भोपाल। मध्यप्रदेश में पटवारी परीक्षा परिणाम मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संज्ञान लेते हुए एक कॉलेज के सातों टॉपर की नियुक्तियों पर रोक लगा दी है. ट्वीट कर मुख्यमंत्री ने नियुक्ति रोकने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि ''सेंटर के परीक्षा परिणामों का पुन: परीक्षण किया जाएगा.'' बता दें कि आज छात्रों ने इंदौर सहित प्रदेश भर में आंदोलन कर भर्ती में घोटाले के आरोप लगाए थे. साथ ही कांग्रेस ने भी पटवारी चयन भर्ती में आरोप लगाते हुए सरकार से सवाल पूछे थे.
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कर्मचारी चयन मंडल द्वारा समूह-2, उप समूह-4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परीक्षा परिणाम में एक सेन्टर के परिणाम पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां अभी रोक रहा हूँ। सेन्टर के परिणाम का पुनः परीक्षण किया जाएगा।
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— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 13, 2023
पटवारी चयन को लेकर घिरा व्यापम: पटवारी चयन परीक्षा में हुए घोटाले को लेकर चौतरफा विरोध के बीच सीएम शिवराज ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने ट्वीट कर बताया कि ''कर्मचारी चयन मंडल द्वारा समूह-2, उप समूह-4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परीक्षा परिणाम में एक सेंटर के परिणाम पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है. इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां अभी रोक रहा हूं. सेन्टर के परिणाम का पुनः परीक्षण किया जाएगा.''
क्या है पूरा मामला: पटवारी भर्ती परीक्षा में टॉप करने वाले 10 छात्रों में से 7 ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के हैं. इस कॉलेज के मालिक भिंड के विधायक संजीव कुशवाहा हैं. पटवारी भर्ती परीक्षा मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित कराई गई थी. व्यापम कांड के बाद इसका नाम बदलकर मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड कर दिया गया था. जिस कॉलेज में परीक्षा हुई वह ग्वालियर के 12 घाट इलाके में मुख्य सड़क से करीब 1 किलोमीटर अंदर मौजूद है. पटवारी भर्ती परीक्षा में बीजेपी विधायक के इसी कॉलेज में बनाए गए परीक्षा सेंटर से 114 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है. यही नहीं टॉप टेन में भी 7 परीक्षार्थी इसी केंद्र से आए हैं. यही वजह है कि कांग्रेस इस में भारी गड़बड़ी के आरोप लगा रही है. जो 7 टॉपर इस परीक्षा में आए हैं उन्होंने 200 अंकों वाली पटवारी परीक्षा में 174.88 से लेकर 183.86 तक अंक प्राप्त किए हैं.
कांग्रेस ने उठाई CBI जांच की मांग: नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने पटवारी चयन भर्ती परीक्षा को लेकर सीबीआई जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि इस भर्ती परीक्षा में घोटाला हुआ है. लेकिन मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं की परीक्षा पर रोक लगाने से कुछ नहीं होगा, बल्कि सीबीआई की जांच करा कर आपको भ्रष्टाचारियों को जेल भेजना चाहिए.
गोविंद सिंह ने सीएम को लिखा था पत्र: नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने पटवारी भर्ती एवं अन्य पदों हेतु आयोजित संयुक्त भर्ती परीक्षा- 2022 में हुई गड़बड़ी की जांच कराए जाने के संबंध में सीएम शिवराज सिंह को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने लिखा कि विगत दिनों कर्मचारी चयन मण्डल द्वारा आयोजित पटवारी भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है. इस परीक्षा में लगभग 10 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे. 9000 चयनित अभ्यर्थियों में से लगभग 1000 चयनित अभ्यर्थियों का परीक्षा केन्द्र ग्वालियर का एनआरआई कॉलेज था. इस परीक्षा में चयनित 10 टॉपर में से 7 अभ्यर्थी इसी कॉलेज के परीक्षा केन्द्र से सम्मिलित हुए थे. इन सभी 7 टॉपर अभ्यर्थियों द्वारा अपने हस्ताक्षर हिन्दी में किए गए हैं. जबकि इन सभी के अंग्रेजी विषय में 25 में से 25 अंक आए हैं. पटवारी परीक्षा के घोषित परिणामों को देखने से जो तथ्य जानकारी में आ रहे हैं, उनसे यह आशंका स्वाभाविक है कि इस परीक्षा में व्यापम से भी बड़ा घोटाला हुआ है. भर्ती परीक्षाओं में लगातार होने वाली गड़बड़ी गंभीर चिंता का विषय है. आपसे अनुरोध है कि पटवारी भर्ती परीक्षा की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए ताकि इसमें हुए गड़बड़ी की असलियत सबके सामने आ सके.