंने बीजेपी की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में अब तक 5 बड़े युद्ध हुए हैं, लेकिन कभी भी देश के प्रधानमंत्री ने इसका चुनावी सभा में जिक्र नहीं किया यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री मोदी सेना के पराक्रम को चुनावी सभाओं में उपयोग कर रहे हैं यहां तक कि अब बीजेपी के नेताओं ने सेना को मोदी की सेना कहना शुरू कर दिया है जो बेहद निंदनीय है।


Conclusion:
Last Updated : Apr 18, 2019, 12:00 PM IST
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