भोपाल। सिंधिया परिवार का क्रिकेट से नाता पुराना है. सिंधिया परिवार की सियासी पिच पर एंट्री क्रिकेट की पिच से ही होती है. भले ही ये परिवार क्रिकेट के खिलाड़ियों में शुमार न रहा हो, लेकिन राजघराना अपने सियासी कैरियर की डोर क्रिक्रेट से ही शुरू करता है. पहले महाआर्यमन के दादा माधवराव सिंधिया और उनके पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी अपने सियासी कैरियर की शुरुआत क्रिकेट एसोसिएशन से ही की थी. अब आर्यमन ने वही रास्ता अपनाया है. करीब दो साल पहले तक कांग्रेस में रहे दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया अब भाजपा में हैं. वह केंद्रीय मंत्री हैं और मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार में उनकी खासी पकड़ है. अब उनके बेटे महाआर्यमन ने भी अपनी सियासी ओपनिंग के लिए क्रिकेट का दामन थामा है. आर्यमन के पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने पुत्र की एंट्री राजनीति में कराने के लिए क्रिकेट का सहारा लिया है. ग्वालियर डिविजन क्रिकेट एसोसिएशन (जीडीसीए) में उन्हें उपाध्यक्ष बनाया गया है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इस जीडीसीए के अध्यक्ष हैं.
सियासत में एंट्री के लिए पीढ़ी दर पीढ़ी एक जैसा रास्ता : गौरतलब है कि आर्यमन पिछले कुछ सालों से लगातार पिता के साथ कदमताल करते हुए दिखाई दिए हैं. ज्योतिरादित्य भी हाल के कार्यक्रम में आर्यमन को खास लोगों से मुलाकात कराते देखे गए हैं. आर्यमन भी पिता के चुनाव प्रचार की बागडोर संभालते हैं. वह सोशल मीडिया पर भी एक्टिव रहते हैं. पिता के अलावा सबसे ज्यादा वह अपनी मां प्रियदर्शनी राजे के करीब माने जाते हैं. 2019 में गुना संसदीय सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए प्रचार के दौरान अपनी मां के साथ आर्यमन भी रहे. पिता से धीरे-धीरे वे सियासी बारीकियां सीख रहे हैं. राजमाता सिंधिया भाजपा की संस्थापक सदस्य रही हैं. सिंधिया परिवार का जब कोई युवराज राजनीति में प्रवेश करता है तो सबसे पहले वह देश के मौजूदा प्रधानमंत्री से मुलाकात करता है. इस दौरान उनका परिवार उनके साथ रहता है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी राजनीति में एंट्री से पहले इंदिरा गांधी से मुलाकात की थी. इसी तरह महाआर्यमन सिंधिया ने हाल ही में अपने पिता के साथ पीएम मोदी से मुलाकात की है.
पहले विदेश में पढ़ाई, फिर सियासत : क्रिकेट एसोसिएशन में नेता क्रिकेट नहीं खेलते, बल्कि यहां से राजनीति की पिच की तैयारी की जाती है. सिंधिया परिवार में विदेश के कॉलेजों में पढ़ाई पूरी की जाती है. माधवराव सिंधिया ने भी राजनीति में एंट्री से पहले ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी. उसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की. उसके बाद महाआर्यमन सिंधिया ने भी येल यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की है. इन्हें भी सिंधिया घराने के मुताबिक पढ़ाई पूरी करने के बाद राजनीति में उतारा गया है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सिंधिया घराने के इतिहास को देखें तो खास बात ये है कि ये सबसे पहले अपने युवराज को पढ़ाई में दक्षता प्राप्त कराते हैं. इसके बाद वे राजनीति में एंट्री करते हैं.
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समर्थकों व विरोधियों के अपने-अपने सवाल : वरिष्ठ पत्रकार और विश्लेषक गिरीश उपाध्याय का कहना है कि महाआर्यमन को भी पूरी पढ़ाई के बाद ही सियासी मैदान में उतारा गया है. वहीं बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि सिंधिया परिवार और राजनीति का गहरा रिश्ता रहा है. विजयाराजे सिंधिया से लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सियासी क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है. अब महाआर्यमन ने क्रिकेट उपाध्यक्ष का पद संभाला है. वे भी आगे चलकर राजनीति में नए झंडे गाड़ेंगे. वहीं, प्रदेश कांग्रेस ने सिंधिया के बेटे महाआर्यमन के क्रिकेट एसोसिएशन में एंट्री कराने पर तंज कसा है . प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा का कहना है कि दल-बदल करने वाले सिंधिया ने मोदीजी से आशीर्वाद लेकर राजनीति में बेटे को एंटर तो करा दिया, अब सिंधिया ये बता दें कि वे मोदी के परिवारवाद के खिलाफ वाले बयान के साथ हैं या नहीं. सिंधिया परिवारवाद का आदर करेंगे या उल्लंघन. ( Son of Sindhia ready for politics) ( Jayotiraditya Sindhia son Mahaaryaman)