भोपाल। किसी के घर में जब बच्चा जन्म लेता है तो उसके तमाम संस्कार परिवार वाले करते हैं, लेकिन जब कोई अनाथ हो जाए और इसके बाद भी उनके नामकरण और बेटियों के कर्णभेदन संस्कार में तमाम बड़े नेता और व्यवसायी आएं तो निश्चित ही सुखद आश्चर्य होगा. ऐसा ही कुछ भोपाल के एक बालगृह में देखने को मिला. राजधानी के अरेरा हिल्स स्थित बालगृह मातृछाया में गुरुवार शाम एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें शहर के गणमान्य लोग शामिल हुए.
अनाथ बच्चों का हुआ नामकरण: भोपाल के बालगृह में गुरुवार को बच्चे के नामकरण और बेटियों के कर्णभेदन संस्कार का आयोजन हुआ. इसमें एक तरफ महिलाएं मंगल बधाई गीत गा रही थी, वहीं दूसरी तरफ बेटियां रंगोली बना रहीं थीं. भवन की दाईं तरफ सुंगधित हवन हो रहा था और जोड़ों द्वारा मातृछाया में रहने वाली बेटियों को उपहार दिया जा रहा था. यह कार्यक्रम मातृछाया में रहने वाले उन बच्चों के लिए किया गया, जिन्हें जन्म देने के बाद मां और पिता का साया नहीं मिला. कोई अपनी बच्ची को संस्था के भरोसे छोड़ गया तो कोई मंदिर के द्वार पर मिला.
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3 बच्चियों का हुआ कर्णभेदन संस्कार: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन सेवा भारती द्वारा संचालित इस संस्था में कुल 5 बच्चों का संस्कार गुरुवार को किया गया. इनमें से 5 बच्ची का नामकरण और 3 बेटियों का कर्णभेदन कार्यक्रम किया गया. आयोजन इतना भव्य था कि लग रहा था जैसे कोई विवाह हो. मातृछाया के अध्यक्ष सुनील माहेश्वरी ने बताया कि हम यह आयोजन हर साल करते हैं, लेकिन कोरोना की वजह से पिछले 3 साल से ये कार्यक्रम का आयोजन नहीं हुआ था.
10 बच्चों का यहां होता है देखभाल: सेवा भारती में अभी कुल 10 बच्चे रह रहे हैं. इनकी देखभाल के लिए 9 जसोदा और 2 अन्नपूर्णा पूरे समय तैनात रहती है. इनकी देखरेख 6 साल तक किया जाता है. इसके बाद इन्हें किसी को गोद दे दिया जाता है. मातृछाया शिशु कल्याण केंद्र में नवशिशुओं के नामकरण और कर्णभेदन संस्कार कार्यक्रम में सेवा भारती के क्षेत्रीय संगठन मंत्री रामेंद्र सिंह, नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी शामिल हुए. इसके पहले यज्ञ, हवन पूजन किया गया और पूर्ण मंत्रोच्चार के साथ संस्कार संपन्न हुआ. इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक अशोक पांडे, सेवा प्रमुख प्रदीप खंडेकर सहित भारी संख्या में गणमान्य जन उपस्थित थे.