बड़वानी: संसद में बजट सत्र के दौरान राज्यसभा सदस्य डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने CBSE व NCERT के पाठ्यक्रम में कृषि विज्ञान विषय को शामिल करने की मांग की. सोलंकी ने भाषण में कहा "हमारे देश में 80% से ज्यादा आबादी गांवों में रहती है. उनका व्यवसाय मुख्य रूप से कृषि है. उन्हें कृषि की आधुनिक तकनीत से उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा सकती है. इससे देश को बेरोजगारी से भी छुटकारा मिलेगा. क्यंकि खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जुटे हैं." सांसद सोलंकी की इस पहल का कई सांसदों ने टेबल थपथपाकर स्वागत किया.
स्कूल व कॉलेजों में कृषि विज्ञान शामिल करने की मांग
सांसद सोलंकी ने कहा "स्कूलों व कॉलेजों के विद्यार्थियों को कृषि विज्ञान विषय पढ़ाने की आवश्यकता है. उन्होंने एक शिक्षक के रूप में 15 वर्षों तक सेवा की है और उनका पालन-पोषण भी गरीब किसान परिवार में हुआ है. वह अपनी शिक्षा के दौरान से ही अपनी पारंपरिक कृषि के कार्यों को आज तक करते आये हैं. वह आज भी खेती-बाड़ी करते हैं. बचपन से लेकर आज तक उन्होंने अनुभव किया है कि हमारी प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था में कृषि विषय का कोई पाठ्यक्रम विशिष्ट रूप से उपलब्ध नहीं है. जबकि इसे भारत जैसे कृषि प्रधान देश में अनिवार्य होना चाहिए."
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कृषि क्षेत्र में नए प्रयोगों की भरपूर संभावनाएं
सोलंकी ने कहा "कृषि के क्षेत्र में नवाचार की अपार संभावनाएं हैं. शासकीय संस्थानों जैसे केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय एवं एकलव्य आवासीय विद्यालयों में कृषि संकाय को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाता है तो हिंदुस्तान कृषि के क्षेत्र में विश्व का सिरमौर बन सकता है. किसानों के बच्चें किसानी से ही अपने जीवन की शरुआत करते हैं, यदि उन्हें इसी क्षेत्र में आधुनिक तकनीकी की प्राथमिक कक्षा से जानकारी दी जाए तो उनकी दक्षता बढ़ेगी.