भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग के निर्देश पर पेड और फेक न्यूज़ के मामले में सतत निगरानी करने के लिए 30 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, जो कि लगातार प्रिंट इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया पर 24 घंटे नजर रखेंगे. इस पूरे मामले में चुनाव आयोग ने काफी सख्त निर्देश दे रखे हैं. खासकर सोशल मीडिया जो कि इस समय सबसे ज्यादा प्रभावशाली है. उसपर किसी तरह की फेक न्यूज़ ना चल सके इसके लिए एक अलग से मीडियम मॉनिटरिंग एवं सर्टिफिकेशन सेल (एमसीएमसी) केंद्र बनाया गया है. इससे कि 24 घंटे नजर रखी जा सके.
चुनाव आयोग के निर्देश में सेल शुरु हुई: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को देखते हुए निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जनपद कार्यालय फंदा के मीटिंग हॉल में मीडिया मॉनिटरिंग और सर्टिफिकेशन सेल प्रारंभ हो गया है. आत्म प्रकाश सिंह चौहान और उप जिला निर्वाचन अधिकारी रवि शंकर राय ने मेक मीडिया मॉनिटरिंग सेल कमेटी का निरीक्षण किया. उन्होंने मीडिया मॉनिटरिंग सेल के सदस्यों से विस्तृत चर्चा कर आदर्श आचरण संहिता और एमसीएमसी टीम की तरफ से की जा रही मॉनिटरिंग की विस्तृत जानकारी ली.
आयोग की तरफ से बताया गया, "जिले में आदर्श आचरण संहिता संहिता एवं सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार का वायलेशन स्वीकार नहीं किया जाएगा. आप लोग सतत सोशल मीडिया और मीडिया की मॉनिटरिंग करें. किसी भी प्रकार की संदर्भित गतिविधि या खबर या भाषण पाए जाने पर तुरंत जिला निर्वाचन अधिकारी के सामने रिपोर्ट प्रस्तुत करें. इस सेल में 30 से अधिक अधिकारी कर्मचारी प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक तथा सोशल मीडिया पर पेड न्यूज, फेक न्यूज और आचार संहिता के उल्लंघन पर 24 घण्टे नजर रखेंगे."
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उन्होंने बताया, "जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समिति प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया पर प्रकाशित और प्रसारित होने वाले राजनीतिक विज्ञापनों, पेड न्यूज तथा फेक न्यूज पर नजर रखेगी. निर्वाचन लड़ रहे अभ्यर्थियों को प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर विज्ञापन जारी करने के पहले कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय एमसीएमसी से अनुमति लेना होगा. एमसीएमसी की टीम पेड न्यूज की मॉनिटरिंग कर सत्यापन करते हुए व्यय लेखा की जानकारी प्रस्तुत करेंगी."
रिटर्निंग अधिकारी लेंगे एक्शन: एमसीएमसी पेड न्यूज के मामलों में रिटर्निंग अधिकारी के माध्यम से अभ्यर्थी को नोटिस प्रदान किया जाएगा. उनका निर्धारित समय के भीतर प्राप्त उत्तर संतोषजनक होने पर पेड न्यूज का प्रकरण निराकृत माना जाएगा. अभ्यर्थी का जवाब असंतोषजनक पाए जाने पर तथा जांच करने पर सही पाए जाने पर पेड न्यूज का खर्च उनके व्यय लेखा में जोड़ा जाएगा.