भोपाल। बाल सुधार गृह से गायब बच्चियों के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो और और टीम सख्त है. आयोग की टीम ने भोपाल के आंचल चिल्ड्रन होम के निरीक्षण में पाई गई गलतियों के साथ-साथ वहां मौजूद रिकॉर्ड के हिसाब से 26 बच्चियों के गायब होने की पुष्टि की थी. इस मामले को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी बयान दिया है. शिवराज ने शीघ्र कार्रवाई करने की मांग की है.
पुलिस कर रही वैरिफिकेशन : बाल सुधार गृह से गायब 26 बच्चियों के रिकॉर्ड का मिलान पुलिस कर रही है. ये पता लगाया जा रहा है कि ये बच्चियां अपने परिजनों के पास हैं या नहीं. इस बीच सरकार ने एक्शन लेते हुए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है. भोपाल के एसपी देहात प्रमोद सिंह ने बताया है कि संस्था से मिले रिकॉर्ड के अनुसार जो बच्चे संस्था में मौजूद नहीं थे और जिनके पते या फोन नंबर मिले हैं, पुलिस उनके परिजनों से संपर्क कर जानकारी जुटा रही है. ये पता लगाया जा रहा है कि ये बच्चे इस समय कहां पर हैं. एसपी ने बताया कि काफी बच्चों के परिजनों के पास मिलने की सूचना मिल रही है.
कुछ बच्चों के घर जाने की संभावना : इस बीच जिला प्रशासन द्वारा जो बच्चियां रेस्क्यू करके लाई गईं, इसकी जानकारी राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को नहीं दी गई. इसके साथ ही अन्य शासकीय प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया. इस पर आयोग द्वारा संस्था के विरुद्ध एफ़आईआर दर्ज कराई गई. आयोग के निरीक्षण दौरान उपस्थित मिली 41 बच्चियों को प्रशासन द्वारा पंजीकृत बाल गृह में शिफ्ट कर दिया गया है.
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दो अफसरों को कारण बताओ नोटिस : इसी के साथ कुछ बच्चियों के फॉर्म मिले पर वे उपस्थित नहीं मिलीं. संस्था द्वारा बताया गया कि बच्चियां अपने घर चली गई हैं. इस मामले में लापरवाही पर सीडीपीओ बृजेन्द्र प्रताप सिंह व सीडीपीओ कोमल उपाध्याय को निलंबित किया गया है. साथ ही महिला बाल विकास अधिकारी सुनील सोलंकी एवं सहायक संचालक महिला बाल विकास रामगोपाल यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.