भोपाल। मध्य प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर सत्ता और संगठन के बीच मंथन तेज हो गया है. अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा नामों को अंतिम रूप देने में लगे हैं. संभावना जताई जा रही है कि जल्दी ही संगठन में रिक्त पदों के अलावा निगम-मंडलों में नियुक्तियां कर दी जाएंगी. राज्य में बीजेपी को सत्ता में आए हुए 15 महीने से ज्यादा का वक्त गुजर गया है, मगर निगम मंडलों में नियुक्तियों का मसला अब भी अधर में लटका हुआ है. इसकी बड़ी वजह तमाम नेताओं से नाता रखने वाले उनके समर्थकों को स्थान दिए जाने का है.
राज्य में बीजेपी की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को भी निगम-मंडलों में स्थान दिया जाना है, वहीं संगठन में रिक्त प्रवक्ता और मीडिया पैनलिस्ट के पदों पर भी नियुक्ति होना बाकी है. संगठन में बहुसंख्यक पदों पर पदाधिकारियों की तैनाती की जा चुकी है, तो वहीं सत्ता में हिस्सेदारी चाहने वाले अब भी इंतजार में है. ज्योतिरादित्य सिंधिया से नाता रखने वाले चार नेता जो विधानसभा का उपचुनाव हार गए हैं, उनमें इमरती देवी, एंदल सिंह कंषाना, मुन्नालाल गोयल और गिर्राज दंडोतिया का इन नियुक्तियों के जरिए पुनर्वास तय माना जा रहा है. इसके लिए भाजपा संगठन के अलावा मुख्यमंत्री भी सहमति जता चुके हैं.
बीते कुछ दिनों में सत्ता और संगठन के लोगों की कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं. रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने भोपाल से बाहर एक रेस्ट हाउस में बैठक की. संभावना इस बात की जताई जा रही है कि इस बैठक में निगम मंडलों से जुड़े पदों के लिए नामों को अंतिम रूप दे दिया जाएगा, इसमें खासतौर पर ओबीसी, अनुसूचित जाति और जनजाति के नेताओं को ज्यादा महत्व दिया जा सकता है.
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ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री चौहान बीते माह दिल्ली के तीन दौरे कर चुके हैं. इस प्रवास के दौरान पार्टी के तमाम बड़े नेताओं से मुलाकातें भी हुईं. इसके अलावा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का भी दिल्ली दौरा हुआ और नेताओं से मेल-मुलाकातों का दौर चला. इतना ही नहीं पिछले दिनों राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री शिव प्रकाश के भोपाल प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष से लंबी बैठकें हो चुकी हैं.
-आईएएनएस