भोपाल। प्रदेश में बर्ड फ्लू का संकट गहराता जा रहा है.अब कौवों के बाद इंदौर और नीमच में चिकन के नमूनों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है. ये सैंपल दुकानों से लिए गए थे. भोपाल की हाई सिक्योरिटी एनिमल लैब में हुई जांच में बर्ड फ्लू का H5N8 स्ट्रेन पाया गया है.
चिकन मार्केट 7 दिनों के लिए बंद
मप्र पशुपालन विभाग के निदेशक आरके रोकड़े ने बताया कि अब तक राज्य के 8 जिलों में फ्लू पाया गया है. उन्होंने कहा कि हम पोल्ट्री नमूनों से पता लगाएंगे कि इसका स्रोत क्या है? एक किलोमीटर के दायरे में आने वाली सभी दुकानें, चिकन मार्केट 7 दिनों के लिए बंद कर दिए जाएंगे. 10 किमी की परिधि में सर्विलांस किया जाएगा.
'उठाएंगे जरूरी कदम'
आरके रोकड़े ने कहा कि ये भी पता लगाया जाएगा कि ये वर्ड्स इन मार्केट में कहां से लाए गए. अगर इनका स्त्रोत दूसरे राज्यों में मिलता है तो, उन्हें सूचित किया जाएगा. अगर हमारे राज्य से ही वर्ड्स इन बाजारों तक पहुंचे तो उन स्थानों का पता करके आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
सीएम ने कहा घबराने की जरूरत नहीं
वहीं सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जानकारी दी है कि 'मैंने अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश दिए हैं.घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है. स्थिति की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. सरकार पूरी तरह से सजग है.
अब तक 400 से ज्यादा पक्षियों की मौत
अभी तक बर्ड फ्लू का सबसे अधिक असर मध्य प्रदेश में दिख रहा है, यही कारण है कि राज्य सरकार ने प्रभावित इलाकों में अधिक सतर्कता बढ़ा दी है. इससे पहले पहले इंदौर में कौवों की मौत का मामला सामने आया था.इसके बाद मंदसौर, आगर मालवा समते आठ जिलों में संक्रमण की पुष्टि हो गई.राज्य में 23 दिसंबर से अब तक राज्य में 400 से अधिक पक्षियों की मौत हो चुकी है.
पोल्ट्री फार्म के लिए दिशा-निर्देश जारी
प्रदेश में बर्ड फ्लू को लेकर चेतावनी जारी की गई है. इंदौर और नीमच में मुर्गियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद संकट और गहराता नजर आ रहा है. सीएम शिवराज सिंह चौहान स्पष्ट कर चुके हैं कि बर्ड फ्लू पर हम लगातार नजर बनाए हुए हैं. पोल्ट्री फार्म के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. शिवराज सरकार ने दक्षिण के राज्य से होने वाले मुर्गे और मुर्गियों के कारोबार पर 10 दिन के लिए प्रतिबंध लगाया है.
इन जिलों में संक्रमण का खतरा
बता दें कि प्रदेश के इंदौर, मंदसौर, आगर मालवा के अलावा उज्जैन, सिहोर, देवास, गुना, शाजापुर, खरगौन और नीमच में बर्ड फ्लू के चलते अलर्ट जारी किया गया है. यहां से कुछ सैंपलों को जांच के लिए भी भेजा गया है. अभी तक 8 जिलों में वायरस की पुष्टि हो चुकी है.
सावधानी बरतें पशुपालन विभाग के अधिकारी
बर्ड फ्लू की मामलों को देखते हुए राज्य शासन ने गुरूवार को सभी जिलों के कलेक्टर की बैठक बुलाई थी. जिसमें केन्द्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए. पशुपालन विभाग के अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया ने सभी जिलों में कंट्रोल रूम स्थापित करने और पीपीई किट की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा है. निर्देश दिए गए हैं कि सैंपल कलेक्शन और डिस्पोजल के वक्त विभागीय अमला पीपीई किट पहनें. मुर्गियों, कौवों और प्रवासी पक्षियों की मौत के बाद स्थान को सेनिटाइज किया जाए. पक्षियों की बीमारी और मृत्यु की जानकारी तत्काल मुख्यालय भेजने के लिए कहा गया है.
क्या है बर्ड फ्लू
मेडिकली टर्म में इस वायरस को एवियन इन्फ्लूएंजा कहा जाता है. यह एक संक्रामक बीमारी है. जो पक्षी से दूसरे पक्षियों या जानवरों तक फैल सकती है. इसकी वजह से हर साल दुनियाभर में कई पक्षियों की मौत हो जाती है.
इंसान के लिए कितना खतरा है
बर्ड फ्लू का सबसे खतरनाक H5N1 स्ट्रेन है. यह स्ट्रेन पक्षियों के साथ-साथ इंसानों को भी प्रभावित करता है. लेकिन राहत वाली बात ये है कि अभी तक प्रदेश और देश में जितने भी पक्षियों की सैंपलिंग हो रही है, उनमें एवियन इन्फ्लूएंजा( बर्ड फ्लू) का H5N8 स्ट्रेन पाया जा रहा है. जो H5N1 से कम खतरनाक है. फिर भी विशेषज्ञों की राय है कि लोगों को सावधानी बरतना जरूरी है.