भोपाल। नगर निगम परिषद की बजट बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई. इस दौरान कांग्रेस ने बीजेपी पार्षदों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. बीजेपी ने इस आरोप का पुरजोर जवाब दिया. दोनों पक्षों के बीच बहस हंगामे और शोर-शराबे में बदल गई. दरअसल, बैठक शुरू होते ही कांग्रेस पार्षद शिरीन खान ने सवाल उठाया कि हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत कितनी राशि के राष्ट्रीय ध्वज नगर निगम द्वारा लगाए गए हैं. इसका जवाब देते हुए सुषमा बबिसा ने बताया कि लगभग 1 करोड़ 70 लाख के झंडे नगर निगम द्वारा सारे वार्डों में लगाए गए. इस काम में गोलमाल का आरोप लगते ही हंगामा शुरू हो गया.
विकास कार्यों को लेकर घेराव: जैसे-तैसे हंगामे को शांत करा निगम अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू कराया. इसमें स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत स्ट्रीट लाइटें और विकास कार्यों को लेकर भी कांग्रेस पार्षदों ने परिषद को घेरा. जवाब में महापौर मालती राय ने कहा कि स्मार्ट सिटी का पूरा काम कलेक्टर की निगरानी में चल रहा है. उसके लिए अलग से विंग नहीं बनाई गई है. इसके लिए कोई एमआईसी नहीं है. इसकी पूरी जानकारी कलेक्टर महोदय के माध्यम से ही प्राप्त होगी.
ऊर्जा संयंत्र के लिए लेना होगा करोड़ों का कर्ज: नीमच में स्थापित होने वाले सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा संयंत्र को लेकर भी बैठक में हंगामा हुआ. कांग्रेस पार्षदों ने कहा कि पहले भी 2 बार ये प्रोजेक्ट आ चुका है. इसको बार-बार क्यों लाया जा रहा है. इसके लिए नगर निगम को करोड़ों रुपए का कर्जा लेना पड़ेगा, जो गलत होगा.
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नाम बदलने पर भी आपत्ति: बैठक के एजेंडे में शामिल कई मार्गों और जगहों के नाम परिवर्तन को लेकर भी शोरशराबा किया गया. नगर निगम भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश सारंग के नाम पर ऐशबाग स्टेडियम का नामकरण करने जा रही है. जहांगीराबाद से गुजरने वाले मार्ग का नाम भी पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के नाम पर किया जाएगा. बरखेड़ा पठानी का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री के नाम पर किए जाने का प्रस्ताव भी एजेंडे में था. इस पर कांग्रेस पार्षदों ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी केवल नाम में फेरबदल और आंकड़ों की बाजीगरी का काम कर रही है.