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डॉक्टर बनने से पहले समर्पित भावना की सोच जरूरी, केंद्रीय मंत्री बोलीं- देश में बढ़ेगी एम्स की संख्या

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Published : Apr 2, 2023, 8:00 PM IST

भोपाल में एम्स के दीक्षांत समारोह में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि समर्पित भावना से काम करने की सोच पहले आनी चाहिए. एक चरण से दूसरे चरण में जा रहे सभी स्टूडेंट्स आजीवन स्टूडेंट्स रहेंगे, लेकिन अब जिम्मेदारियां ज्यादा हो गई हैं.

bhopal AIIMS 2nd Convocation celebrated
भोपाल एम्स दीक्षांत समारोह

भोपाल। राजधानी में एम्स अस्पताल में द्वितीय दीक्षांत समारोह मनाया गया. इस कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार मौजूद रहीं. यहां इन्होंने छात्रों को 64 स्वर्ण पदक प्रदान किए. इसमें 40 एमबीबीएस और 24 बीएससी नर्सिंग कोर्स के स्टूडेंट थे. साथ ही छात्रों को डिग्रियां भी प्रदान की गईं. अपने उद्बोधन में भारती ने कहा कि ''झीलों के शहर राजा भोज की नगरी भोपाल में आकर मैंने अपने कॉलेज के दिनों को याद कर लिया. यहां पहुंचकर मुझे वही एनर्जी मिल रही है जो कॉलेज के दिनों में मिलती थी.

समाज के प्रति बढ़ा उत्तरदायित्व: राज्य मंत्री भारती ने कहा कि ''दीक्षांत समारोह जिम्मेदारी का एहसास कराता है. एक चरण से जब हम दूसरे चरण पर जाते हैं तब भी आप स्टूडेंट्स ही रहते हैं लेकिन हमारा रोल ज्यादा रिस्पांसिबल हो जाता है. दीक्षांत समारोह की परंपरा में सिखाया जाता है कि हम अपने जीवन को दीक्षा के लिए समर्पित करेंगे. समाज के प्रति हमारा उत्तरदायित्व है कि हमें उसके प्रति काम करने के लिए एक दिशा मिलेगी.''

bhopal AIIMS 2nd Convocation celebrated
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने किया भूमिपूजन

पीएम का किया बखान: राज्य मंत्री भारती ने कहा ''जब डॉक्टर के रूप में आप समाज में जाएंगे तब आपको समाज की सेवा करने का मौका मिलेगा. आपको समाज के इस ऋण को चुकाने का अवसर मिलेगा. इसलिए मैं कहती हूं चिकित्सा के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का सामना करना सीखें. कई लोग कहते हैं प्रधानमंत्री तो काम करते हैं, छुट्टी नहीं लेते. हम तो उन्हें करीब से देखते हैं और हमें भी अचरज होता है कि वह करते कैसे हैं. तो उन्होंने एक बार हमसे कहा जब काम करके दिन खत्म होता है. उस काम में जो आनंद होता है वह कल के काम के लिए और ऊर्जा देता है. तो थकान का तो सवाल ही नहीं उठता. इस ऊर्जा के साथ वह भारत माता की सेवा कर रहे हैं.''

MBBS के लिए सरकार का खर्च: केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार के मुताबिक, ''एम्स में एक एमबीबीएस डॉक्टर के लिए 1.5 करोड़ का खर्चा सरकार देती है. 2014 के पहले 387 मेडिकल कॉलेज देश में थे. आज के समय में 660 मेडिकल कॉलेज देशभर में हैं. यह मोदी सरकार की ही देन है. एमबीबीएस की 2014 के मुकाबले 97% सीटें बढ़ी हैं. आज 1 लाख से अधिक सीटें यूजी (Under Graduation) की है. जबकि पीजी की सीटें 65000 से ज्यादा है. हमनें जन औषधि केंद्र की भी शुरूआत की है. यह मैं इसलिए बता रही हूं क्योंकि आपके पास जो मरीज आएगा अगर वह यह कहेगा कि मेरे पास पैसे नहीं हैं, तो आप को समझाना होगा कि सस्ती दवाइयां और इलाज उसे कैसे और कहां मिल सकता है. इन केंद्रों पर कैंसर की दवा भी उपलब्ध है. जन औषधि केंद्रों के माध्यम से मैंने जब एमबीबीएस की थी, तब मैंने सोचा नहीं था कि मुझे राजनीति में जाना पड़ेगा. लेकिन मैं जन सेवा करते करते राजनेता बन गई और मेरे पुराने पेशेंट ने ही मेरी मदद की.''

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क्रिटिकल यूनिट का भूमि पूजन: इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि ''आपको अपनी लाइफ नहीं देखनी है. आप जहां हैं वह दूसरों की लाइफ यानी जिंदगी बचाने के लिए है. यह हमारा कर्तव्य भी है और दायित्व भी.'' इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने आयुष्मान भारत हेल्थ मिशन के अंतर्गत 150 बिस्तरों वाली क्रिटिकल यूनिट का भी भूमि पूजन किया. साथ ही EMCO मशीन की सुविधा, मिल्क बैंक, 27 बिस्तरों की एनआईसीयू, कार्डिक कार्ट लेब की भी सुविधा का लोकार्पण किया.

भोपाल। राजधानी में एम्स अस्पताल में द्वितीय दीक्षांत समारोह मनाया गया. इस कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार मौजूद रहीं. यहां इन्होंने छात्रों को 64 स्वर्ण पदक प्रदान किए. इसमें 40 एमबीबीएस और 24 बीएससी नर्सिंग कोर्स के स्टूडेंट थे. साथ ही छात्रों को डिग्रियां भी प्रदान की गईं. अपने उद्बोधन में भारती ने कहा कि ''झीलों के शहर राजा भोज की नगरी भोपाल में आकर मैंने अपने कॉलेज के दिनों को याद कर लिया. यहां पहुंचकर मुझे वही एनर्जी मिल रही है जो कॉलेज के दिनों में मिलती थी.

समाज के प्रति बढ़ा उत्तरदायित्व: राज्य मंत्री भारती ने कहा कि ''दीक्षांत समारोह जिम्मेदारी का एहसास कराता है. एक चरण से जब हम दूसरे चरण पर जाते हैं तब भी आप स्टूडेंट्स ही रहते हैं लेकिन हमारा रोल ज्यादा रिस्पांसिबल हो जाता है. दीक्षांत समारोह की परंपरा में सिखाया जाता है कि हम अपने जीवन को दीक्षा के लिए समर्पित करेंगे. समाज के प्रति हमारा उत्तरदायित्व है कि हमें उसके प्रति काम करने के लिए एक दिशा मिलेगी.''

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केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने किया भूमिपूजन

पीएम का किया बखान: राज्य मंत्री भारती ने कहा ''जब डॉक्टर के रूप में आप समाज में जाएंगे तब आपको समाज की सेवा करने का मौका मिलेगा. आपको समाज के इस ऋण को चुकाने का अवसर मिलेगा. इसलिए मैं कहती हूं चिकित्सा के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का सामना करना सीखें. कई लोग कहते हैं प्रधानमंत्री तो काम करते हैं, छुट्टी नहीं लेते. हम तो उन्हें करीब से देखते हैं और हमें भी अचरज होता है कि वह करते कैसे हैं. तो उन्होंने एक बार हमसे कहा जब काम करके दिन खत्म होता है. उस काम में जो आनंद होता है वह कल के काम के लिए और ऊर्जा देता है. तो थकान का तो सवाल ही नहीं उठता. इस ऊर्जा के साथ वह भारत माता की सेवा कर रहे हैं.''

MBBS के लिए सरकार का खर्च: केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार के मुताबिक, ''एम्स में एक एमबीबीएस डॉक्टर के लिए 1.5 करोड़ का खर्चा सरकार देती है. 2014 के पहले 387 मेडिकल कॉलेज देश में थे. आज के समय में 660 मेडिकल कॉलेज देशभर में हैं. यह मोदी सरकार की ही देन है. एमबीबीएस की 2014 के मुकाबले 97% सीटें बढ़ी हैं. आज 1 लाख से अधिक सीटें यूजी (Under Graduation) की है. जबकि पीजी की सीटें 65000 से ज्यादा है. हमनें जन औषधि केंद्र की भी शुरूआत की है. यह मैं इसलिए बता रही हूं क्योंकि आपके पास जो मरीज आएगा अगर वह यह कहेगा कि मेरे पास पैसे नहीं हैं, तो आप को समझाना होगा कि सस्ती दवाइयां और इलाज उसे कैसे और कहां मिल सकता है. इन केंद्रों पर कैंसर की दवा भी उपलब्ध है. जन औषधि केंद्रों के माध्यम से मैंने जब एमबीबीएस की थी, तब मैंने सोचा नहीं था कि मुझे राजनीति में जाना पड़ेगा. लेकिन मैं जन सेवा करते करते राजनेता बन गई और मेरे पुराने पेशेंट ने ही मेरी मदद की.''

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