भोपाल: देवास बैंक डकैती मामले में भोपाल की विशेष अदालत ने दो सिमी आतंकियों को आजीवन कारावास और 11 हजार रुपए का अर्थदंड दिया है. विशेष न्यायालय ने मास्टरमाइंड अबू फैजल और इकरार शेख को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. देवास बैंक डकैती मामले में कुल 5 आरोपी थे. जिनमें से तीन आरोपियों को भोपाल पुलिस ने जेल ब्रेक के बाद एनकाउंटर में मार गिराया था.
साल 2009 में की थी बैंक डकैती
साल 2009 में देवास की विजया मंडी स्थित बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में शाम करीब 4:30 बजे जब बैंक का लेनदेन काम पूरा हो गया था. इस दौरान मेन गेट से आरोपी बैंक में दाखिल हुए. जिनमें से तीन आरोपी मंकी कैप पहने हुए थे. जबकि चौथे आरोपी का चेहरा खुला हुआ था. जिसके बाद सिमी आतंकियों ने सभी बैंक के कर्मचारियों को केबिन की तरफ मुंह कर कर खड़ा कर दिया और स्ट्रांग रूम के पास बैंक मैनेजर को ले जाकर सेफ खोलने के लिए बोला, इसके बाद बैंक से करीब 9 लाख 62 हजार रुपये लूट कर फरार हो गए थे. साल 2011 में एसटीएफ और एटीएस ने इन सिमी आतंकियों से पूछताछ की थी. पूछताछ के दौरान अबू फैजल और इकरार ने देवास में बैंक डकैती करना स्वीकार किया था.
तीन आरोपियों का पुलिस पहले ही कर चुकी है एनकाउंटर
देवास बैंक डकैती मामले में पुलिस ने कुल पांच सिमी आतंकियों को आरोपी बनाया था. इनमें से 3 सिमी आतंकी जेल ब्रेक फरार हो गए थे. लेकिन कुछ ही दूरी पर पुलिस ने घेराबंदी कर जेल ब्रेक कर फरार हुए सिमी आतंकियों को एनकाउंटर में मार गिराया. एनकाउंटर में कुल आठ सिमी आतंकियों को मारा गया था इनमें तीन आरोपी देवास बैंक डकैती के भी थे. तीन आतंकियों की मौत के बाद इस मामले में दो आरोपियों को आज एनआईए कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.