भोपाल। हर साल 8 मार्च को अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. कई जगह महिलाओं का सम्मान किया जाता है, प्रदेश में कई महिलाएं ऐसी हैं जो दिन-रात मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालती हैं, लेकिन वो सम्मान पाना तो दूर वे ये भी नहीं जानतीं कि महिला दिवस क्या होता है?
राजधानी भोपाल के बांसखेड़ी में रहने वाली महिलाएं बांस की डलिया, सुपड़ी, चटाई, टोकरी आदि बनाकर अपने परिवार का पेट पालती हैं. यहां रहने वाली 82 वर्षीय काशीबाई पिछले 70 सालों से ये काम कर रही हैं. जिन्हें देखकर गांव की अन्य महिलाओं ने भी ये काम शुरू किया, इस दौरान कई सरकारें आईं गईं, लेकिन इनकी तरफ किसी ने भी ध्यान नहीं दिया. एक तरफ सरकार महिलाओं के लिए समान अवसर की बात करती है, जबकि दूसरी तरफ ये महिलाएं 70 सालों से बिना किसी सरकारी मदद के अपने दम पर अपना परिवार चला रही हैं.
काशीबाई विधानसभा भवन क्षेत्र स्थित मेन रोड पर टोकरी की दुकान लगाती हैं. पहले वे बांसखेड़ी इलाके में ही अपना रोजगार चलाती थीं, लेकिन स्मार्ट सिटी के नाम पर बांस खेड़ी की 400 झुग्गियां सरकार ने तुड़वा दी. जिसके बाद बांस का काम करने वाली इन महिलाओं को अपना इलाका छोड़ बांसखेड़ी से 12 किमी दूर जाकर रहना पड़ा, लेकिन ये महिलाएं आज भी 12 किलोमीटर दूर से आकर सुबह से शाम तक बांस की टोकरियां बनाती हैं.
काशीबाई का कहना है कि उन्होंने जब से होश संभाला है, तभी से वह ये काम कर रही हैं. उन्होंने अपने परिवार के साथ ही आसपास के इलाके की महिलाओं को भी इस ओर आने के लिए प्रेरित किया और ये महिलाएं काशीबाई को इसका श्रेय देती हैं.