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अस्थमा और सांस के मरीजों को मास्क लगाना हो सकता है खतरनाक, ये रखें सावधानियां

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Published : Jun 28, 2020, 4:17 PM IST

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए मास्क लगाना जरूरी है, लेकिन अस्थमा और सांस के मरीजों का मास्क लगाना खतरनाक भी हो सकता है. इसके लिए विशेषज्ञों ने कुछ सावधानियां रखने के लिए कहा गया है. पढ़िए पूरी खबर..

Masking of asthma or respiratory patients can be dangerous
अस्थमा या सांस के मरीजों का मास्क लगाना हो सकता है खतरनाक

भोपाल। कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए अब मास्क पहनना जरूरी किया गया है, लेकिन कुछ लोगों के लिए मास्क लगाना खतरनाक भी हो सकता है. ये वो लोग हैं जिन्हें अस्थमा और सांस की बीमारी है. तो फिर ये लोग मास्क पहने या ना पहनें, अगर पहनें तो क्या सावधानी रखें, इस बारे में प्रसिद्ध डॉक्टर जेपी पालीवाल ने जानकारी दी.

डॉ जेपी पालीवाल, प्रसिद्ध सर्जन
दमा और सांस की बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों में वैसे ही ऑक्सीजन का प्रभाव कम रहता है. मास्क लगाने से सांस लेने में कहीं ना कहीं रुकावट तो आती ही है. कभी-कभी तेजी से सांस भी लेनी पड़ती है. ऐसे में दमा और सांस की बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को कुछ सावधानियां रखनी चाहिए, जैसे सांस लेने में दिक्कत हो तो नियमित तौर पर दवा लें, दूसरे व्यक्तियों से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना बहुत जरूरी है. जब बहुत ही आवश्यक काम हो तभी घर से निकलें. सांस की बीमारियों से जुड़ी प्रीवेंटिव और रेपिड मेडिसन होती हैं, उन्हें हमेशा अपने साथ रखें, अगर घर में सभी स्वस्थ हैं, सुरक्षित हैं तो घर में मास्क ना लगाएं.विशेषज्ञों के हिसाब से अस्थमा और सांस के मरीजों के लिए मास्क लगाना घातक भी हो सकता है. ऐसे लोगों के लिए सलाह है कि वो कम से कम और बहुत जरूरी है तभी घर से निकलें.

भोपाल। कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए अब मास्क पहनना जरूरी किया गया है, लेकिन कुछ लोगों के लिए मास्क लगाना खतरनाक भी हो सकता है. ये वो लोग हैं जिन्हें अस्थमा और सांस की बीमारी है. तो फिर ये लोग मास्क पहने या ना पहनें, अगर पहनें तो क्या सावधानी रखें, इस बारे में प्रसिद्ध डॉक्टर जेपी पालीवाल ने जानकारी दी.

डॉ जेपी पालीवाल, प्रसिद्ध सर्जन
दमा और सांस की बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों में वैसे ही ऑक्सीजन का प्रभाव कम रहता है. मास्क लगाने से सांस लेने में कहीं ना कहीं रुकावट तो आती ही है. कभी-कभी तेजी से सांस भी लेनी पड़ती है. ऐसे में दमा और सांस की बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को कुछ सावधानियां रखनी चाहिए, जैसे सांस लेने में दिक्कत हो तो नियमित तौर पर दवा लें, दूसरे व्यक्तियों से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना बहुत जरूरी है. जब बहुत ही आवश्यक काम हो तभी घर से निकलें. सांस की बीमारियों से जुड़ी प्रीवेंटिव और रेपिड मेडिसन होती हैं, उन्हें हमेशा अपने साथ रखें, अगर घर में सभी स्वस्थ हैं, सुरक्षित हैं तो घर में मास्क ना लगाएं.विशेषज्ञों के हिसाब से अस्थमा और सांस के मरीजों के लिए मास्क लगाना घातक भी हो सकता है. ऐसे लोगों के लिए सलाह है कि वो कम से कम और बहुत जरूरी है तभी घर से निकलें.
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